Nepal Gen-Z Protest: हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद नेपाल में इस समय सियसी संकट गरा गया है। सोशल मीडिया पर बैन से भड़के आंदोलन ने ओली सरकार का तख्तापलट कर दिया है। नेपाल में जिस तरह के हालात बने हुए हैं उसे लेकर सबसे बड़ा सवाल यही है कि देश की बागडोर किसके हाथ में होगी। इस आंदोलन में जिस नाम की चर्चा सबसे अधिक है वो है सुशीला कार्की। फिलहाल, आंदोलनकारियों के बीच सुशीला कार्की के नाम पर सहमति बनती हुई नहीं दिख रही है लोग काठमांडू के मेयर बालेन शाह का नाम भी ले रहे हैं।
बालेन शाह ने लोगों से क्या कहा?
इस बीच बालेन शाह ने जनता के नाम संदेश दिया है। सोशल मीडिया पर दिए अपने इस संदेश में शाह ने कहा, ” प्रिय Gen-Z और सभी नेपालियों से मेरा अनुरोध है, अब देश की एक अलग स्थिति में है जो इतिहास में नहीं है। अब आप सुनहरे भविष्य की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। कृपया इस समय घबराएं नहीं, धैर्य रखें। अब देश अंतरिम सरकार के पास जा रहा है, जो देश में नए चुनाव कराएगी। इस अंतरिम सरकार का काम है चुनाव कराना और देश को नया जनादेश देना। आपका यह प्रस्ताव अंतरिम/चुनाव सरकार का नेतृत्व करने के लिए पूर्व मुख्य न्यायाधीश श्री सुशीला कार्की जी को पूर्ण समर्थन है। मैं आपकी समझ, विवेक और एकता का तहे दिल से सम्मान करना चाहता हूं। यही कारण है कि यह दिखाता है कि आप सभी कितने परिपक्व हैं। उन मित्रों को क्या कहें जो अभी जल्दी में आना चाहते हैं- आपका जुनून, आपकी सोच, आपकी अखंडता की देश को स्थायी रूप से जरूरत है, अस्थायी रूप से नहीं। चुनाव तो होंगे ही उसके लिए कृपया जल्दी मत करो।”
नेपाल में कितने लोगों की हुई मौत
नेपाल में पिछले 2 दिनों से जारी सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शनों के दौरान 3 पुलिसकर्मी सहित कम से कम 30 लोग मारे गए है। पुलिस और अधिकारियों ने बुधवार को इस बारे में जानकारी दी है। पुलिस और अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को संसद भवन के सामने प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा बलों की गोलीबारी में 19 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर युवा थे। नेपाल पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि हिंसक प्रदर्शनों के दौरान मंगलवार को काठमांडू के कोटेश्वर इलाके में भीड़ ने 3 पुलिसकर्मियों को मार डाला। पुलिस ने बताया कि मंगलवार को कालीमाटी थाने पर पुलिस के साथ झड़प में 3 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई। स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मंत्रालय के के अनुसार प्रदर्शनों के दौरान 1000 से अघिक लोग घायल हुए है।
नेपाल में क्यों शुरू हुआ प्रदर्शन?
बता दें कि, नेपाल में हालिया प्रदर्शन मुख्य रूप से सरकार द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स (जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, और एक्स) पर प्रतिबंध लगाने के फैसले के विरोध में शुरू हुए थे। यह प्रतिबंध सरकार ने इसलिए लगाया था क्योंकि इन प्लेटफॉर्म्स ने नेपाल सरकार के साथ पंजीकरण की समय सीमा का पालन नहीं किया था। सरकार का तर्क था कि यह कदम अनियंत्रित कंटेंट, फर्जी खबरों और अवैध गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए जरूरी था। Gen-Z ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला माना। उनका आरोप था कि सरकार भ्रष्टाचार और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर उनकी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है । इसके बाद प्रदर्शन काठमांडू से शुरू होकर देश के अन्य शहरों में फैल गया, और इसने हिंसक रूप ले लिया।
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