केंद्र सरकार ने सभी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बड़ी राहत दी है। अब रिटायरमेंट के बाद पेंशन और रिटायरमेंट बेनिफिट्स पाने में जारा सी भी देरी नहीं होगी इसके लिए सरकार ने एक नए व्यापक दिशा-निर्देश को जारी किया हैं। बता दे कि अब एक बार तय की गई पेंशन या पारिवारिक पेंशन को घटाया नहीं जा सकेगा, जब तक कि उसमें कोई स्पष्ट लेखन या गणना संबंधी गलती न पाई जाए। यह आदेश कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के तहत आने वाले Department of Pension and Pensioners’ Welfare (DoPPW) ने इसको जारी किया है।
DoPPW की मंजूरी
DoPPW ने अपने आदेश में स्पष्ट कर दिया है कि यदि किसी पेंशन या पारिवारिक पेंशन में त्रुटि दो वर्ष से अधिक समय बाद पाई जाती है तो फिर पेंशन को घटाने या उससे संशोधित करने से पहले विभाग की मंजूरी लेना अनिवार्य होगा। सर्कुलर में कहा गया है कि एक बार जब पेंशन को अंतिम रूप से अधिकृत कर दिया गया हो या CCS (Pension) Rules, 2021 के नियम 66(1) के अंतर्गत संशोधित किया गया हो, तब उसे पेंशनभोगी के नुकसान में तब तक बदला नहीं जा सकता जब तक कि उसमें कोई क्लेरिकल या कैलकुलेशन एरर न हो।
गलती से अधिक भुगतान पर क्या होगा फैसला
नए निर्देशों में यह भी कहा गया है कि अगर किसी पेंशनर को गलती से ज्यादा भुगतान कर दिया गया है और यह उसकी गलती से नहीं हुआ है, तो संबंधित मंत्रालय या विभाग यह तय करेगा कि उस अतिरिक्त राशि को वसूला जाए या माफ कर दिया जाए। अगर वसूली का निर्णय लिया जाता है तो पेंशनभोगी को रकम लौटाने के लिए दो महीने का नोटिस दिया जाएगा। यदि नोटिस की अवधि समाप्त होने के बाद भी राशि वापस नहीं की जाती, तो यह रकम भविष्य की पेंशन किस्तों से चरणबद्ध तरीके से काटी जा सकती है।
मंत्रालयों और विभागों को दिए गए सख्त निर्देशDoPPW ने अपने सभी मंत्रालयों और विभागों को निर्देश दिया है कि वे इस आदेश का सही से पालन सुनिश्चित करें। इसके अलावा, पेंशन से संबंधित सभी शाखाओं और कार्यालयों में यह सर्कुलर प्रसारित किया जाए जिससे भविष्य में किसी पेंशनर को अनावश्यक असुविधा का सामना न करना पड़े।
फैसले का महत्व
सरकार का यह कदम उन पेंशनभोगियों के लिए राहत लेकर आया है जिन्हें वर्षों बाद “अधिक भुगतान” या “गणना की गलती” के नाम पर पेंशन घटाने या रिकवरी नोटिस का सामना करना पड़ता था। अब ऐसा केवल तभी संभव होगा जब पेंशन तय होने के दो साल के भीतर कोई वास्तविक गणना संबंधी त्रुटि पाई जाए। यह निर्णय सरकारी पेंशन प्रणाली में पारदर्शिता लाने और वरिष्ठ नागरिकों के हितों की रक्षा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है
DoPPW की मंजूरी
DoPPW ने अपने आदेश में स्पष्ट कर दिया है कि यदि किसी पेंशन या पारिवारिक पेंशन में त्रुटि दो वर्ष से अधिक समय बाद पाई जाती है तो फिर पेंशन को घटाने या उससे संशोधित करने से पहले विभाग की मंजूरी लेना अनिवार्य होगा। सर्कुलर में कहा गया है कि एक बार जब पेंशन को अंतिम रूप से अधिकृत कर दिया गया हो या CCS (Pension) Rules, 2021 के नियम 66(1) के अंतर्गत संशोधित किया गया हो, तब उसे पेंशनभोगी के नुकसान में तब तक बदला नहीं जा सकता जब तक कि उसमें कोई क्लेरिकल या कैलकुलेशन एरर न हो।
गलती से अधिक भुगतान पर क्या होगा फैसला
नए निर्देशों में यह भी कहा गया है कि अगर किसी पेंशनर को गलती से ज्यादा भुगतान कर दिया गया है और यह उसकी गलती से नहीं हुआ है, तो संबंधित मंत्रालय या विभाग यह तय करेगा कि उस अतिरिक्त राशि को वसूला जाए या माफ कर दिया जाए। अगर वसूली का निर्णय लिया जाता है तो पेंशनभोगी को रकम लौटाने के लिए दो महीने का नोटिस दिया जाएगा। यदि नोटिस की अवधि समाप्त होने के बाद भी राशि वापस नहीं की जाती, तो यह रकम भविष्य की पेंशन किस्तों से चरणबद्ध तरीके से काटी जा सकती है।
मंत्रालयों और विभागों को दिए गए सख्त निर्देशDoPPW ने अपने सभी मंत्रालयों और विभागों को निर्देश दिया है कि वे इस आदेश का सही से पालन सुनिश्चित करें। इसके अलावा, पेंशन से संबंधित सभी शाखाओं और कार्यालयों में यह सर्कुलर प्रसारित किया जाए जिससे भविष्य में किसी पेंशनर को अनावश्यक असुविधा का सामना न करना पड़े।
फैसले का महत्व
सरकार का यह कदम उन पेंशनभोगियों के लिए राहत लेकर आया है जिन्हें वर्षों बाद “अधिक भुगतान” या “गणना की गलती” के नाम पर पेंशन घटाने या रिकवरी नोटिस का सामना करना पड़ता था। अब ऐसा केवल तभी संभव होगा जब पेंशन तय होने के दो साल के भीतर कोई वास्तविक गणना संबंधी त्रुटि पाई जाए। यह निर्णय सरकारी पेंशन प्रणाली में पारदर्शिता लाने और वरिष्ठ नागरिकों के हितों की रक्षा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है
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