पुणे/छत्रपति संभाजीनगर: महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर (औरंगाबाद) जिले के एक किसान ने बुधवार को दावा किया कि भारी बारिश और उसके बाद आई बाढ़ के कारण फसल को हुए नुकसान के लिए सरकार से उसे केवल छह रुपये का मुआवजा मिला है। किसान दिगंबर सुधाकर तांगडे पैठण तालुका के दावरवाड़ी गांव के निवासी हैं। तांगडे ने पैठण के नांदर गांव में शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे के दौरे से इतर संवाददाताओं से बात की। ठाकरे मराठवाड़ा क्षेत्र के दौरे के तहत किसानों से बातचीत कर रहे हैं। शिवसेना यूबीटी चीफ उद्धव ठाकरे लगातार महायुति सरकार ने कर्जमाफी की मांग कर रहे हैं। बीजेपी ने बुधवार को ठाकरे के मराठवाड़ा दौरे पर निशाना भी साधा है। बीजेपी ने इस दौरे को बेमौसमी करार दिया है।
तीन से 21 रुपये मुआवजा
हाल ही में महाराष्ट्र के अकोला जिले के कुछ गांवों के किसानों ने दावा किया कि भारी बारिश के कारण फसल को हुए नुकसान के लिए उन्हें केंद्रीय बीमा योजना के तहत मात्र तीन रुपये और 21 रुपये का मुआवजा मिला है, तथा उन्होंने इस सहायता को 'अपमानजनक' और उनकी दुर्दशा का 'मजाक' बताया। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत सहायता पाने वाले किसानों ने बाद में जिला कलेक्टर कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया और चेक के माध्यम से राशि वापस कर दी। तांगडे ने कहा कि मेरे पास सिर्फ दो एकड़ जमीन है। मुझे मैसेज आया कि मेरे बैंक खाते में छह रुपये जमा हो गए हैं। सरकार को इतना कम भुगतान करने में शर्म आनी चाहिए। यह रकम एक कप चाय खरीदने के लिए भी पर्याप्त नहीं है। सरकार ने किसानों के साथ बहुत बड़ा मज़ाक किया है।’
यह किसानों के साथ मजाक
तांगडे ने कहा कि हम कर्ज माफी चाहते हैं। सरकार का मेरे खाते में छह रुपये जमा करना किसानों के साथ मजाक है। हमारा राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन कम से कम (पूर्व मुख्यमंत्री) उद्धव ठाकरे ने अपने कार्यकाल में कर्ज माफी तो की। इस सरकार ने भी पहले इसकी घोषणा की थी, लेकिन कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा, 'लोग पिछले दो महीनों से मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं। अब वे इतनी छोटी रकम भेज रहे हैं।' राज्य के कुछ हिस्सों, विशेषकर मराठवाड़ा क्षेत्र के कुछ जिलों में किसानों को अगस्त-सितंबर में भारी बारिश और बाढ़ के कारण फसल का व्यापक नुकसान हुआ। राज्य सरकार ने पिछले महीने प्रभावित किसानों के लिए 31,628 करोड़ रुपये के मुआवजे के पैकेज की घोषणा की थी। इसमें फसल क्षति, मृदा अपरदन, घायलों के अस्पताल में भर्ती होने, परिजनों को अनुग्रह राशि, घरों, दुकानों और पशुशालाओं को हुए नुकसान आदि के लिए मुआवजा शामिल है।
“उद्धवसाहेबांनी माझं कर्जमाफ केलं.. मी जमीन विकायला चाललो होतो पण उद्धवसाहेबांनी केलेल्या कर्जमाफीमुळे माझी जमीन वाचली.“
— ShivSena - शिवसेना Uddhav Balasaheb Thackeray (@ShivSenaUBT_) November 5, 2025
- मराठवाड्यातील शेतकऱ्याची प्रतिक्रिया pic.twitter.com/vRsVlY1fz4
तीन से 21 रुपये मुआवजा
हाल ही में महाराष्ट्र के अकोला जिले के कुछ गांवों के किसानों ने दावा किया कि भारी बारिश के कारण फसल को हुए नुकसान के लिए उन्हें केंद्रीय बीमा योजना के तहत मात्र तीन रुपये और 21 रुपये का मुआवजा मिला है, तथा उन्होंने इस सहायता को 'अपमानजनक' और उनकी दुर्दशा का 'मजाक' बताया। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत सहायता पाने वाले किसानों ने बाद में जिला कलेक्टर कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया और चेक के माध्यम से राशि वापस कर दी। तांगडे ने कहा कि मेरे पास सिर्फ दो एकड़ जमीन है। मुझे मैसेज आया कि मेरे बैंक खाते में छह रुपये जमा हो गए हैं। सरकार को इतना कम भुगतान करने में शर्म आनी चाहिए। यह रकम एक कप चाय खरीदने के लिए भी पर्याप्त नहीं है। सरकार ने किसानों के साथ बहुत बड़ा मज़ाक किया है।’
यह किसानों के साथ मजाक
तांगडे ने कहा कि हम कर्ज माफी चाहते हैं। सरकार का मेरे खाते में छह रुपये जमा करना किसानों के साथ मजाक है। हमारा राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन कम से कम (पूर्व मुख्यमंत्री) उद्धव ठाकरे ने अपने कार्यकाल में कर्ज माफी तो की। इस सरकार ने भी पहले इसकी घोषणा की थी, लेकिन कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा, 'लोग पिछले दो महीनों से मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं। अब वे इतनी छोटी रकम भेज रहे हैं।' राज्य के कुछ हिस्सों, विशेषकर मराठवाड़ा क्षेत्र के कुछ जिलों में किसानों को अगस्त-सितंबर में भारी बारिश और बाढ़ के कारण फसल का व्यापक नुकसान हुआ। राज्य सरकार ने पिछले महीने प्रभावित किसानों के लिए 31,628 करोड़ रुपये के मुआवजे के पैकेज की घोषणा की थी। इसमें फसल क्षति, मृदा अपरदन, घायलों के अस्पताल में भर्ती होने, परिजनों को अनुग्रह राशि, घरों, दुकानों और पशुशालाओं को हुए नुकसान आदि के लिए मुआवजा शामिल है।
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