चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गुरुवार को वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अमनीत पी कुमार के सरकारी आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की। अमनीत के पति आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार ने कथित तौर पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। अमनीत ने मुख्यमंत्री से अपनी शिकायत और पति के सुसाइड नोट में नामित लोगों के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज कराने के लिए हस्तक्षेप की मांग की। मुख्यमंत्री सैनी ने अमनीत को उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
आईपीएस अधिकरी के घर पहुंचे सैनी
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी कुछ वरिष्ठ नौकरशाहों के साथ गुरुवार को चंडीगढ़ में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की वरिष्ठ अधिकारी अमनीत कुमार के सेक्टर 24 स्थित आधिकारिक घर पर पहुंचे। जापान की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा से लौटने के बाद यहां पहुंचे सैनी लगभग 50 मिनट तक कुमार के घर पर रहे। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री की दोपहर को होने वाली प्रेस वार्ता अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दी गई।
उचित कार्रवाई का आश्वासन
बयान में यह भी कहा गया कि सैनी ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के दिवंगत अधिकारी की पत्नी से मुलाकात कर अपनी संवेदना व्यक्त की और अमनीत कुमार को उचित कार्रवाई का आश्वासन भी दिया। अमनीत कुमार हरियाणा सरकार के विदेश सहयोग विभाग की आयुक्त एवं सचिव हैं। वह अमनप्रीत सैनी के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनकर जापान गई थीं, लेकिन पति की मौत की खबर मिलने पर बुधवार को भारत लौट आईं।
मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया
अमनीत कुमार की ओर से मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन में उन्होंने तुरंत एफआईआर दर्ज करने, पूरन कुमार के 'सुसाइड नोट' और बाद में पुलिस को सौंपी गई शिकायत में उल्लिखित आरोपियों को निलंबित करने, गिरफ्तार करने और परिवार को आजीवन सुरक्षा देने की मांग की है 'क्योंकि मामले में हरियाणा के शक्तिशाली, उच्च पदस्थ अधिकारियों के नाम शामिल हैं। इसमें लिखा गया था कि यह सबसे दुखद है कि स्पष्ट और विस्तृत सुसाइड नोट और औपचारिक शिकायत के बावजूद आज तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।
ज्ञापन में क्या कहा?
उन्होंने ज्ञापन में कहा कि सुसाइड नोट में स्पष्ट रूप से उत्पीड़न, अपमान और मानसिक यातना का माहौल बनाने के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के नाम हैं, जो सीधे तौर पर इस दुखद कृत्य का कारण बने। यह नोट एक मृत्यु पूर्व बयान है और इसे तत्काल कानूनी कार्रवाई की मांग करने वाले महत्वपूर्ण सबूत के रूप में माना जाना चाहिए। मृतक अधिकारी की पत्नी ने यह भी दावा किया है कि 48 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बावजूद चंडीगढ़ पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
मेरे परिवार को बदनाम करने की कोशिश-अमनीत
उन्होंने आरोप लगाया है कि इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है क्योंकि 'हरियाणा पुलिस और प्रशासन के शक्तिशाली, उच्च पदस्थ अधिकारी इस मामले में आरोपी हैं और वे चंडीगढ़ पुलिस को प्रभावित कर रहे हैं। अमनीत ने ज्ञापन में कहा है कि मेरे मन में गंभीर आशंका है कि इस शिकायत के बाद ये 'उच्च पदस्थ शक्तिशाली अधिकारी' मुझे और मेरे परिवार को बदनाम करने की कोशिश करेंगे और मुझे विभागीय या अन्य तरीके से फंसाने की भी कोशिश करेंगे।
2001 बैच के आईपीएस अधिकारी थे वाई पूरन कुमार
2001 बैच के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार (52) अपने सेक्टर 11 स्थित आवास के भूतल के एक कमरे में मृत मिले थे। उनके शरीर पर गोली लगी थी। सूत्रों के अनुसार, पूरन कुमार ने अपने सुसाइड नोट में कुछ ‘वरिष्ठ अधिकारियों’ का नाम लिया और पिछले कुछ वर्षों में उन्हें झेलनी पड़ी ‘मानसिक प्रताड़ना’ और अपमान का विवरण दिया। अमनीत पी कुमार ने बुधवार को एक पुलिस शिकायत में दावा किया कि उनके पति की मौत उच्च पदस्थ अधिकारियों द्वारा ‘सुनियोजित उत्पीड़न’ का परिणाम थी।
हरियाणा के डीजीपी पर केस करने की मांग
उन्होंने हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर और एक अन्य वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज करने का अनुरोध किया। प्रयासों के बावजूद दोनों अधिकारियों से फोन पर संपर्क नहीं हो सका। सैनी को गुरुवार को सौंपे गए ज्ञापन में अमनीत कुमार ने अपने पति को एक प्रतिष्ठित और सम्मानित पुलिस अधिकारी बताया, जिन्होंने ईमानदारी, समर्पण और साहस के साथ राज्य और देश की सेवा की। उन्होंने कहा कि उन्हें सराहनीय सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक मिला था और अपने शानदार करियर के दौरान वह ईमानदारी, अनुशासन और कर्तव्य के प्रति निडर प्रतिबद्धता के प्रतीक थे।
अनुसूचित जाति समुदाय में गहरा दुख
अमनीत ने कहा कि वह समाज के वंचित वर्गों के अनगिनत व्यक्तियों के लिए प्रेरणा और मार्गदर्शन के स्रोत के रूप में खड़े रहे। उनके जीवन और सेवा ने उन लाखों लोगों को आशा और गौरव दिया, जिन्होंने उन्हें सशक्तिकरण और न्याय का प्रतीक के रूप में देखा। इसलिए उनकी दुखद मौत से विशेष रूप से अनुसूचित जाति समुदाय में गहरा दुख और आक्रोश व्याप्त है, जिनका समानता और न्याय में विश्वास गंभीर रूप से हिल गया है। उन्होंने कहा कि उपरोक्त को ध्यान में रखते हुए, यह विनम्रतापूर्वक अनुरोध किया जाता है कि आपका कार्यालय कृपया हस्तक्षेप कर सकता है और सुनिश्चित कर सकता है कि कानून के अनुसार, सुसाइड नोट और संलग्न शिकायत में नामित सभी व्यक्तियों के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज की जाए।
सिस्टम की चुप्पी ने गहरा दर्द दिया
उन्होंने कहा कि हस्तक्षेप, सबूतों से छेड़छाड़ या जांच को प्रभावित करने से रोकने के लिए सभी आरोपी व्यक्तियों को तत्काल निलंबित किया जाए और गिरफ्तार किया जाए। दिवंगत श्री वाई पूरन कुमार के परिवार, विशेष रूप से उनकी दो बेटियों, जो गंभीर खतरे और मानसिक संकट में हैं, के लिए स्थायी सुरक्षा कवर का प्रावधान किया जाए। परिवार के अधिकारों और सम्मान की सुरक्षा जरूरी है क्योंकि उन्हें जिम्मेदार लोगों से उत्पीड़न और भय का सामना करना पड़ रहा है। मृतक अधिकारी की पत्नी ने मुख्यमंत्री को दिए ज्ञापन में आगे उल्लेख किया कि पूरन कुमार सम्मानित और प्रतिष्ठित सेवा के व्यक्ति थे और सिस्टम की चुप्पी ने उनके परिवार और उन्हें सम्मान देने वाले समुदाय के दर्द को और गहरा कर दिया है।
दृढ़ कार्रवाई शासन में विश्वास बहाल करेगी
उन्होंने सैनी से कहा कि आपका तत्काल हस्तक्षेप और दृढ़ कार्रवाई शासन में विश्वास बहाल करेगी और नागरिकों को आश्वस्त करेगी कि न्याय में देरी नहीं होगी और न ही न्याय से इनकार किया जाएगा। सूत्रों ने कहा कि पूरन कुमार ने टाइप किया हुआ आठ पन्नों का हस्ताक्षरित 'अंतिम नोट' छोड़ा है, जिसका शीर्षक है 'अगस्त 2020 से हरियाणा के संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा लगातार जाति-आधारित भेदभाव, लक्षित मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान और अत्याचार, जो अब असहनीय है। मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) सुमिता मिश्रा और कुछ अन्य आईएएस अधिकारी सैनी के साथ अमनीत कुमार के आवास पर पहुंचे थे। इस समय मंत्री कृष्ण लाल पंवार भी मौजूद थे।
आईपीएस अधिकरी के घर पहुंचे सैनी
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी कुछ वरिष्ठ नौकरशाहों के साथ गुरुवार को चंडीगढ़ में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की वरिष्ठ अधिकारी अमनीत कुमार के सेक्टर 24 स्थित आधिकारिक घर पर पहुंचे। जापान की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा से लौटने के बाद यहां पहुंचे सैनी लगभग 50 मिनट तक कुमार के घर पर रहे। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री की दोपहर को होने वाली प्रेस वार्ता अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दी गई।
दिवंगत आईपीएस अधिकारी श्री वाई पूरन कुमार जी के असामयिक निधन के पश्चात आज उनके आवास पर जाकर शोक प्रकट किया।
— Nayab Saini (@NayabSainiBJP) October 9, 2025
परिजनों से मिलकर अपनी संवेदनाएँ व्यक्त करते हुए उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
ईश्वर से प्रार्थना है कि इस कठिन समय में शोकाकुल परिजनों को शक्ति दें।
ॐ शांति। pic.twitter.com/1jstNLqPJC
उचित कार्रवाई का आश्वासन
बयान में यह भी कहा गया कि सैनी ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के दिवंगत अधिकारी की पत्नी से मुलाकात कर अपनी संवेदना व्यक्त की और अमनीत कुमार को उचित कार्रवाई का आश्वासन भी दिया। अमनीत कुमार हरियाणा सरकार के विदेश सहयोग विभाग की आयुक्त एवं सचिव हैं। वह अमनप्रीत सैनी के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनकर जापान गई थीं, लेकिन पति की मौत की खबर मिलने पर बुधवार को भारत लौट आईं।
मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया
अमनीत कुमार की ओर से मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन में उन्होंने तुरंत एफआईआर दर्ज करने, पूरन कुमार के 'सुसाइड नोट' और बाद में पुलिस को सौंपी गई शिकायत में उल्लिखित आरोपियों को निलंबित करने, गिरफ्तार करने और परिवार को आजीवन सुरक्षा देने की मांग की है 'क्योंकि मामले में हरियाणा के शक्तिशाली, उच्च पदस्थ अधिकारियों के नाम शामिल हैं। इसमें लिखा गया था कि यह सबसे दुखद है कि स्पष्ट और विस्तृत सुसाइड नोट और औपचारिक शिकायत के बावजूद आज तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।
ज्ञापन में क्या कहा?
उन्होंने ज्ञापन में कहा कि सुसाइड नोट में स्पष्ट रूप से उत्पीड़न, अपमान और मानसिक यातना का माहौल बनाने के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के नाम हैं, जो सीधे तौर पर इस दुखद कृत्य का कारण बने। यह नोट एक मृत्यु पूर्व बयान है और इसे तत्काल कानूनी कार्रवाई की मांग करने वाले महत्वपूर्ण सबूत के रूप में माना जाना चाहिए। मृतक अधिकारी की पत्नी ने यह भी दावा किया है कि 48 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बावजूद चंडीगढ़ पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
मेरे परिवार को बदनाम करने की कोशिश-अमनीत
उन्होंने आरोप लगाया है कि इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है क्योंकि 'हरियाणा पुलिस और प्रशासन के शक्तिशाली, उच्च पदस्थ अधिकारी इस मामले में आरोपी हैं और वे चंडीगढ़ पुलिस को प्रभावित कर रहे हैं। अमनीत ने ज्ञापन में कहा है कि मेरे मन में गंभीर आशंका है कि इस शिकायत के बाद ये 'उच्च पदस्थ शक्तिशाली अधिकारी' मुझे और मेरे परिवार को बदनाम करने की कोशिश करेंगे और मुझे विभागीय या अन्य तरीके से फंसाने की भी कोशिश करेंगे।
2001 बैच के आईपीएस अधिकारी थे वाई पूरन कुमार
2001 बैच के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार (52) अपने सेक्टर 11 स्थित आवास के भूतल के एक कमरे में मृत मिले थे। उनके शरीर पर गोली लगी थी। सूत्रों के अनुसार, पूरन कुमार ने अपने सुसाइड नोट में कुछ ‘वरिष्ठ अधिकारियों’ का नाम लिया और पिछले कुछ वर्षों में उन्हें झेलनी पड़ी ‘मानसिक प्रताड़ना’ और अपमान का विवरण दिया। अमनीत पी कुमार ने बुधवार को एक पुलिस शिकायत में दावा किया कि उनके पति की मौत उच्च पदस्थ अधिकारियों द्वारा ‘सुनियोजित उत्पीड़न’ का परिणाम थी।
हरियाणा के डीजीपी पर केस करने की मांग
उन्होंने हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर और एक अन्य वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज करने का अनुरोध किया। प्रयासों के बावजूद दोनों अधिकारियों से फोन पर संपर्क नहीं हो सका। सैनी को गुरुवार को सौंपे गए ज्ञापन में अमनीत कुमार ने अपने पति को एक प्रतिष्ठित और सम्मानित पुलिस अधिकारी बताया, जिन्होंने ईमानदारी, समर्पण और साहस के साथ राज्य और देश की सेवा की। उन्होंने कहा कि उन्हें सराहनीय सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक मिला था और अपने शानदार करियर के दौरान वह ईमानदारी, अनुशासन और कर्तव्य के प्रति निडर प्रतिबद्धता के प्रतीक थे।
अनुसूचित जाति समुदाय में गहरा दुख
अमनीत ने कहा कि वह समाज के वंचित वर्गों के अनगिनत व्यक्तियों के लिए प्रेरणा और मार्गदर्शन के स्रोत के रूप में खड़े रहे। उनके जीवन और सेवा ने उन लाखों लोगों को आशा और गौरव दिया, जिन्होंने उन्हें सशक्तिकरण और न्याय का प्रतीक के रूप में देखा। इसलिए उनकी दुखद मौत से विशेष रूप से अनुसूचित जाति समुदाय में गहरा दुख और आक्रोश व्याप्त है, जिनका समानता और न्याय में विश्वास गंभीर रूप से हिल गया है। उन्होंने कहा कि उपरोक्त को ध्यान में रखते हुए, यह विनम्रतापूर्वक अनुरोध किया जाता है कि आपका कार्यालय कृपया हस्तक्षेप कर सकता है और सुनिश्चित कर सकता है कि कानून के अनुसार, सुसाइड नोट और संलग्न शिकायत में नामित सभी व्यक्तियों के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज की जाए।
सिस्टम की चुप्पी ने गहरा दर्द दिया
उन्होंने कहा कि हस्तक्षेप, सबूतों से छेड़छाड़ या जांच को प्रभावित करने से रोकने के लिए सभी आरोपी व्यक्तियों को तत्काल निलंबित किया जाए और गिरफ्तार किया जाए। दिवंगत श्री वाई पूरन कुमार के परिवार, विशेष रूप से उनकी दो बेटियों, जो गंभीर खतरे और मानसिक संकट में हैं, के लिए स्थायी सुरक्षा कवर का प्रावधान किया जाए। परिवार के अधिकारों और सम्मान की सुरक्षा जरूरी है क्योंकि उन्हें जिम्मेदार लोगों से उत्पीड़न और भय का सामना करना पड़ रहा है। मृतक अधिकारी की पत्नी ने मुख्यमंत्री को दिए ज्ञापन में आगे उल्लेख किया कि पूरन कुमार सम्मानित और प्रतिष्ठित सेवा के व्यक्ति थे और सिस्टम की चुप्पी ने उनके परिवार और उन्हें सम्मान देने वाले समुदाय के दर्द को और गहरा कर दिया है।
दृढ़ कार्रवाई शासन में विश्वास बहाल करेगी
उन्होंने सैनी से कहा कि आपका तत्काल हस्तक्षेप और दृढ़ कार्रवाई शासन में विश्वास बहाल करेगी और नागरिकों को आश्वस्त करेगी कि न्याय में देरी नहीं होगी और न ही न्याय से इनकार किया जाएगा। सूत्रों ने कहा कि पूरन कुमार ने टाइप किया हुआ आठ पन्नों का हस्ताक्षरित 'अंतिम नोट' छोड़ा है, जिसका शीर्षक है 'अगस्त 2020 से हरियाणा के संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा लगातार जाति-आधारित भेदभाव, लक्षित मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान और अत्याचार, जो अब असहनीय है। मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) सुमिता मिश्रा और कुछ अन्य आईएएस अधिकारी सैनी के साथ अमनीत कुमार के आवास पर पहुंचे थे। इस समय मंत्री कृष्ण लाल पंवार भी मौजूद थे।
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