New Delhi, 11 सितंबर . तैराकी के क्षेत्र में बेशक ओलंपिक और कॉमनवेल्थ में भारतीय टीम अपनी छाप छोड़ने में सफल नहीं हो पा रही है. लेकिन, तैराकी भारत का पारंपरिक खेल है और बीते समय में इस विधा में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारतीयों ने अपना और देश का नाम रोशन किया है. इस क्षेत्र में मिहिर सेन का नाम प्रमुख है.
मिहिर सेन का जन्म 16 नवंबर, 1930 को पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में हुआ था. वह पेशे से वकील थे, लेकिन तैराकी के जुनून ने उन्हें वैश्विक पहचान दिलाई थी. 36 साल की उम्र में उन्होंने एक असाधारण उपलब्धि हासिल की. मिहिर ने 12 सितंबर, 1966 को डारडनेल्स जलडमरूमध्य को तैरकर पार किया था. डारडनेल्स को पार करने वाले वह दुनिया के प्रथम व्यक्ति थे. इस सफलता ने उन्हें अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाई.
मिहिर सेन की यह एकमात्र उपलब्धि नहीं है. लंबी दूरी के तैराक के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले मिहिर ने 27 सितंबर, 1958 को 14 घंटे और 45 मिनट में इंग्लिश चैनल को तैरकर पार किया था. ऐसा करने वाले वह पहले भारतीय और एशियाई थे. पांच महाद्वीपों के सातों समुद्रों को तैरकर पार करने वाले मिहिर सेन विश्व के प्रथम व्यक्ति हैं.
इंग्लिश चैनल अटलांटिक महासागर का हिस्सा है, जो ग्रेट ब्रिटेन द्वीप को उत्तरी फ्रांस से अलग करता है और उत्तरी महासागर को अटलांटिक महासागर से जोड़ता है. इंग्लिश चैनल की लंबाई 563 किलोमीटर और चौड़ाई 240 किलोमीटर है. मिहिर सेन ने 1966 में पाक जलडमरूमध्य को तैरकर पार किया. यह 40 मील में फैला हुआ है. सेन ने जिब्राल्टर जलडमरूमध्य को भी तैरकर पार किया था. यह जलडमरूमध्य मोरक्को और स्पेन के बीच है.
तैराकी के क्षेत्र में मिहिर सेन की असाधारण सफलता का Government of India ने भी सम्मान किया है. Government of India ने सेन को 1959 में ‘पद्मश्री’ और 1967 में ‘पद्मभूषण’ सम्मानित किया था.
मिहिर सेन देश में लंबी दूरी की तैराकी करने वालों के लिए सबसे बड़े प्रेरणास्त्रोत हैं. 66 वर्ष की अवस्था में उनका निधन 11 जून 1997 को कोलकाता में हुआ था.
–
पीएके/
You may also like
मैं उसे प्रोटेक्ट करूंगा, उसके बारे में गलत चीजें बोली... शुभमन गिल के लिए गौतम गंभीर ने दिल खोलकर रख दिया
मप्रः मुख्यमंत्री रविवार को 1.26 करोड़ लाड़ली बहनों को अंतरित करेंगे 1541 करोड़ रुपये
जयपुर जिला अभ्यास वर्ग में संगठन की नीति, सेवा और सांस्कृतिक दृष्टिकोण पर हुआ विचार-विमर्श
ऋषि मेला: ऋषि दयानंद ने पाखंड और अंधविश्वास का सर्वाधिक विरोध किया
9 चौके 2 छक्के और 117 रन! Nat Sciver-Brunt ने रचा इतिहास, बनीं Women's World Cup की 'सेंचुरी क्वीन'