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बांसवाड़ा में जर्जर मकान की छत गिरी, परिवार बाल-बाल बचा

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शनिवार को बांसवाड़ा के कंधारवाड़ी इलाके में एक बड़ा हादसा टल गया। यहां 60 साल पुराने दो मंज़िला मकान की छत अचानक भरभराकर गिर गई। हालांकि, गनीमत रही कि घर में मौजूद परिवार के सभी सदस्य समय रहते बाहर निकल गए, जिससे कोई जनहानि नहीं हुई।

छत गिरने का वक्त और परिस्थितियाँ

स्थानीय लोगों के अनुसार, मकान की स्थिति लंबे समय से जर्जर थी। शनिवार दोपहर अचानक मकान की छत से अजीब आवाजें आने लगीं। घर में परिवार के पाँच सदस्य और एक मासूम बच्चा मौजूद थे। जैसे ही आवाजें आईं, सभी सदस्यों ने तुरंत बाहर निकलने का निर्णय लिया। इसके कुछ ही क्षण बाद पूरी छत गिर गई।

परिवार की प्रतिक्रिया

परिवार के सदस्यों ने बताया कि छत गिरने से पहले उन्हें किसी तरह का पूर्व संकेत मिला और इसी वजह से वे सुरक्षित बाहर निकल सके। परिवार ने स्थानीय प्रशासन और पड़ोसियों का धन्यवाद किया, जिन्होंने मौके पर सहायता प्रदान की।

स्थानीय लोगों की मदद

स्थानीय लोगों के अनुसार, घटना के बाद उन्होंने तुरंत पुलिस और नगर परिषद को सूचित किया। कुछ लोगों ने मलबे की सफाई में भी मदद की और परिवार को सुरक्षित स्थान पर ले जाने में सहयोग किया।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

नगर परिषद और पुलिस अधिकारियों ने मौके का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने बताया कि यह मकान जर्जर था और ऐसे पुराने मकानों की नियमित जाँच जरूरी है। प्रशासन ने चेतावनी दी कि इलाके के अन्य पुराने मकानों का निरीक्षण कर उन्हें सुरक्षित करने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे।

विशेषज्ञों की राय

स्थानीय बिल्डिंग विशेषज्ञों का कहना है कि पुराने मकानों की छतें समय के साथ कमजोर हो जाती हैं। खासकर यदि इनकी नियमित मरम्मत न की जाए, तो अचानक गिरने का खतरा बना रहता है। विशेषज्ञों ने आम जनता से अपील की है कि वे अपने पुराने मकानों का निरीक्षण करवा कर समय पर मरम्मत कराएं।

इलाके में सुरक्षा को लेकर चेतावनी

इस घटना ने पूरे कंधारवाड़ी इलाके में सुरक्षा को लेकर लोगों में चेतावनी पैदा कर दी है। कई परिवार अब अपने पुराने मकानों की मजबूती की जांच करवा रहे हैं। प्रशासन ने भी आम नागरिकों से अपील की है कि किसी भी जर्जर मकान में रहने से पहले उसकी संरचनात्मक सुरक्षा की पुष्टि करें।

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