मुंबई: मुंबई के पश्चिमी उपनगर पवई इलाके में स्थित आरए एक्टिंग स्टूडियो में 20 बच्चों को बंधक बनाए जाने की घटना सामने आते ही हड़कंप मच गया। बच्चे स्टूडियो की पहली मंजिल पर स्थित एक कमरे से नम आंखों से नीचे देख रहे थे। वे मदद की गुहार लगा रहे थे। इसके बाद स्टूडियो के नीचे भारी भीड़ जमा हो गई। पुलिस को सूचना दी गई। कुछ ही मिनटों में पुलिस मौके पर पहुंच गई। उन्होंने बंधक बनाए गए सभी बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
रोहित आर्य ने क्यों उठाया था ये कदम?
बच्चों को बंधक बनाने वाले युवक का नाम रोहित आर्य था। पुलिस ने आनन-फानन में उसे एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार कर लिया। हालांकि इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि रोहित ने स्टूडियो को आग लगाने की धमकी दी थी। इससे अभिभावक डर गए थे। दरअसल रोहित ने अलग-अलग सरकारी योजनाओं में करोड़ों रुपये निवेश किए थे। रोहित का दावा था कि इसमें नुकसान हुआ है। वह इस नुकसान के लिए सरकार और संबंधित विभाग को जिम्मेदार मानता है। सरकार से संवाद करने और अपना पक्ष रखने के लिए उसने यह खतरनाक कदम उठाया। उसने विज्ञापनों में काम करने के बहाने बच्चों को ऑडिशन के लिए बुलाया और उन्हें एक कमरे में बंद कर दिया।
रोहित आर्य ने कब की थी भूख हड़ताल?
हमारे सहयोगी महाराष्ट्र टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल 19 अगस्त को रोहित आर्य तत्कालीन शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर के खिलाफ भूख हड़ताल पर बैठा था। तभी उसकी तबियत बिगड़ गई। इसके बाद उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसने मेरा स्कूल, सुंदर स्कूल परियोजना तैयार करने का दावा किया था। उसने कहा था कि सरकार ने उनसे 2 करोड़ रुपये का गबन किया है। रोहित आर्य ने उस समय कहा था कि 3 अगस्त, 2024 को दीपक केसरकर मेरे घर आए और मेरी उम्मीदों के बारे में पूछा। उन्होंने सोमवार, 5 अगस्त को सब कुछ ठीक करने का वादा किया और मुझसे भूख हड़ताल खत्म करने को कहा। उनके सम्मान में मैंने भूख हड़ताल खत्म कर दी। लेकिन 7 अगस्त को यह स्पष्ट हो गया कि मंत्री के आश्वासन खोखले थे।
पति की हालत देख फूट-फूट कर रो रही थी पत्नी
रोहित आर्य की तबीयत बिगड़ने पर उसे एंबुलेंस में भर्ती कराया गया। उस समय उनकी पत्नी भी वहीं थीं। अपने पति की हालत देखकर वह फूट-फूट कर रो रही थीं। उस समय रोहित आर्य ने अपने द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी दी। कहा कि मैं लेट्स चेंज फिल्म पर आधारित अभियान की संकल्पना करके 2022 से पीएलसी स्वच्छता मॉनिटर को क्रियान्वित कर रहा हूं। मेरी अवधारणा और मेरे द्वारा लिए गए फ़िल्म अधिकारों का इस्तेमाल किया गया। लेकिन काम पूरा होने के बाद मैं कहीं नहीं था। क्या सरकार अपनी गलतियां सुधारेगी? क्या मीडिया इस पर ध्यान देगा और लोगों को जगाएगा?
रोहित आर्य का क्या आरोप?
उन्होंने मांग की थी कि स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर, उनके निजी सचिव मंगेश शिंदे, आयुक्त सूरज मंधारे, समीर सावंत और तुषार महाजन के खिलाफ यह सोचकर आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए कार्रवाई की जानी चाहिए। रोहित ने यह भी आरोप लगाया था कि आंदोलन को एक महीना हो गया है। मंत्री ने वादा किया था। लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। केसरकर साहब को मेरा प्रोजेक्ट पसंद आया और उन्होंने मेरे स्कूल को सुंदर शाला में स्थानांतरित कर दिया और 2 करोड़ रुपये मंजूर किए। लेकिन इसके बाद उन्होंने पैसे नहीं दिए।
रोहित आर्य ने क्यों उठाया था ये कदम?
बच्चों को बंधक बनाने वाले युवक का नाम रोहित आर्य था। पुलिस ने आनन-फानन में उसे एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार कर लिया। हालांकि इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि रोहित ने स्टूडियो को आग लगाने की धमकी दी थी। इससे अभिभावक डर गए थे। दरअसल रोहित ने अलग-अलग सरकारी योजनाओं में करोड़ों रुपये निवेश किए थे। रोहित का दावा था कि इसमें नुकसान हुआ है। वह इस नुकसान के लिए सरकार और संबंधित विभाग को जिम्मेदार मानता है। सरकार से संवाद करने और अपना पक्ष रखने के लिए उसने यह खतरनाक कदम उठाया। उसने विज्ञापनों में काम करने के बहाने बच्चों को ऑडिशन के लिए बुलाया और उन्हें एक कमरे में बंद कर दिया।
रोहित आर्य ने कब की थी भूख हड़ताल?
हमारे सहयोगी महाराष्ट्र टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल 19 अगस्त को रोहित आर्य तत्कालीन शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर के खिलाफ भूख हड़ताल पर बैठा था। तभी उसकी तबियत बिगड़ गई। इसके बाद उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसने मेरा स्कूल, सुंदर स्कूल परियोजना तैयार करने का दावा किया था। उसने कहा था कि सरकार ने उनसे 2 करोड़ रुपये का गबन किया है। रोहित आर्य ने उस समय कहा था कि 3 अगस्त, 2024 को दीपक केसरकर मेरे घर आए और मेरी उम्मीदों के बारे में पूछा। उन्होंने सोमवार, 5 अगस्त को सब कुछ ठीक करने का वादा किया और मुझसे भूख हड़ताल खत्म करने को कहा। उनके सम्मान में मैंने भूख हड़ताल खत्म कर दी। लेकिन 7 अगस्त को यह स्पष्ट हो गया कि मंत्री के आश्वासन खोखले थे।
पति की हालत देख फूट-फूट कर रो रही थी पत्नी
रोहित आर्य की तबीयत बिगड़ने पर उसे एंबुलेंस में भर्ती कराया गया। उस समय उनकी पत्नी भी वहीं थीं। अपने पति की हालत देखकर वह फूट-फूट कर रो रही थीं। उस समय रोहित आर्य ने अपने द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी दी। कहा कि मैं लेट्स चेंज फिल्म पर आधारित अभियान की संकल्पना करके 2022 से पीएलसी स्वच्छता मॉनिटर को क्रियान्वित कर रहा हूं। मेरी अवधारणा और मेरे द्वारा लिए गए फ़िल्म अधिकारों का इस्तेमाल किया गया। लेकिन काम पूरा होने के बाद मैं कहीं नहीं था। क्या सरकार अपनी गलतियां सुधारेगी? क्या मीडिया इस पर ध्यान देगा और लोगों को जगाएगा?
रोहित आर्य का क्या आरोप?
उन्होंने मांग की थी कि स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर, उनके निजी सचिव मंगेश शिंदे, आयुक्त सूरज मंधारे, समीर सावंत और तुषार महाजन के खिलाफ यह सोचकर आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए कार्रवाई की जानी चाहिए। रोहित ने यह भी आरोप लगाया था कि आंदोलन को एक महीना हो गया है। मंत्री ने वादा किया था। लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। केसरकर साहब को मेरा प्रोजेक्ट पसंद आया और उन्होंने मेरे स्कूल को सुंदर शाला में स्थानांतरित कर दिया और 2 करोड़ रुपये मंजूर किए। लेकिन इसके बाद उन्होंने पैसे नहीं दिए।
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