इस दिवाली हापुड़ की बुजुर्ग महिला की दिवाली पुलिस अधिकारियों ने खास बना दी. स्टेशन इंचार्ज विजय गुप्ता और उनके सहयोगियों ने पूरे दिन खाली पड़े दीयों के स्टॉल से सभी दीए खरीदे और महिला को आशीर्वाद दिया. वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और लोगों ने इस इंसानियत भरे कदम की खूब सराहना की. यह कहानी त्योहारों की सच्ची भावना प्रेम, दया और स्थानीय कारीगरों के समर्थन को उजागर करती है.
दिवाली जैसे त्योहार सिर्फ़ रोशनी और पटाखों तक सीमित नहीं होते, बल्कि यह अपनापन, दया और दूसरों के प्रति सहानुभूति का समय भी होता है. ऐसे मौके पर छोटे-छोटे दिल छू लेने वाले काम इंटरनेट पर वायरल हो जाते हैं, क्योंकि ये त्योहार की सच्ची भावना को दिखाते हैं. चाहे वह किसी के लिए सरप्राइज हो, किसी की मदद करना हो या किसी की मुस्कान में हिस्सा बनना हो, ऐसे पल हमेशा याद रह जाते हैं.
इस दिवाली सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है, जिसमें उत्तर प्रदेश पुलिस के अधिकारियों ने हापुड़ की एक बुजुर्ग महिला की दिवाली को खास बना दिया. महिला मिट्टी के दीयों की विक्रेता हैं और उनका स्टॉल पूरे दिन खाली पड़ा था.
पुलिस ने खरीदे सभी दीयेवीडियो में दिखाया गया है कि स्टेशन इंचार्ज विजय गुप्ता और उनके सहयोगी पुलिस अधिकारी महिला से उसके सभी दीये खरीद लेते हैं. महिला कहती हैं कि पूरे दिन कोई ग्राहक नहीं आया, लेकिन इन अधिकारियों ने न केवल उसके दीये खरीदे बल्कि उसका मन भी खुश कर दिया.
बुजुर्ग महिला ने दिया आशीर्वाददीयों की बिक्री के बाद महिला भावुक होकर पुलिस अधिकारियों को आशीर्वाद देती हैं, “मेरी दुआ हमेशा आपके साथ रहे. आप दीर्घायु हों.” वीडियो के अंत में पुलिस अधिकारी महिला को 1000 रुपये भी देते हैं, जो उनके समर्थन और सम्मान का प्रतीक है.
सोशल मीडिया पर क्या बोले लोग?
सोशल मीडिया पर इस वीडियो को देखकर लोगों ने पुलिस की इस इंसानियत भरी पहल की खूब सराहना की. राज यादव नामक यूजर ने लिखा, “स्टेशन इंचार्ज विजय गुप्ता का यह कदम दिल को छू गया. आज के समय में जब लोग आगे बढ़ते हुए भी दूसरों को नहीं देखते, इस छोटे से काम ने एक बुजुर्ग महिला की दिवाली रोशन कर दी.” Energy_Capital7 नामक यूजर ने लिखा, “इस धनतेरस पर अम्मा जैसे स्थानीय कारीगरों का समर्थन करके, हम न केवल पारंपरिक शिल्प कौशल को संरक्षित करते हैं, बल्कि जमीनी स्तर से भारत की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करते हैं, और अधिक समुदायों को स्थायी रूप से फलने-फूलने के लिए प्रेरित करते हैं.”
स्थानीय कारीगरों का समर्थन और संदेशदूसरे यूजर ने लिखा, “स्थानीय कारीगरों का समर्थन ही इस त्योहार की सच्ची चमक है.” तीसरे यूजर ने भावुक होते हुए कहा, “इससे मेरी आंखों में आंसू आ गए. यही हमारे त्योहारों की असली भावना है – प्रेम, दया और विनम्रता.” इस कहानी से साफ है कि त्योहार सिर्फ रोशनी नहीं, बल्कि इंसानियत और समाज में अपनापन फैलाने का समय भी है. अन्य यूजर्स ने यूपी पुलिस की तारीफ की है.
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