जम्मू: जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में बड़ा मामला सामने आया है। यहां आतंकवादियों से संबंधों के आरोप में दो विशेष पुलिस अधिकारियों (एसपीओ) को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। वहीं, सोपोर में लगातार दूसरे दिन ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGW) और आतंकी सहयोगियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया गया।
आतंकियों को मदद देते थे एसपीओ
कठुआ की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मोहिता शर्मा ने तत्काल प्रभाव से दोनों को सेवा से बर्खास्त करने का आदेश जारी किया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, ये एसपीओ स्थानीय स्तर पर आतंकियों को लॉजिस्टिक सपोर्ट प्रदान कर रहे थे। इससे सुरक्षा बलों की गोपनीय योजनाएं खतरे में पड़ रही थीं।
30 से अधिक स्थानों पर छापेमारी
दूसरी ओर, उत्तर कश्मीर के सोपोर इलाके में आतंकी समर्थक नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए पुलिस ने लगातार दूसरे दिन व्यापक अभियान चलाया। सोपोर पुलिस ने विश्वसनीय खुफिया सूचनाओं के आधार पर जम्मू-कश्मीर नेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पीपल (जेकेएनओपी), अन्य आतंकवादी संचालकों और उनके सहयोगियों से जुड़े 30 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की। इन अभियानों का मुख्य मकसद आतंकवाद को रसद, वित्तीय या वैचारिक सहायता देने वाले स्थानीय नेटवर्क को तोड़ना था।
आपत्तिजनक सामग्री, दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त
चल रहे ऑपरेशनों में कई ओजीडब्ल्यू और संदिग्ध सहयोगियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया। इनसे सीमा पार संचालकों की मदद करने में उनकी भूमिका और संबंधों की जांच की जा रही है। फोरेंसिक जांच के लिए आपत्तिजनक सामग्री, दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए, जिनमें संभवतः आतंकी संचार और फंडिंग से जुड़ी जानकारियां हो सकती हैं। संवेदनशील क्षेत्रों में घेराबंदी और तलाशी अभियान एक साथ चलाए गए।
आतंकियों को मदद देते थे एसपीओ
कठुआ की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मोहिता शर्मा ने तत्काल प्रभाव से दोनों को सेवा से बर्खास्त करने का आदेश जारी किया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, ये एसपीओ स्थानीय स्तर पर आतंकियों को लॉजिस्टिक सपोर्ट प्रदान कर रहे थे। इससे सुरक्षा बलों की गोपनीय योजनाएं खतरे में पड़ रही थीं।
30 से अधिक स्थानों पर छापेमारी
दूसरी ओर, उत्तर कश्मीर के सोपोर इलाके में आतंकी समर्थक नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए पुलिस ने लगातार दूसरे दिन व्यापक अभियान चलाया। सोपोर पुलिस ने विश्वसनीय खुफिया सूचनाओं के आधार पर जम्मू-कश्मीर नेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पीपल (जेकेएनओपी), अन्य आतंकवादी संचालकों और उनके सहयोगियों से जुड़े 30 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की। इन अभियानों का मुख्य मकसद आतंकवाद को रसद, वित्तीय या वैचारिक सहायता देने वाले स्थानीय नेटवर्क को तोड़ना था।
आपत्तिजनक सामग्री, दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त
चल रहे ऑपरेशनों में कई ओजीडब्ल्यू और संदिग्ध सहयोगियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया। इनसे सीमा पार संचालकों की मदद करने में उनकी भूमिका और संबंधों की जांच की जा रही है। फोरेंसिक जांच के लिए आपत्तिजनक सामग्री, दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए, जिनमें संभवतः आतंकी संचार और फंडिंग से जुड़ी जानकारियां हो सकती हैं। संवेदनशील क्षेत्रों में घेराबंदी और तलाशी अभियान एक साथ चलाए गए।
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