नई दिल्ली: आज से ठीक एक साल पहले यानी कि 17 अक्टूबर 2024 को भारतीय क्रिकेट में एक काला दिन आया था। भारत ने बेंगलुरु में खेले गए एक टेस्ट मैच में न्यूजीलैंड के हाथों एक शर्मनाक हार का सामना किया था। यह हार भारत के लिए कई मायनों में चौंकाने वाली रही थी क्योंकि टीम इंडिया अपनी पहली पारी में सिर्फ 46 रनों पर ऑलआउट हो गई थी और ये भारतीय धरती पर टेस्ट क्रिकेट का सबसे कम स्कोर था।
दूसरी पारी में बनाए 462 रनदूसरी पारी में टीम ने शानदार वापसी की और दस गुना ज्यादा रन बनाए लेकिन फिर भी न्यूजीलैंड को सिर्फ 107 रन का टारगेट मिल पाया, जो काफी नहीं था। बारिश के थमने के बाद न्यूजीलैंड ने आसानी से लक्ष्य हासिल कर लिया और तीन मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली। यह 1988 के बाद पहली बार है जब भारत ने न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट गंवाया था। साथ ही यह पिछले 12 सालों में दूसरी बार है जब भारत ने एक साल में घर पर दो टेस्ट मैच गंवाए।
आसानी से जीती न्यूजीलैंड की टीमन्यूजीलैंड की टीम जो पिछले ही महीने श्रीलंका में 2-0 से हार गई थी उसे भारत आने से पहले ही काफी कमजोर माना जा रहा था। लेकिन अपने प्रमुख खिलाड़ी केन विलियमसन के बिना भी टॉम लैथम की टीम ने एक यादगार जीत दर्ज की। इस हार के बाद से टीम इंडिया ऊपर उठ ही नहीं पाई और अंत में न्यूजीलैंड ने इस पूरी सीरीज को 3-0 से जीता। ये 12 साल में पहला मौका था जब टीम इंडिया ने कोई सीरीज घर में हारी थी।
रोहित की कप्तानी पर उठे थे सवालइस हार के बाद से रोहित शर्मा की कप्तानी के बुरे दिन शुरू हो गए थे। रोहित की कप्तानी में ये सीरीज एक बड़ा सेटबैक बनकर सामने आई थी। खासकर रोहित की टेस्ट कप्तानी पर तो काला साया आ चुका था। इस सीरीज के बाद भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया गई और वहां भी बुरी तरह हारी। इस सीरीज के आखिरी टेस्ट में तो रोहित को खुद टीम से बाहर बैठना पड़ा था। जिसके बाद कुछ महीनों बाद रोहित ने खुद ही टेस्ट फॉर्मेट से संन्यास ले लिया।
बीसीसीआई हर फॉर्मेट का अलग कप्तान नहीं रख सकती, जिसके चलते रोहित को वनडे फॉर्मेट से भी कप्तानी से हटा दिया गया और अब टेस्ट और वनडे की कप्तानी शुभमन गिल के पास चली गई है। वहीं टी20 से पहले ही रिटायर हो चुके रोहित की जगह सूर्यकुमार यादव को कप्तानी मिली थी।
दूसरी पारी में बनाए 462 रनदूसरी पारी में टीम ने शानदार वापसी की और दस गुना ज्यादा रन बनाए लेकिन फिर भी न्यूजीलैंड को सिर्फ 107 रन का टारगेट मिल पाया, जो काफी नहीं था। बारिश के थमने के बाद न्यूजीलैंड ने आसानी से लक्ष्य हासिल कर लिया और तीन मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली। यह 1988 के बाद पहली बार है जब भारत ने न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट गंवाया था। साथ ही यह पिछले 12 सालों में दूसरी बार है जब भारत ने एक साल में घर पर दो टेस्ट मैच गंवाए।
आसानी से जीती न्यूजीलैंड की टीमन्यूजीलैंड की टीम जो पिछले ही महीने श्रीलंका में 2-0 से हार गई थी उसे भारत आने से पहले ही काफी कमजोर माना जा रहा था। लेकिन अपने प्रमुख खिलाड़ी केन विलियमसन के बिना भी टॉम लैथम की टीम ने एक यादगार जीत दर्ज की। इस हार के बाद से टीम इंडिया ऊपर उठ ही नहीं पाई और अंत में न्यूजीलैंड ने इस पूरी सीरीज को 3-0 से जीता। ये 12 साल में पहला मौका था जब टीम इंडिया ने कोई सीरीज घर में हारी थी।
रोहित की कप्तानी पर उठे थे सवालइस हार के बाद से रोहित शर्मा की कप्तानी के बुरे दिन शुरू हो गए थे। रोहित की कप्तानी में ये सीरीज एक बड़ा सेटबैक बनकर सामने आई थी। खासकर रोहित की टेस्ट कप्तानी पर तो काला साया आ चुका था। इस सीरीज के बाद भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया गई और वहां भी बुरी तरह हारी। इस सीरीज के आखिरी टेस्ट में तो रोहित को खुद टीम से बाहर बैठना पड़ा था। जिसके बाद कुछ महीनों बाद रोहित ने खुद ही टेस्ट फॉर्मेट से संन्यास ले लिया।
बीसीसीआई हर फॉर्मेट का अलग कप्तान नहीं रख सकती, जिसके चलते रोहित को वनडे फॉर्मेट से भी कप्तानी से हटा दिया गया और अब टेस्ट और वनडे की कप्तानी शुभमन गिल के पास चली गई है। वहीं टी20 से पहले ही रिटायर हो चुके रोहित की जगह सूर्यकुमार यादव को कप्तानी मिली थी।
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