नवरात्रि में हर घर में कन्याओं को देवी के रूप में पूजा जाता है। लेकिन शक्ति की सच्ची आराधना वे परिवार कर रहे हैं जिन्होंने शिशुगृहों से कन्याओं को गोद लेकर अपनी सूनी गोद भरी है। गौरतलब है कि गोद लिए गए बच्चों में 99 बेटियाँ हैं। विदेशी नागरिकों द्वारा गोद लिए गए 24 बच्चों में से 14 बेटियाँ भी हैं। ये बेटियाँ भी किसी न किसी बीमारी या शारीरिक विकलांगता से ग्रस्त हैं। इन्हें कभी किसी ने गोद नहीं लिया, बल्कि विदेशी दम्पतियों ने इन्हें दुलारा। इन नन्हीं देवियों का पालन-पोषण अब सात समंदर पार प्यार से किया जा रहा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में विदेशियों ने 4,963 भारतीय बच्चों को गोद लिया है। सबसे ज़्यादा गोद लेने की संख्या संयुक्त राज्य अमेरिका में 2,031 है, जबकि इटली 1,029 के साथ दूसरे स्थान पर है। स्पेन ने 517 भारतीय बच्चों को, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने 252 और माल्टा ने 215 बच्चों को गोद लिया है।
इन देशों में गए बच्चे
2017 से अब तक, विदेश गए सभी बच्चे शारीरिक रूप से विकलांग थे। यही वजह है कि उन्हें यहाँ किसी ने गोद नहीं लिया। गोद लिए गए बच्चों में से स्वीडन, फ़िनलैंड, कनाडा, स्पेन, यूनाइटेड किंगडम, माल्टा, एक सिंगापुर और एक अमेरिका गया।
अब तक देश से 4,963 बच्चे विदेश जा चुके हैं
-अब तक कुल 177 बच्चों को गोद लिया जा चुका है।
-153 बच्चों को विभिन्न राज्यों में गोद दिया गया है।
-इनमें से 24 बच्चों को विदेश में गोद लिया गया है।
-68 बच्चे पुरुष वर्ग में थे।
-85 महिला वर्ग में थे।
बच्चे इन बीमारियों से पीड़ित थे:
-6 बच्चों को हृदय संबंधी समस्या थी।
-5 बच्चे कमज़ोर पैदा हुए थे।
-1 को CTEV था।
-3 को त्वचा रोग थे।
-6 बच्चों का विकास रुका हुआ था।
-1 बच्चा ट्रांसजेंडर था।
लक्ष्मी बनकर खुशियाँ फैला रही हैं
उदयपुर ज़िले के शिशुगृह में अब तक 177 बच्चों को नया जीवन मिला है। इनमें से 85 बेटियों को भारतीय परिवारों ने गोद लिया, जबकि 14 को विदेशी परिवारों ने। कभी परित्यक्त रहीं ये बेटियाँ आज कई घरों में लक्ष्मी बनकर खुशियाँ बिखेर रही हैं।
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