New Delhi, 22 अक्टूबर . एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, India का लग्जरी गुड्स मार्केट 2025 तक 10 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 12.1 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जिससे India की ग्लोबल लग्जरी मार्केट में एक स्ट्रॉन्ग प्लेयर के रूप में स्थिति मजबूत होगी.
डेटा एनालिटिक्स कंपनी यूरोमॉनिटर इंटरनेशनल के अनुसार, लग्जरी रिटेल परिदृश्य की पुनर्कल्पना की जा रही है, जहां ब्रांड लेन-देन के दायरे से आगे बढ़कर क्यूरेटेड लाइफस्टाइल एक्सपीरियंस प्रदान कर रहे हैं.
लग्जरी गुड्स मार्केट की वृद्धि में दक्षिण अफ्रीका 15 प्रतिशत, India 10 प्रतिशत और संयुक्त अरब अमीरात 9 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ अग्रणी देशों में शामिल हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि India के पूर्वानुमानित अवधि में 74 प्रतिशत की सीएजीआर वृद्धि प्राप्त करने की उम्मीद है, जो लग्जरी इकोसिस्टम में इसके बढ़ते महत्व को दर्शाता है.
India के विकास में योगदान देने वाला एक प्रमुख कारक धनी व्यक्तियों की बढ़ती संख्या है.
शहरीकरण, समृद्ध उपभोक्ताओं, अट्रैक्टिव फाइनेंसिंग और नए इलेक्ट्रिक मॉडलों के कारण प्रीमियम और लग्जरी कारों की बिक्री में मूल्य वृद्धि सबसे अधिक रही.
2025 में फिजिकल लग्जरी स्टोर में पर्सनल लग्जरी गुड्स की बिक्री का 81 प्रतिशत हिस्सा रहा, जो इस सेक्टर की मजबूती और व्यक्तिगत जुड़ाव के निरंतर महत्व को दर्शाता है.
ग्लोबल लग्जरी मार्केट का मूल्य 2025 में 1.5 ट्रिलियन डॉलर रहा, जो कि निरंतर व्यापक आर्थिक और भू-Political व्यवधानों के बावजूद मजबूत बना हुआ है.
यूरोमॉनिटर इंटरनेशनल में लग्जरी गुड्स के लिए ग्लोबल इनसाइट मैनेजर फ़्लूर रॉबर्ट्स ने कहा, “बाजार की अनिश्चितता के बीच, उद्योग एक गहन परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है, जो उत्पाद-केंद्रित मॉडल से अनुभव-संचालित जुड़ाव की ओर बढ़ रहा है.”
फिजिकल लग्जरी स्टोर विशिष्टता और आतिथ्य के माध्यम से पहचान की अभिव्यक्ति बन रहे हैं. ये वातावरण उच्च-स्तरीय आतिथ्य को दर्शाते हैं.
ई-कॉमर्स में तेजी के साथ लग्जरी ब्रांड स्टोर्स को सांस्कृतिक स्थलों के रूप में पुनर्कल्पित कर रहे हैं.
विलासिता पर खर्च व्यक्तिगत वस्तुओं से हटकर अनुभव-आधारित श्रेणियों की ओर शिफ्ट हो गया है, जो उपभोक्ता मूल्यों में गहरे बदलावों को दर्शाता है.
रिपोर्ट के अनुसार, एक्सपेरिमेंटल लग्जरी ने मजबूती का प्रदर्शन किया है, जिसमें लग्जरी ट्रैवल और आतिथ्य बाजार 2025 में 8 प्रतिशत बढ़कर 103 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा.
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एसकेटी
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