ग्रेटर नोएडा: यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ( YEIDA ) के हजारों आवंटियों के लिए अब अच्छी खबर है। अब उन्हें अपने प्लॉट से जुड़ी किसी भी जानकारी के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। यमुना अथॉरिटी ने वन मैप योजना तैयार की है, जिसके तहत 7 नवंबर से सभी आवंटी घर बैठे प्लॉट की हर डिटेल एक क्लिक पर हासिल कर सकेंगे।
यह सुविधा 30,000 से अधिक आवंटियों के लिए एक बड़ा बदलाव लाएगी। अथॉरिटी की वेबसाइट www.yamunaexpress wayauthority.com पर 'वन मैप' नाम से एक नई विंडो दिखाई देगी। इस पर आप अपने प्लॉट का नंबर डालकर उससे संबंधित सारी जानकारी तुरंत पा सकेंगे। इतना ही नहीं, अगर आप अपने प्लॉट पर कोई निर्माण कराते हैं, तो उसकी जानकारी भी इस प्लैटफॉर्म पर उपलब्ध होगी।
ग्रेटर नोएडा में पहले से है लागू
'वन मैप' परियोजना पहले से ही ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में 2023 से लागू है। इसे प्रदेश सरकार के राजस्व विभाग और रिमोट सेंसिंग एप्लिकेशन सेंटर, लखनऊ के सहयोग से शुरू किया गया था। ग्रेनो में इस परियोजना ने भूमि प्रबंधन, संपत्ति की पहचान, अवैध निर्माण पर नियंत्रण को और अधिक प्रभावी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
चल रहा प्रजेंटेशन और सुधार का काम
यमुना अथॉरिटी में 'वन मैप' परियोजना का प्रेजेंटेशन फिलहाल चल रहा है। बुधवार को प्रॉजेक्ट विभाग में इसका प्रेजेंटेशन हुआ, जहां अधिकारियों ने कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। इन सुझावों को अब परियोजना में शामिल किया जाएगा। यह प्रेजेंटेशन अलग-अलग विभागों के साथ भी चलेगा, ताकि सभी पहलुओं को ध्यान में रखा जा सके और परियोजना को पूरी तरह से त्रुटिहीन बनाया जा सके। इसके बाद 7 नवंबर को अथॉरिटी के चेयरमैन आलोक कुमार शुभारंभ करेंगे।
यह है वन मैप योजना
'वन मैप' परियोजना का मुख्य उद्देश्य जमीन से संबंधित सभी रेकॉर्ड, नक्शे और अन्य दस्तावेजों को डिजिटल प्लैटफॉर्म पर लाना है। इसके तहत राजस्व विभाग, नगर नियोजन विभाग, विकास प्राधिकरण, वन विभाग और अन्य संबंधित विभागों के जमीन रेकॉर्ड्स को एक ही मैप पर देखा जा सकेगा। इससे किसी भी भूखंड की वास्तविक स्थिति, उसके मालिक और उसके उपयोग से जुड़ी हर जानकारी होगी।
यह सुविधा 30,000 से अधिक आवंटियों के लिए एक बड़ा बदलाव लाएगी। अथॉरिटी की वेबसाइट www.yamunaexpress wayauthority.com पर 'वन मैप' नाम से एक नई विंडो दिखाई देगी। इस पर आप अपने प्लॉट का नंबर डालकर उससे संबंधित सारी जानकारी तुरंत पा सकेंगे। इतना ही नहीं, अगर आप अपने प्लॉट पर कोई निर्माण कराते हैं, तो उसकी जानकारी भी इस प्लैटफॉर्म पर उपलब्ध होगी।
ग्रेटर नोएडा में पहले से है लागू
'वन मैप' परियोजना पहले से ही ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में 2023 से लागू है। इसे प्रदेश सरकार के राजस्व विभाग और रिमोट सेंसिंग एप्लिकेशन सेंटर, लखनऊ के सहयोग से शुरू किया गया था। ग्रेनो में इस परियोजना ने भूमि प्रबंधन, संपत्ति की पहचान, अवैध निर्माण पर नियंत्रण को और अधिक प्रभावी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
चल रहा प्रजेंटेशन और सुधार का काम
यमुना अथॉरिटी में 'वन मैप' परियोजना का प्रेजेंटेशन फिलहाल चल रहा है। बुधवार को प्रॉजेक्ट विभाग में इसका प्रेजेंटेशन हुआ, जहां अधिकारियों ने कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। इन सुझावों को अब परियोजना में शामिल किया जाएगा। यह प्रेजेंटेशन अलग-अलग विभागों के साथ भी चलेगा, ताकि सभी पहलुओं को ध्यान में रखा जा सके और परियोजना को पूरी तरह से त्रुटिहीन बनाया जा सके। इसके बाद 7 नवंबर को अथॉरिटी के चेयरमैन आलोक कुमार शुभारंभ करेंगे।
यह है वन मैप योजना
'वन मैप' परियोजना का मुख्य उद्देश्य जमीन से संबंधित सभी रेकॉर्ड, नक्शे और अन्य दस्तावेजों को डिजिटल प्लैटफॉर्म पर लाना है। इसके तहत राजस्व विभाग, नगर नियोजन विभाग, विकास प्राधिकरण, वन विभाग और अन्य संबंधित विभागों के जमीन रेकॉर्ड्स को एक ही मैप पर देखा जा सकेगा। इससे किसी भी भूखंड की वास्तविक स्थिति, उसके मालिक और उसके उपयोग से जुड़ी हर जानकारी होगी।
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