भारत को कर्मभूमि कहा जाता है, जहां लोग मेहनत करके अपनी रोजी-रोटी कमाते हैं। कई लोग दिन-रात काम करके मुश्किल से दो वक्त का खाना जुटाते हैं, जबकि कुछ लोग ऐसे भी हैं जो भीख मांगने के काम में लगे हुए हैं। भीख मांगना आमतौर पर एक सम्मानजनक कार्य नहीं माना जाता, और हम सोचते हैं कि यह केवल गरीब और जरूरतमंद लोग करते हैं। लेकिन यह धारणा गलत है।
आज हम आपको उन भिखारियों के बारे में बताएंगे, जिनके पास संपत्ति और ऐशो-आराम की कोई कमी नहीं है।
बिरभीचंद आजाद मुंबई के निवासी बिरभीचंद आजाद का निधन 82 वर्ष की आयु में हुआ। उनकी मृत्यु के बाद पुलिस ने उनके घर से 1.77 लाख रुपये के सिक्के और 8.77 लाख रुपये के फिक्स्ड डिपॉजिट के दस्तावेज बरामद किए। उनके पास सभी आवश्यक पहचान पत्र जैसे आधार कार्ड और पैन कार्ड भी थे।
सर्वतिया देवी भीख मांगने का काम करती हैं, लेकिन उनके पास किसी चीज की कमी नहीं है। वे पटना में रहती हैं और अपनी बेटी का विवाह अच्छे घर में कर चुकी हैं। वे हर साल 36 हजार रुपये का इंश्योरेंस प्रीमियम भी भरती हैं।
भारत जैन भी एक अमीर भिखारी हैं, जिनकी आयु 50 वर्ष से अधिक है। उन्होंने भीख मांगकर मुंबई में 70 लाख रुपये के दो फ्लैट खरीदे हैं। उनकी मासिक आय 75 लाख रुपये है।
संभाजी काले अपने परिवार के साथ भीख मांगते हैं और प्रतिदिन हजारों रुपये कमाते हैं। उनके पास विरार में दो मकान और एक फ्लैट है।
कृष्णा कुमार प्रतिदिन 1500 रुपये कमाते हैं और मुंबई में चर्नी रोड के पास भीख मांगना पसंद करते हैं। उन्होंने वहां एक फ्लैट भी खरीदा है।
लक्ष्मीदास ने 16 साल की उम्र में भीख मांगना शुरू किया और अब तक 50 साल से अधिक समय से इस काम में लगे हैं।
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