New Delhi, 6 नवंबर . भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा Thursday को की गई घोषणा के अनुसार, बैंक अपनी सहयोग कंपनी एसबीआई फंड्स मैनेजमेंट लिमिटेड (एसबीआईएफएमएल) में 6.3 प्रतिशत हिस्सेदारी आईपीओ के जरिए बेचने जा रहा है. इस कदम के साथ बैंक को पूंजी जुटाने में मदद मिलेगी.
देश के सबसे बड़े पब्लिक सेक्टर बैंक द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, ईसीसीबी ने 3,20,60,000 इक्विटी शेयरों को आईपीओ के जरिए बेचने को मंजूरी दी है, जो कि कंपनी की कुल हिस्सेदारी का 6.3007 प्रतिशत है.हालांकि, यह फैसला सभी नियामकीय मंजूरियों के अधीन रहेगा.
एसबीआईएफएमएल की दूसरी प्रमोटर कंपनी अमुंडी इंडिया होल्डिंग भी अपने 1,88,30,000 इक्विटी शेयरों को बेचेगी. जो कि एसबीआईएफएमएल की कुल इक्विटी पूंजी का 3.7006 प्रतिशत है. यानी कुल 10.0013 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ 5,08,90,000 शेयर लिस्ट किए जाएंगे.
एसबीआईएफएमएल की पहचान India की सबसे बड़ी म्यूचुअल फंड मैनेजमेंट कंपनियों में से एक के रूप में होती है. एसबीआईएफएमएल का मार्केट शेयर 15.55 प्रतिशत है और यह एसबीआई म्यूचुअल फंड्स की अलग-अलग स्कीमों के तहत 11.99 ट्रिलियन रुपए के तिमाही औसत एसेट अंडर मैनेजमेंट और अल्टरनेटिव्स के तहत 16.32 ट्रिलियन रुपए के एयूएम को मैनेज करती है.
वर्तमान में एसबीआई और अमुंडी इंडिया होल्डिंग के पास एसबीआईएफएमएल में क्रमश: 61.91 प्रतिशत और 36.36 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
एसबीआईएफएमएल के दोनों प्रमोटर्स ने मिलकर आईपीओ शुरू किया है, जिसके 2026 में पूरे होने की उम्मीद की जा रही है.
एसबीआई के चेयरमैन चल्ला श्रीनिवासुलु शेट्टी ने इस अवसर पर कहा, “एसबीआई कार्ड्स और एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस के बाद एसबीआईएफएमएल एसबीआई की तीसरी सहायक कंपनी होगी, जो लिस्ट होने जा रही है. बीते कुछ वर्षों से ‘एसबीआईएफएमएल’ के लगातार मजबूत प्रदर्शन और मार्केट लीडरशिप को देखते हुए यह एक आईपीओ प्रॉसेस लॉन्च करने का एक सही समय माना जा रहा है.”
एसबीआई म्यूचुअल फंड की स्थापना 1987 में एसबीआई के स्पॉन्सरशिप के साथ हुई थी, जो कि India का पहला नॉन-यूटीआई म्यूचुअल फंड था. 1992 में अलग-अलग एसेट क्लास में इन्वेस्टमेंट सॉल्यूशन के उद्देश्य से एसबीआई फंड्स मैनेजमेंट लिमिटेड को एसबीआई की पूरी तरह से स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के रूप में एसबीआई म्यूचुअल फंड्स के लिए इन्वेस्टमेंट मैनेजर के तौर पर शामिल किया गया.
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