राजस्थान में नकली जैव उर्वरक बनाने वाली दो बड़ी इकाइयों का पर्दाफाश हुआ है। ये नकली उर्वरक ज़मीन को उपजाऊ बनाने के बजाय, उसे बंजर बना देते हैं, जिससे किसानों को आगे चलकर भारी नुकसान होता है। ये छापे राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने मारे। कृषि मंत्री ने पिछले रविवार को बीकानेर ज़िले में दो नकली जैव उर्वरक निर्माण इकाइयों पर छापा मारकर इनका पर्दाफ़ाश किया। पहली छापेमारी गजनेर थाना क्षेत्र के खादी गंगापुर गाँव में हुई, जहाँ लगभग 24,000 बोरी नकली उर्वरक ज़ब्त किया गया।
एक अन्य इकाई से 40,000 बोरी ज़ब्त
कोलायत से तीन किलोमीटर दूर सांखला परती में दूसरी छापेमारी हुई। छापेमारी दल ने भी 40,000 बोरी ज़ब्त कीं। छापेमारी के दौरान कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक मदन लाल और अन्य अधिकारी मौजूद थे। कृषि मंत्री ने कहा कि ये इकाइयाँ न केवल राजस्थान के भीतर, बल्कि नेपाल तक भी उर्वरक की आपूर्ति कर रही थीं। उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसी इकाइयों पर कड़ी नज़र रखने की ज़रूरत है।
कृषि मंत्री की किसानों से अपील
गौरतलब है कि इससे पहले पदमपुर में एक नकली उर्वरक इकाई पर छापेमारी की गई थी, जहाँ नकली उर्वरक पाए गए थे। मंत्री ने अपने अधिकारियों को दोनों इकाइयों को तुरंत सील करने और उर्वरक के नमूने जाँच के लिए भेजने के निर्देश दिए। कृषि मंत्री ने ऐसे धोखेबाजों को चेतावनी देते हुए कहा कि उर्वरक और बीज बनाने और बेचने की आड़ में इस तरह की धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने किसानों से भी अपील की कि वे केवल प्रमाणित विक्रेताओं से ही उर्वरक और बीज खरीदें और किसी भी संदेह की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
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