नई दिल्लीः निर्वाचन आयोग देशव्यापी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को खास ऐलान किया है। दिल्ली में आयोजित संवाददाता सम्मेलन मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि दूसरे फेज में देश के 12 राज्यों में एसआईआर की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, 'आज हम यहां स्पेशल इंटेंसिव रिविजन ( SIR) के दूसरे चरण की शुरुआत के ऐलान के लिए मौजूद हैं। मैं बिहार के मतदाताओं को शुभकामनाएं देता हूं और उन 7.5 करोड़ मतदाताओं को नमन करता हूं, जिन्होंने इस प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी निभाई और इसे सफल बनाया।' उन्होंने कहा कि आयोग ने देश के सभी 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के चुनाव अधिकारियों से मुलाकात कर प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा की।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, "...उन सभी राज्यों की मतदाता सूचियां जहां एसआईआर ( SIR) प्रक्रिया पूरी की जाएगी, आज रात 12 बजे फ्रीज कर दी जाएंगी। उस सूची के सभी मतदाताओं को बीएलओ द्वारा विशिष्ट गणना प्रपत्र दिए जाएंगे। इन गणना प्रपत्रों में वर्तमान मतदाता सूची के सभी आवश्यक विवरण होंगे। बीएलओ द्वारा मौजूदा मतदाताओं को प्रपत्र वितरित करने के बाद, वे सभी जिनके नाम गणना प्रपत्रों में हैं, यह मिलान करने का प्रयास करेंगे कि क्या उनका नाम 2003 की मतदाता सूची में था। यदि हां, तो उन्हें कोई अतिरिक्त दस्तावेज़ प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है। यदि उनके नाम नहीं, बल्कि उनके माता-पिता के नाम सूची में थे, तो भी उन्हें कोई अतिरिक्त दस्तावेज़ प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है...2002 से 2004 तक की एसआईआर ( SIR) मतदाता सूची http://voters.eci.gov.in पर किसी के भी लिए उपलब्ध होगी और वे स्वयं मिलान कर सकते हैं।"
इस बीच, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने चुनाव आयोग को देशव्यापी मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में जल्दबाजी न करने की चेतावनी दी और सुझाव दिया कि वह बिहार विधानसभा चुनाव समाप्त होने तक इंतजार करे। श्रीनगर में पत्रकारों से बात करते हुए, अब्दुल्ला ने कहा कि बिहार में एसआईआर को लेकर पहले से ही 'आशंकाएं' थीं और उन्होंने इसके समय पर सवाल उठाए। उन्होंने चेतावनी दी कि इसे जल्द लागू करने से आयोग की स्वतंत्रता पर संदेह पैदा हो सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर में परिसीमन जैसी पिछली प्रक्रियाओं ने एक खास पार्टी को राजनीतिक रूप से फायदा पहुंचाया है।
वहीं केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि मतदाता सूचियों का राष्ट्रव्यापी विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पारदर्शिता और राजनीतिक शुचिता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए मांझी ने कहा कि एसआईआर स्वच्छ मतदाता सूची सुनिश्चित करने में मदद करेगा। जेडी(यू) नेता नीरज कुमार ने भी इस प्रक्रिया का समर्थन करते हुए कहा कि डुप्लिकेट और मृत नामों को हटाना आवश्यक था। उन्होंने कहा कि हालांकि कांग्रेस ने इस कदम का विरोध किया, लेकिन न्यायपालिका ने संशोधन करने के चुनाव आयोग के अधिकार को बरकरार रखा।
दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, 'आज हम यहां स्पेशल इंटेंसिव रिविजन ( SIR) के दूसरे चरण की शुरुआत के ऐलान के लिए मौजूद हैं। मैं बिहार के मतदाताओं को शुभकामनाएं देता हूं और उन 7.5 करोड़ मतदाताओं को नमन करता हूं, जिन्होंने इस प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी निभाई और इसे सफल बनाया।' उन्होंने कहा कि आयोग ने देश के सभी 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के चुनाव अधिकारियों से मुलाकात कर प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा की।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, "...उन सभी राज्यों की मतदाता सूचियां जहां एसआईआर ( SIR) प्रक्रिया पूरी की जाएगी, आज रात 12 बजे फ्रीज कर दी जाएंगी। उस सूची के सभी मतदाताओं को बीएलओ द्वारा विशिष्ट गणना प्रपत्र दिए जाएंगे। इन गणना प्रपत्रों में वर्तमान मतदाता सूची के सभी आवश्यक विवरण होंगे। बीएलओ द्वारा मौजूदा मतदाताओं को प्रपत्र वितरित करने के बाद, वे सभी जिनके नाम गणना प्रपत्रों में हैं, यह मिलान करने का प्रयास करेंगे कि क्या उनका नाम 2003 की मतदाता सूची में था। यदि हां, तो उन्हें कोई अतिरिक्त दस्तावेज़ प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है। यदि उनके नाम नहीं, बल्कि उनके माता-पिता के नाम सूची में थे, तो भी उन्हें कोई अतिरिक्त दस्तावेज़ प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है...2002 से 2004 तक की एसआईआर ( SIR) मतदाता सूची http://voters.eci.gov.in पर किसी के भी लिए उपलब्ध होगी और वे स्वयं मिलान कर सकते हैं।"
इस बीच, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने चुनाव आयोग को देशव्यापी मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में जल्दबाजी न करने की चेतावनी दी और सुझाव दिया कि वह बिहार विधानसभा चुनाव समाप्त होने तक इंतजार करे। श्रीनगर में पत्रकारों से बात करते हुए, अब्दुल्ला ने कहा कि बिहार में एसआईआर को लेकर पहले से ही 'आशंकाएं' थीं और उन्होंने इसके समय पर सवाल उठाए। उन्होंने चेतावनी दी कि इसे जल्द लागू करने से आयोग की स्वतंत्रता पर संदेह पैदा हो सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर में परिसीमन जैसी पिछली प्रक्रियाओं ने एक खास पार्टी को राजनीतिक रूप से फायदा पहुंचाया है।
वहीं केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि मतदाता सूचियों का राष्ट्रव्यापी विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पारदर्शिता और राजनीतिक शुचिता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए मांझी ने कहा कि एसआईआर स्वच्छ मतदाता सूची सुनिश्चित करने में मदद करेगा। जेडी(यू) नेता नीरज कुमार ने भी इस प्रक्रिया का समर्थन करते हुए कहा कि डुप्लिकेट और मृत नामों को हटाना आवश्यक था। उन्होंने कहा कि हालांकि कांग्रेस ने इस कदम का विरोध किया, लेकिन न्यायपालिका ने संशोधन करने के चुनाव आयोग के अधिकार को बरकरार रखा।
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