रश्मि खत्री, देहरादून: राजधानी देहरादून के नेहरू कॉलोनी थाना क्षेत्र में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां बिल्ली के बच्चों को लेकर एक संयुक्त परिवार में हंगामा खड़ा हो गया। विवाद इस कदर बढ़ गया कि मामला थाने तक पहुंच गया। भतीजी ने अपने चाचा-चाची सहित उनके बेटों पर बिल्ली के बच्चों के साथ क्रूरता करने और उन्हें जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया।
नेहरू कॉलोनी थाना क्षेत्र के धर्मपुर में बिल्ली के बच्चों के पीछे एक संयुक्त परिवार में रार छिड़ गई। बिल्ली के बच्चों को अशुभ बताते हुए एक भाई ने उन्हें स्कूटर की डिग्गी में डाला और कहीं छोड़ कर आ गया। जिसके कारण दूसरे भाई का परिवार नाराज हो गया। यह विवाद घर तक ही नहीं रुका, बल्कि थाने तक पहुंच गया। जहां शिकायत पर नेहरू कॉलोनी पुलिस ने पशु क्रूरता अधिनियम और अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
थानाध्यक्ष संजीत कुमार ने बताया कि शिकायतकर्ता रश्मि धीमान ने फव्वारा चौक चौकी प्रभारी को 13 अक्टूबर को तहरीर दी। रश्मि धीमान ने बताया कि बीते मार्च में एक बिल्ली अपने दो बच्चों को उनके घर पर छोड़ गई थी। जिनकी वह देखभाल कर रही थीं, लेकिन उनके साथ रहने वाले उनके चाचा उमेश धीमान और चाची को बिल्ली के बच्चे पसंद नहीं थे। उनके और चाचा के घर का आंगन एक ही है। चाचा के परिवार का मानना था कि बिल्लियां अशुभ होती हैं।
रश्मि का आरोप है कि चाचा ने मौका देख कर उनकी बिल्लियों को अपनी स्कूटी की डिग्गी में बंद किया और कहीं दूर छोड़ दिया। जब उन्हें इसका पता चला तो उसने इसका विरोध किया। उसके द्वारा विरोध जताने पर चाची और उनके तीनों बेटों ने घर में घुसकर उन्हें जान से मारने की धमकी दी। रश्मि धीमान ने चाचा के परिवार से खतरा बताते हुए पुलिस कार्रवाई की मांग की है।
नेहरू कॉलोनी थाना क्षेत्र के धर्मपुर में बिल्ली के बच्चों के पीछे एक संयुक्त परिवार में रार छिड़ गई। बिल्ली के बच्चों को अशुभ बताते हुए एक भाई ने उन्हें स्कूटर की डिग्गी में डाला और कहीं छोड़ कर आ गया। जिसके कारण दूसरे भाई का परिवार नाराज हो गया। यह विवाद घर तक ही नहीं रुका, बल्कि थाने तक पहुंच गया। जहां शिकायत पर नेहरू कॉलोनी पुलिस ने पशु क्रूरता अधिनियम और अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
थानाध्यक्ष संजीत कुमार ने बताया कि शिकायतकर्ता रश्मि धीमान ने फव्वारा चौक चौकी प्रभारी को 13 अक्टूबर को तहरीर दी। रश्मि धीमान ने बताया कि बीते मार्च में एक बिल्ली अपने दो बच्चों को उनके घर पर छोड़ गई थी। जिनकी वह देखभाल कर रही थीं, लेकिन उनके साथ रहने वाले उनके चाचा उमेश धीमान और चाची को बिल्ली के बच्चे पसंद नहीं थे। उनके और चाचा के घर का आंगन एक ही है। चाचा के परिवार का मानना था कि बिल्लियां अशुभ होती हैं।
रश्मि का आरोप है कि चाचा ने मौका देख कर उनकी बिल्लियों को अपनी स्कूटी की डिग्गी में बंद किया और कहीं दूर छोड़ दिया। जब उन्हें इसका पता चला तो उसने इसका विरोध किया। उसके द्वारा विरोध जताने पर चाची और उनके तीनों बेटों ने घर में घुसकर उन्हें जान से मारने की धमकी दी। रश्मि धीमान ने चाचा के परिवार से खतरा बताते हुए पुलिस कार्रवाई की मांग की है।
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