मसूरी, 22 सितंबर . उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद मसूरी के झड़ीपानी क्षेत्र में लगातार हो रहे भूस्खलन की वजह से स्थानीय लोगों का जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. हर दिन जमीन 2 से 3 फीट नीचे धंस रही है, जिससे लोग डरे हुए हैं.
इलाके में 15 सितंबर की रात से शुरू हुआ भूस्खलन अब तक जारी है. इससे सड़कों में बड़ी-बड़ी दरारें बन गई हैं और घरों की नींव कमजोर हो रही है.
स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उन्होंने से बात करते हुए बताया कि 15 सितंबर को एक नेपाली मजदूर की मलबे में दबकर मौत हो गई थी, इसके बाद भी अभी तक कोई भू-वैज्ञानिक टीम या आपदा राहत दल मौके पर नहीं पहुंचा है.
स्थानीय महिला सुशीला देवी ने बताया कि हर बार बारिश में उन्हें अपना घर छोड़कर जाना पड़ता है. अब तो बच्चों को स्कूल भेजने में भी डर लगता है. प्रशासन की तरफ से कोई सहायता नहीं मिल रही है. Chief Minister की तरफ से भी राहत देने की बात कही जाती है, लेकिन कोई अधिकारी हम लोगों की सहायता नहीं कर रहा है.
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से सभी मुख्य मांगों को पूरा करने की मांग की. उन्होंने कहा कि अगर रात में हल्की सी भी बारिश होती है तो हम लोग अपने बच्चों को लेकर घर से निकल जाते हैं. रात को लाइट भी नहीं रहती है. टॉर्च की सहायता से हम लोग देखते हैं कि कहीं हम लोगों का घर न गिर जाए.
हम लोगों ने अधिकारियों से कई बार सहायता की मांग की, लेकिन अभी तक कुछ सहायता नहीं मिली है. हमारे बच्चे भूखे हैं. लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे.
लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या Government किसी और बड़े हादसे का इंतजार कर रही है.
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एसएके/वीसी
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