Deepawali Festival Calendar 2025 Dhanteras to Bhai Dooj : दीपावली महापर्व 2025 की शुरुआत अब बस कुछ दिन से शुरू होने वाली है. हिंदू धर्म में दीपावली का विशेष महत्व है और यह लक्ष्मी पूजा का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है. दीपावली को महापर्व का दर्जा प्राप्त है क्योंकि यह पर्व एक या दो दिन नहीं बल्कि यह पर्व पांच दिन तक मनाया जाता है, ये पांचों दिन पंचदिवसीय दीपोत्सव कहलाते हैं. दीपावली महापर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है और इसके अगले दिन छोटी दिवाली का पर्व मनाया जाता है, जिसे नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है. छोटी दिवाली के बाद गणेश-लक्ष्मी पूजन दीपावली का पर्व मनाया जाता है. दिवाली के बाद गोवर्धन पूजन और सबसे अंत में भाई दूज का पर्व मनाया जाता है. दीपावली महापर्व का इंतजार बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्ग, महिलाएं समेत सभी करते हैं. आइए जानते हैं दीपावली महापर्व 2025 कैलेंडर के बारे में, कब कौन सा पर्व मनाया जाएगा…
धनतेरस 2025
दीपावली महापर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है, यह पर्व हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. इस बार यह शुभ तिथि 18 अक्टूबर दिन शनिवार को है. इस दिन धन्वंतरि भगवान (आयुर्वेद के देवता) और कुबेर देव की पूजा की जाती है. इस दिन समुद्र मंथन से धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे इसीलिए धनतेसर के पर्व को आरोग्य और धन की स्थिरता का प्रतीक माना गया है. इस दिन सोना-चांदी, बर्तन, नए सामान की खरीदारी शुभ मानी जाती है.
छोटी दिवाली/नरक चतुर्दशी 2025
दीपावली महापर्व के दूसरे दिन छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है. इस बार यह पर्व 19 अक्टूबर दिन रविवार को मनाया जाएगा, हर वर्ष यह पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. छोटी दिवाली के दिन भगवान कृष्ण और यमराज की पूजा की जाती है और इस दिन घरों में दीपक जलाए जाते हैं और एक मुख्य दीपक दक्षिण दिशा की तरफ यम के नाम का जलाया जाता है. वहीं भगवान श्रीकृष्ण ने इस दिन नरकासुर का वध किया था इसीलिए इसे नरक चतुर्दशी कहा गया.
गणेश-लक्ष्मी पूजन 2025
महापर्व का सबसे बड़ा पर्व है गणेश-लक्ष्मी पूजन वाला दिन, यह पर्व हर वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है. इस बार यह शुभ तिथि 20 अक्टूबर दिन सोमवार को मनाया जाएगा. जब अमावस्या की अंधकार रात होती है, तब दीपक जलाकर पूरे परिवार के साथ गणेश-लक्ष्मी पूजन किया जाता है. गणेश-लक्ष्मी के साथ इस दिन कुबेर देव की भी पूजा होती है. अमावस्या चंद्र रहित होने की वजह से इस अंधकार में दीप प्रज्वलन ज्ञान का प्रतीक है. दीपावली महापर्व का यह सबसे बड़ा दिन मनाया जाता है.
गोवर्धन पूजन 2025
दीपावली महापर्व का चौथा पर्व गोवर्धन पूजन होता है, गोवर्धन पूजन को अन्नकूट के नाम से जाना जाता है. हर वर्ष यह पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है और इस बार यह शुभ तिथि 22 अक्टूबर दिन बुधवार को मनाया जाएगा. इस दिन गोबर से घर घर गोवर्धन महाराज बनाए जाते हैं और पूरे परिवार के साथ पूजन किया जाता है. इस दिन श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठाकर देवराज इंद्र का अभिमान तोड़ा और ब्रजवासियों की रक्षा की.
भाई दूज 2025
दीपावली महापर्व का अंतिम पर्व भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक भाई दूज का पर्व मनाया जाता है. हर वर्ष यह पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है और इस बार यह पर्व 23 दिन अक्टूबर दिन गुरुवार को मनाया जाएगा. इस दिन बहनें भाइयों को तिलक कर उनके दीर्घायु की कामना करती हैं और फिर भाई उपहार स्वरूप वस्त्र या मिठाई देते हैं. भाई दूज का पर्व प्रेम, स्नेह और दीर्घायु का प्रतीक है.
You may also like
सुन्दर स्लिम दिखने से लेकर कैंसर की बीमारी का इलाज` है कुट्टू का आटा ,आईये जानते है किस तरह खाएं
वाहन के नंबर के साथ छेड़छाड़ करने वाले 18 वाहन मालिकों पर ट्रैफिक पुलिस ने की कार्रवाई
आदिवासी हुंकार रैली की पूर्व संध्या पर आदिवासी संगठनों ने निकाला जुलूस
नाबालिग के साथ दुष्कर्म: पिता की क्रूरता ने उठाए सुरक्षा के सवाल
पति की जॉब गई तो पड़े खाने-पीने के लाले फिर` कार में खोला ढाबा अब रोज भरती है कई लोगों का पेट