नई दिल्ली: सेंट्रल दिल्ली के पहाड़गंज इलाके में स्पा की आड़ में चल रहे सेक्स रैकेट का खुलासा हुआ है। पुलिस ने जिस तरह तकनीक का सहारा लेकर यह खुलासा किया, वह बेहद रोचक है। दरअसल स्पा में काम करने वाले एक लड़की ने ‘से हेल्प’ के जरिए मदद मांगी थी। इसके बाद पुलिस टीम हरकत में आई। एक पुलिसकर्मी को ग्राहक बनाकर भेजा गया। वहां उन्हें दो हजार में मसाज के अलावा सेक्स का ऑफर दी गई।पुलिसकर्मी से जैसे ही कैश में रकम ली गई, पुलिसकर्मी ने बाहर खड़ी टीम को मिस कॉल देकर अलर्ट दे दिया। टीम ने वहां रेड कर स्पा की रिसेप्शनिस्ट महिला को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही छह लड़कियों का रेस्क्यू किया। स्पा से तीन कॉन्डम के पैकेट के अलावा पुलिसकर्मी से लिएदो हजार रुपये बरामद हुए।
सेक्स रैकेट@ पहाड़गंज
डीसीपी सेंट्रल निधिन वाल्सन ने बताया, 31 अक्टूबर को सेंट्रल जिला पुलिस की ओर से तैयार करवाए गए ‘से हेल्प’ ऐप पर एक अलर्ट मिला, जिसके जरिए पहाड़गंज के स्पा में अनैतिक गतिविधियों के बारे में जानकारी मिली थी। तब स्पेशल स्टाफ की टीम ने वहां छापेमारी की योजना बनाई। देर शाम करीब 7:30 बजे एक पुलिसकर्मी वहां कस्टमर बनकर पहुंचा और रुपये देते ही टीम को अलर्ट दे दिया।
स्पा की आड़ में खेल, अब हुआ एक्शनरिसेप्शन पर बैठी 36 वर्षीय महिला को अरेस्ट किया गया। जिसने पूछताछ में खुलासा किया कि वह पति के साथ मिलकर स्पा की आड़ में सेक्स रैकेट चलाती है। उसके खिलाफ अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने स्पा को सील भी करवा दिया है।
ऐसे काम करता है ऐप
‘से हेल्प’ एंड्रॉइड और आईओएस के लिए एक ग्लोबल वॉयस-एक्टिवेटेड इमरजेंसी ऐप है, जो उपयोगकर्ताओं को तीन बार हेल्प बोलने या एक पुश बटन के जरिए अलर्ट भेजने में मदद करता है। यह एसएमएस/वॉट्स्ऐप से आपके फोन में सेव नंबरों और पुलिस को तुरंत रीयल-टाइम विडियो, ऑडियो और जीपीएस की जानकारी भेजता है, जिससे लाइव निगरानी और मैप ट्रैकिंग की सुविधा मिलती है।
ऐप में स्वास्थ्य जांच और प्रतिक्रिया देने वालों के लिए एक डैशबोर्ड भी है। से हेल्प, विशेष रूप से दिल्ली जैसे क्षेत्रों में लैंगिक हिंसा और तस्करी को रोकने में मदद करने के लिए गैर-सरकारी संगठनों और अधिकारियों के साथ सहयोग करता है, जिससे व्यक्तिगत और सामुदायिक सुरक्षा बढ़ती है।
बेहद काम का है यह ऐप
डीसीपी सेंट्रल निधिन वाल्सन ने कहा कि यह ऐप बेहद काम का है। इसका इस्तेमाल कोई भी कर सकता है। अगर बुजुर्ग अकेले रहते हैं और वो गिर जाते हैं, फोन नहीं उठा पाते तो वो जोर से हेल्प-हेल्प बोलकर अलर्ट भेज सकते हैं। कोई किसी आदमी को जबरन उठा लेता है, तो वह भी मदद मांग सकता है। लड़कियां भी खुद को परेशानी में देखकर मदद मांग सकती है। जिससे सीधे अलर्ट मेरे और मेरी टीम के पास आता है। मसला हमारे जिले का होता है, तो हम खुद ही निपटते हैं। कहीं दूसरे जिले का मसला होता है तो हम सूचना और जानकारी उन्हें दे देते हैं।
सेक्स रैकेट@ पहाड़गंज
डीसीपी सेंट्रल निधिन वाल्सन ने बताया, 31 अक्टूबर को सेंट्रल जिला पुलिस की ओर से तैयार करवाए गए ‘से हेल्प’ ऐप पर एक अलर्ट मिला, जिसके जरिए पहाड़गंज के स्पा में अनैतिक गतिविधियों के बारे में जानकारी मिली थी। तब स्पेशल स्टाफ की टीम ने वहां छापेमारी की योजना बनाई। देर शाम करीब 7:30 बजे एक पुलिसकर्मी वहां कस्टमर बनकर पहुंचा और रुपये देते ही टीम को अलर्ट दे दिया।
स्पा की आड़ में खेल, अब हुआ एक्शनरिसेप्शन पर बैठी 36 वर्षीय महिला को अरेस्ट किया गया। जिसने पूछताछ में खुलासा किया कि वह पति के साथ मिलकर स्पा की आड़ में सेक्स रैकेट चलाती है। उसके खिलाफ अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने स्पा को सील भी करवा दिया है।
ऐसे काम करता है ऐप
‘से हेल्प’ एंड्रॉइड और आईओएस के लिए एक ग्लोबल वॉयस-एक्टिवेटेड इमरजेंसी ऐप है, जो उपयोगकर्ताओं को तीन बार हेल्प बोलने या एक पुश बटन के जरिए अलर्ट भेजने में मदद करता है। यह एसएमएस/वॉट्स्ऐप से आपके फोन में सेव नंबरों और पुलिस को तुरंत रीयल-टाइम विडियो, ऑडियो और जीपीएस की जानकारी भेजता है, जिससे लाइव निगरानी और मैप ट्रैकिंग की सुविधा मिलती है।
ऐप में स्वास्थ्य जांच और प्रतिक्रिया देने वालों के लिए एक डैशबोर्ड भी है। से हेल्प, विशेष रूप से दिल्ली जैसे क्षेत्रों में लैंगिक हिंसा और तस्करी को रोकने में मदद करने के लिए गैर-सरकारी संगठनों और अधिकारियों के साथ सहयोग करता है, जिससे व्यक्तिगत और सामुदायिक सुरक्षा बढ़ती है।
बेहद काम का है यह ऐप
डीसीपी सेंट्रल निधिन वाल्सन ने कहा कि यह ऐप बेहद काम का है। इसका इस्तेमाल कोई भी कर सकता है। अगर बुजुर्ग अकेले रहते हैं और वो गिर जाते हैं, फोन नहीं उठा पाते तो वो जोर से हेल्प-हेल्प बोलकर अलर्ट भेज सकते हैं। कोई किसी आदमी को जबरन उठा लेता है, तो वह भी मदद मांग सकता है। लड़कियां भी खुद को परेशानी में देखकर मदद मांग सकती है। जिससे सीधे अलर्ट मेरे और मेरी टीम के पास आता है। मसला हमारे जिले का होता है, तो हम खुद ही निपटते हैं। कहीं दूसरे जिले का मसला होता है तो हम सूचना और जानकारी उन्हें दे देते हैं।
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