नई दिल्ली: लेह हिंसा के बाद गिरफ्तार किए गए लद्दाख के पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है जिस पर आज थोड़ी देर बाद सुनवाई होगी। वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजारिया की दो सदस्यीय पीठ करेगी। अंगमो की ओर से दायर इस याचिका में कहा गया है कि सोनम वांगचुक को गैरकानूनी तरीके से हिरासत में रखा गया है। उन्हें किसी वैधानिक प्रक्रिया के तहत गिरफ्तार नहीं किया गया।
वांगचुक की पत्नी ने अपनी याचिका में कहा है एक सप्ताह से अधिक समय से उन्हें उनके पति के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। सोनम वांगचुक किस स्थिति में हैं इसकी जानकारी पुलिस प्रशासन की ओर से नहीं दी जा रही है। सोनम वांगचुक को 24 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उन्हें राजस्थान के जोधपुर जेल में रखा गया है।
सोनम वांगचुक की पत्नी ने इससे पूर्व राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी एक पत्र लिखकर बिना शर्त अपने पति की रिहाई की मांग की थी। अंगमो ने अपील की थी कि राष्ट्रपति एक आदिवासी होने के चलते लद्दाख के लोगों की भावनाओं को समझें।
वांगचुक की पत्नी ने अपनी याचिका में कहा है कि उनके पति की गिरफ्तारी मनमानी और असंवैधानिक है। यह संविधान के अनुच्छेद 14,19,21 और 22 का उल्लंघन करती है। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि उन्हें बिना किसी मुकदमे के एक साल तक हिरासत में रखने के प्रावधान वाले NSA का दुरुपयोग किया गया है।
वांगचुक की पत्नी ने अपनी याचिका में कहा है एक सप्ताह से अधिक समय से उन्हें उनके पति के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। सोनम वांगचुक किस स्थिति में हैं इसकी जानकारी पुलिस प्रशासन की ओर से नहीं दी जा रही है। सोनम वांगचुक को 24 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उन्हें राजस्थान के जोधपुर जेल में रखा गया है।
सोनम वांगचुक की पत्नी ने इससे पूर्व राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी एक पत्र लिखकर बिना शर्त अपने पति की रिहाई की मांग की थी। अंगमो ने अपील की थी कि राष्ट्रपति एक आदिवासी होने के चलते लद्दाख के लोगों की भावनाओं को समझें।
वांगचुक की पत्नी ने अपनी याचिका में कहा है कि उनके पति की गिरफ्तारी मनमानी और असंवैधानिक है। यह संविधान के अनुच्छेद 14,19,21 और 22 का उल्लंघन करती है। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि उन्हें बिना किसी मुकदमे के एक साल तक हिरासत में रखने के प्रावधान वाले NSA का दुरुपयोग किया गया है।
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