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'मैं ही क्यों गाली खाऊं...' अब सड़क महकमे के सेक्रेटरी से लेकर कांट्रेक्टर-कंसलटेंट तक का नंबर दिखेगा QR कोड में

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नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने करीब करीब पूरे भारत में सड़कों का जाल बिछा दिया है। लेकिन जब भी हाईवेज पर कहीं कोई दिक्कत होती है तो लोग नितिन गडकरी के बारे में कुछ से कुछ बोलने या पोस्ट करने लगते हैं। इससे बचने का उन्होंने अधिकारियों को अनूठा निर्देश दिया है। उन्होंने राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों और सड़क बनाने वाली कंपनियों को राष्ट्रीय राजमार्ग की परियोजनाओं पर क्यूआर कोड (QR code) लगाने को कहा है। इसके क्या फायदे होंगे, जानते हैं।

क्या कहा है गडकरी नेराजमार्ग मंत्री ने पिछले दिनों एक कार्यक्रम में इस बात का खुलासा किया। उन्होंने बताया "मैंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे सड़कों के किनारे बड़े-बड़े होर्डिंग्स (hoardings) लगवाएं, जिन पर क्यूआर कोड लगे हों। इससे लोग चलते-चलते ही इन कोड्स को स्कैन करके जान लें कि मंत्री कौन है, सेक्रेटरी कौन है, कौन सा कांट्रेक्टर है। कांट्रेक्टर का भी फोटो छपे, सेक्रेटरी का भी फोटो छपे, कंसल्टेंट (consultant) और सरकारी अधिकारियों का नाम नंबर छपे। सिर्फ मेरा नाम ही क्यों आए?"



सिर्फ मैं ही क्यों गाली खाऊं?
उन्होंने यह भी कहा, "सोशल मीडिया में मैं ही सिर्फ गाली खाऊं? जो खराब काम करेंगे वो गाली खाएंगे। सबको पता चले कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है।" इसका मतलब है कि अब सड़क खराब होने पर सिर्फ़ मंत्री को ही नहीं, बल्कि सीधे तौर पर ज़िम्मेदार लोगों को जवाब देना होगा। उन्होंने कहा कि अगर सड़क खराब है और लोग सोशल मीडिया पर शिकायत कर रहे हैं, तो उसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। सड़क बनाने के काम में 'ए से ज़ेड' तक, यानी शुरू से लेकर अंत तक, हर किसी को ज़िम्मेदारी, ईमानदारी और सकारात्मक सोच के साथ काम करना होगा। सड़कें अच्छी बननी चाहिए और अच्छी रहनी चाहिए। इसके लिए स्पष्ट साइनबोर्ड (signboards) लगाए जाने चाहिए, जिन पर साफ-साफ लिखा हो कि कौन ज़िम्मेदार है। उसका नंबर होगा ताकि लोग उन्हें फोन कर सकें।



प्रोजेक्ट की जानकारी यूट्यूब पर भीइसके साथ ही, इन परियोजनाओं की निर्माण संबंधी ताज़ा जानकारी यूट्यूब (YouTube) पर भी साझा की जाएगी। इस कदम का मकसद यह है कि जो लोग इन सड़कों से गुज़रते हैं, वे आसानी से प्रोजेक्ट की जानकारी, संबंधित अधिकारियों के संपर्क नंबर और अपनी राय या शिकायतें बता सकें। सरकार देश में सड़कों का जाल बिछाने का काम तेज़ी से कर रही है। पिछले कुछ समय से सड़कों की खराब क्वालिटी और काम में देरी को लेकर लोगों की शिकायतें आ रही थीं। इन चिंताओं को दूर करने के लिए यह नई पहल की गई है। आपको बता दें कि 2014 के बाद से भारत में 60,000 किलोमीटर से ज़्यादा सड़कें बन चुकी हैं।

क्यूआर कोर्ड से मिलेगी सारी जानकारीअब सड़क पर चलते हुए आप क्यूआर कोड को स्कैन करके उस हाईवे प्रोजेक्ट के बारे में सब कुछ जान पाएंगे। गडकरी ने बताया कि सड़कों के किनारे लगे क्यूआर कोड को स्कैन करने पर आपको ठेकेदार का नाम, प्रोजेक्ट पर कितना खर्च आ रहा है, काम कब तक पूरा होगा और किस अधिकारी से संपर्क करना है, यह सब पता चल जाएगा। उन्होंने यह भी कहा है कि अधिकारियों को ऑनलाइन मिलने वाली शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

इसके लिए बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगेंगेमंत्री ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे सड़कों के किनारे बड़े-बड़े होर्डिंग्स (hoardings) लगवाएं, जिन पर क्यूआर कोड लगे हों। इससे लोग चलते-चलते ही इन कोड्स को स्कैन करके ठेकेदार, कंसल्टेंट (consultant) और सरकारी अधिकारियों के नाम और उनके संपर्क नंबर जान सकेंगे।

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