अफ़ग़ानिस्तान के पक्तीका प्रांत के उर्गून ज़िले में हमले के बाद तालिबान सरकार का प्रतिनिधिमंडल क़तर में पाकिस्तान से बातचीत के लिए दोहा पहुंचा है.
तालिबान के रक्षा मंत्रालय ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें रक्षा मंत्री मुल्ला मोहम्मद याक़ूब मुजाहिद को क़तर के दोहा में एक विमान से उतरते हुए देखा जा सकता है.
पाकिस्तान ने दोहा में बातचीत के लिए प्रतिनिधिमंडल भेजने की पुष्टि की है और हमले को सही ठहराया है.
पाकिस्तान का कहना है कि ख़ुफ़िया 'पुष्ट' रिपोर्टों के आधार पर हाफ़िज़ गुल बहादुर के ख़िलाफ़ एक अभियान चलाया गया, जिसमें कम से कम 60 से 70 आतंकवादी मारे गए.
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वहीं, अफ़ग़ानिस्तान की तालिबान सरकार का दावा है कि पाकिस्तान ने संघर्षविराम का उल्लंघन किया है और हमलों में आम नागरिक मारे गए हैं.
हमले में तीन युवा क्रिकेटरों की मौत हुई. इस पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने शोक व्यक्त किया है.
इसके अलावा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूरोपीय संघ ने भी घटना पर प्रतिक्रिया दी है.
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पाकिस्तान का कहना है कि सुरक्षा बलों ने अफ़ग़ान सीमा से लगे उत्तरी और दक्षिणी वज़ीरिस्तान ज़िलों के सीमावर्ती क्षेत्रों में 'आतंकवादी शिविरों' को निशाना बनाया है.
पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्री अताउल्लाह तारड़ ने एक्स पर एक बयान में कहा कि बॉर्डर पर 'आतंकवादी' समूह हाफ़िज़ गुल बहादुर के ठिकानों पर हमला किया गया है.
बीबीसी पश्तो के मुताबिक़, इन हमलों में कम से कम 17 लोगों की मौत हुई है. इनमें तीन क्रिकेटर कबीर आग़ा, सिबग़तुल्लाह और हारून भी हैं.
अफ़ग़ानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (एसीबी) ने इस हमले को 'कायराना हमला' बताया और अगले महीने से होने वाली तीन देशों की टी20 सिरीज़ से हटने का फ़ैसला किया है.
तालिबान ने इसे संघर्षविराम समझौते का उल्लंघन बताया है.
पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान 48 घंटे के संघर्षविराम पर सहमत हुए थे. दोनों के बीच क़तर की मध्यस्थता में दोहा में बातचीत चल रही है.

अफ़ग़ानिस्तान के खिलाड़ी राशिद ख़ान ने हमले को 'त्रासदी' बताया है और कहा है कि वह पाकिस्तान के साथ होने वाली त्रिकोणीय सीरीज़ से पीछे हटने के एसीबी के फ़ैसले का समर्थन करते हैं.
पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर और टीम के पूर्व कप्तान शाहिद अफ़रीदी ने अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान के बीच हाल ही में बढ़े तनाव और झड़पों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है.
अफ़रीदी ने एक्स पर लिखा, "पाकिस्तान हमेशा अपने अफ़ग़ान भाइयों के साथ खड़ा रहा है और उनके मुद्दों को अपना समझा है. हमने अपनी सीमाएं खोलीं और 40 लाख अफ़ग़ान शरणार्थियों को यहां बसाया."
"मैं खुद अपनी क्षमता के अनुसार 350 अफ़ग़ान परिवारों की मदद करता हूं. लेकिन अफ़सोस की बात है कि पिछले कुछ दिनों में अफ़ग़ानिस्तान ने इन सब बातों को भुलाकर हमारी सीमाओं पर सीधा हमला किया, जिसका जवाब हमारी सेना ने मज़बूती से दिया."
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अफ़ग़ानिस्तान तालिबान ने इस हमले को 'अपराध' क़रार दिया है और कहा कि इसका जवाब दिया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि जब तक दोनों के बीच बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकलता, सेना को किसी तरह की गतिविधि से बचना चाहिए.
अफ़ग़ान तालिबान के प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने बताया कि रक्षा मंत्री मोहम्मद याक़ूब की अगुवाई में एक अफ़ग़ान प्रतिनिधिमंडल दोहा वार्ता में शामिल होने के लिए क़तर रवाना हो गया है.
'एक्स' पर जारी अपने बयान में मुजाहिद ने आरोप लगाया कि "शुक्रवार रात पाकिस्तानी सेना ने पक्तीका प्रांत के रिहायशी इलाकों में हवाई हमले किए. इसमें कई आम नागरिकों की मौत हो गई और कुछ घायल हुए."
मुजाहिद ने कहा कि अफ़ग़ान सरकार अफ़ग़ानिस्तान की संप्रभुता के उल्लंघन की कड़ी निंदा करती है और इन कार्रवाइयों का जवाब देने का अधिकार अपने पास रखती है.
3. दोहा में बातचीततालिबान सरकार के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि मुल्ला मोहम्मद याक़ूब एक उच्च स्तरीय तालिबान प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए पाकिस्तानी पक्ष के साथ बातचीत के लिए दोहा पहुंचे हैं.
दोहा में ही अमेरिका और तालिबान के बीच ऐतिहासिक समझौता हुआ था. इसके अलावा इसराइल और हमास के बीच युद्धविराम की बातचीत भी दोहा में हुई थी.
पाकिस्तान की ओर से बताया गया है कि रक्षा मंत्री ख़्वाजा मोहम्मद आसिफ़ और इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस प्रमुख जनरल असीम मलिक के नेतृत्व में एक सैन्य प्रतिनिधिमंडल अफ़ग़ान तालिबान प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत के लिए दोहा रवाना हो रहा है.
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बीबीसी उर्दू के मुताबिक़, 2014 में उत्तरी वज़ीरिस्तान में एक बड़ा सैन्य अभियान शुरू किया गया था. इस ऑपरेशन से पहले, हाफ़िज़ गुल बहादुर समूह को सरकार समर्थक माना जाता था.
ऐसी ख़बरें थीं कि यह समूह पाकिस्तान में तालिबान के भीतर सुरक्षा बलों पर हमलों का विरोध करता था. विश्लेषक इस समूह के बारे में कहते रहे हैं कि वे 'अच्छे तालिबान' थे.
2022 में जब तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के साथ बातचीत शुरू हो रही थी, तब तालिबान के हाफ़िज़ गुल बहादुर समूह के साथ बातचीत की ख़बरें आई थीं और यह भी कहा गया था कि उत्तरी वज़ीरिस्तान तक युद्धविराम की घोषणा हुई है. लेकिन इसके बारे में और कोई जानकारी सामने नहीं आई.
अक्तूबर 2021 में अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान सरकार की स्थापना के बाद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा था कि तालिबान के विभिन्न गुटों के साथ बातचीत की जा रही है. इसमें हाफ़िज़ गुल बहादुर समूह भी था.
5. ट्रंप का बयानअमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान के बीच विवाद सुलझाना उनके लिए 'आसान काम' है.
पत्रकारों से बातचीत में ट्रंप ने कहा, "अगर मुझे इसे (पाकिस्तान-अफ़ग़ानिस्तान संघर्ष) हल करना पड़े तो यह मेरे लिए आसान है. फ़िलहाल मुझे अमेरिका चलाना है, लेकिन युद्ध रोकना मुझे पसंद है. जानते हैं क्यों? मुझे लोगों की हत्या रोकना अच्छा लगता है और मैंने करोड़ों जानें बचाई हैं."
ट्रंप ने ख़ुद को 'दुनिया में शांति का सौदागर' बताया और अपने पुराने बयानों को दोहराते हुए कहा कि उन्होंने आठ देशों के बीच युद्धविराम कराया है.
यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख काया कलास ने कहा, "मैंने पाकिस्तान के इसहाक़ डार को फ़ोन किया और साफ़ तौर पर कहा कि हम हर तरह के आतंकवाद की निंदा करते हैं. अफ़ग़ानिस्तान के साथ झड़पों में दोनों तरफ़ लोग मारे जा रहे हैं और इससे इलाके में नई परेशानी खड़ी हो सकती है."
काया कलास का कहना है कि युद्धविराम को बढ़ाना ज़रूरी है और सभी पक्ष मिलकर तनाव कम करें.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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