Patna, 1 नवंबर . एनएसयूआई के राष्ट्रीय प्रभारी कन्हैया कुमार ने Saturday को बिहार की Government पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार Government को न राज्य के लोगों की तकलीफ की चिंता है, न युवाओं की उम्मीदों की. उन्होंने कहा कि बीस साल से सत्ता में रहने वाले अब अपने ही घोषणा पत्र पर तीस सेकंड बात करने से डरते हैं.
उन्होंने यहां एक प्रेस वार्ता में कहा कि छठ महापर्व के बाद बिहार के लोग अब भी ‘कमाई, पढ़ाई और दवाई’ के लिए बाहर जा रहे हैं. अगर यही सुशासन है, जिसमें हत्या, लूट, बलात्कार और अपहरण रोज की खबर बन गई है तो कुशासन किसे कहेंगे? उन्होंने कहा कि राज्य में सुशासन अब सिर्फ पोस्टरों और नारों में बचा है. दिनदहाड़े अपराध हो रहे हैं और Government जवाबदेही से भाग रही है.
उन्होंने कहा कि Prime Minister को बिहार आते ही ‘चारा’ याद आ जाता है, पर विकास नहीं. कन्हैया कुमार ने शिक्षा व्यवस्था पर बोलते हुए कहा कि तीन साल की डिग्री पांच साल में पूरी होती है, पेपर लीक आम है और विश्वविद्यालयों में अब भी 90 के दशक का सिलेबस पढ़ाया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि हॉस्टल की हालत ऐसी है कि वहां रहना जान के जोखिम में डालने जैसा है. शराबबंदी को लेकर उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी अब ‘होम डिलीवरी’ में बदल गई है. Police की मिलीभगत से कारोबार फल-फूल रहा है. शिक्षकों और सिपाहियों की पेंशन के लिए Government कहती है कि पैसा नहीं है. यही इनकी प्राथमिकता है—नेता के लिए पैसा है, जनता के लिए नहीं.
कन्हैया कुमार ने कहा कि यह चुनाव सिर्फ Government बदलने का नहीं, बल्कि बिहार को बचाने का चुनाव है. यह चुनाव उस कोशिश को रोकने का मौका है जो बिहार की संपत्ति को Gujarat की तिजोरी में भेजना चाहती है. बिहार के लोग बदलाव चाहते हैं और बदलाव का विकल्प महागठबंधन है. उन्होंने कहा कि महागठबंधन का विजन रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और समान भागीदारी पर आधारित है. वोट की ताकत जनता के हाथ में है और वही बिहार का भविष्य तय करेगी.
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एमएनपी/डीकेपी
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