पटना : बीजेपी ने बिहार के विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया के प्रारंभिक चरण पूरे कर लिए हैं। अब बिहार में बनाई गई सूची दिल्ली भेजी जाएगी। अंतिम फैसला दिल्ली में ही होगा। संभव है कि बीजेपी इस विधानसभा चुनाव में अपने कुछ मौजूदा सांसदों को भी प्रत्याशी बनाए। बीजेपी पहले भी कई विधानसभा चुनावों में ऐसा करती रही है। कुछ पूर्व सांसदों को भी विधानसभा चुनाव का टिकट दिया जा सकता है।
बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने एक बैठक में उम्मीदवारों के चयन के लिए नेताओं के नामों पर विचार विमर्श किया। राज्य के संगठनात्मक जिलों की कोर कमेटी के सदस्यों ने इस बैठक भाग लिया। बैठक में सामाजिक समीकरण, क्षेत्रीय संतुलन सहत अन्य विषयों पर चर्चा की गई। प्रत्याशियों के नामों पर नेताओं की राय ली गई। बिहार भाजपा कोर ग्रुप के मेंबरों की दो टीमों ने सभी संगठनात्मक जिलों के उम्मीदवारी के दावेदारों के नाम पर विचार-विमर्श किया।
विधानसभा सीटों के हालात का किया गया विश्लेषण
बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के आवास पर हुई इस बैठक में बीजेपी के जिला प्रभारियों, क्षेत्रीय प्रभारियों, जिलाध्यक्षों सहित अन्य पदाधिकारियों ने अपनी-अपनी राय जाहिर की। बैठक में हर जिले की स्थिति, पिछले चुनाव में हार और जीत की दृष्टि से सीटों का विश्लेषण किया गया।
नए चेहरों के साथ-साथ बीजेपी बिहार विधानसभा चुनाव में अपने मौजूदा और पूर्व सांसदों को भी टिकट दे सकती है। यह प्रयोग पार्टी उन सीटों पर क सकती है जहां वह कमजोर है। पूर्व में विधानसभा चुनावों में बीजेपी इस तरह का प्रयोग करती रही है। पिछले कुछ चुनावों में बीजेपी ने रिपोर्ट कार्ड के आधार पर अपने कई मौजूदा विधायकों का टिकट काटा। उनकी जगह नए चेहरे पेश किए और इसका सकारात्मक परिणाम भी मिला। साल 2022 के गुजरात विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने नए नेताओं पर दांव लगाया था और 156 सीटों के साथ रिकॉर्ड जीत हासिल की थी।
सांसदों को भी विधानसभा चुनावों में उतारती रही है बीजेपी
बीजेपी ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और झारखंड के विधानसभा चुनावों में कई सांसदों को उम्मीदवार बनाया था। हालांकि इन सांसदों में से किसी को जीत तो किसी को हार मिली थी। बीजेपी विधानसभा सीटों पर पार्टी की स्थिति, जातीय समीकरण और जनाधार के आधार पर उम्मीदवार का चयन करती है।
पार्टी की गुरुवार को हुई बैठक में प्रत्याशियों की दावेदारी को लेकर सामाजिक समीकरण, क्षेत्रीय संतुलन, सर्वेक्षणों की रिपोर्टों आदि को आधार बनाकर चर्चा की गई। बीजेपी के 26 संगठनात्मक जिलों के उम्मीदवारी के प्रस्तावों पर चर्चा की गई। यह जिले जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद, नवादा, कैमूर, रोहतास, बक्सर, आरा, जमुई, मुंगेर, लखीसराय, नालंदा, बाढ़, मुजफ्फरपुर पूर्व, मुजफ्फरपुर पश्चिम, शिवहर, सीतामढ़ी, सिवान पूर्व, सिवान पश्चिम, छपरा पूर्व, छपरा पश्चिम, पटना ग्रामीण, पटना महानगर, शेखपुरा, गया पूर्व एवं गया हैं।
बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने एक बैठक में उम्मीदवारों के चयन के लिए नेताओं के नामों पर विचार विमर्श किया। राज्य के संगठनात्मक जिलों की कोर कमेटी के सदस्यों ने इस बैठक भाग लिया। बैठक में सामाजिक समीकरण, क्षेत्रीय संतुलन सहत अन्य विषयों पर चर्चा की गई। प्रत्याशियों के नामों पर नेताओं की राय ली गई। बिहार भाजपा कोर ग्रुप के मेंबरों की दो टीमों ने सभी संगठनात्मक जिलों के उम्मीदवारी के दावेदारों के नाम पर विचार-विमर्श किया।
विधानसभा सीटों के हालात का किया गया विश्लेषण
बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के आवास पर हुई इस बैठक में बीजेपी के जिला प्रभारियों, क्षेत्रीय प्रभारियों, जिलाध्यक्षों सहित अन्य पदाधिकारियों ने अपनी-अपनी राय जाहिर की। बैठक में हर जिले की स्थिति, पिछले चुनाव में हार और जीत की दृष्टि से सीटों का विश्लेषण किया गया।
नए चेहरों के साथ-साथ बीजेपी बिहार विधानसभा चुनाव में अपने मौजूदा और पूर्व सांसदों को भी टिकट दे सकती है। यह प्रयोग पार्टी उन सीटों पर क सकती है जहां वह कमजोर है। पूर्व में विधानसभा चुनावों में बीजेपी इस तरह का प्रयोग करती रही है। पिछले कुछ चुनावों में बीजेपी ने रिपोर्ट कार्ड के आधार पर अपने कई मौजूदा विधायकों का टिकट काटा। उनकी जगह नए चेहरे पेश किए और इसका सकारात्मक परिणाम भी मिला। साल 2022 के गुजरात विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने नए नेताओं पर दांव लगाया था और 156 सीटों के साथ रिकॉर्ड जीत हासिल की थी।
सांसदों को भी विधानसभा चुनावों में उतारती रही है बीजेपी
बीजेपी ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और झारखंड के विधानसभा चुनावों में कई सांसदों को उम्मीदवार बनाया था। हालांकि इन सांसदों में से किसी को जीत तो किसी को हार मिली थी। बीजेपी विधानसभा सीटों पर पार्टी की स्थिति, जातीय समीकरण और जनाधार के आधार पर उम्मीदवार का चयन करती है।
पार्टी की गुरुवार को हुई बैठक में प्रत्याशियों की दावेदारी को लेकर सामाजिक समीकरण, क्षेत्रीय संतुलन, सर्वेक्षणों की रिपोर्टों आदि को आधार बनाकर चर्चा की गई। बीजेपी के 26 संगठनात्मक जिलों के उम्मीदवारी के प्रस्तावों पर चर्चा की गई। यह जिले जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद, नवादा, कैमूर, रोहतास, बक्सर, आरा, जमुई, मुंगेर, लखीसराय, नालंदा, बाढ़, मुजफ्फरपुर पूर्व, मुजफ्फरपुर पश्चिम, शिवहर, सीतामढ़ी, सिवान पूर्व, सिवान पश्चिम, छपरा पूर्व, छपरा पश्चिम, पटना ग्रामीण, पटना महानगर, शेखपुरा, गया पूर्व एवं गया हैं।
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