शादाब रिजवी, सहारनपुर: खुफिया विभाग की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है वैसे वैसे आतंकियों और उनके कनेक्शन के बारे मे चौंकाने वाली जानकारी सामने आ रही हैं। खुफिया जांच में खुलासा हुआ है कि वेस्ट यूपी के सहारनपुर से गिरफ्तार आतंकी गतिविधियों में शामिल कश्मीर निवासी डॉक्टर अदील अहमद की अपने करीबियों संग मिलकर देश खासकर यूपी को दहलाने की बड़ी साजिश थी। सहारनपुर में किराए के मकान में अदील के पास आधी रात को अंधेरे में 9 से 10 गुमनाम लोग पहुंचते थे। कई घंटे बिताने के बाद लौटते थे। खुफिया एजेंसियों अब इन गुमनाम लोगों की तलाश कर रही है इनके चेहरे और मकसद को सामने लाने में जुटी हैं।
दरअसल, फरीदाबाद मॉड्यूल में सबसे पहले डॉक्टर अदील की सहारनपुर से अरेस्टिंग हुई। उससे पूछताछ के बाद डॉक्टर मुजम्मिल शकील पर कार्रवाई की गई थी। सूत्रों के मुताबिक खुफिया एजेंसियों ने सहारनपुर में नौकरी करने करने वाले कश्मीर के डॉक्टर अदील के करीबी डॉक्टरों से पूछताछ की है। बैंक खातों और मोबाइल की कॉल डिटेल खंगाल रही हैं। जिस घर को अदील ने किराए पर ले रखा था इसके आसपास के मोबाइल टावर के रिकॉर्ड को टीम खंगाल रही हैं। देख रही है कि एक साथ दस या उससे अधिक मोबाइल कहां कहां एक्टिव रहते थे?
वो मोबाइल किसके थे? उनके किन नंबरों पर बात होती थी? कितनी देर होती थी? भारत के किन शहरों में रहने वाले लोगों से बात होती थी। क्या उन नंबरों से पाकिस्तान समेत दूसरे देश में बात होती थी? अगर पाकिस्तान वगैरा बात होती थी तब पाकिस्तान के लोगों की प्रोफाइल क्या हैं? उनकी कार्यशैली क्या है? खुफिया एजेंसी तबसे और सक्रिय हो गई हैं, जब से फरीदाबाद से विस्फोटक बरामद होने के बाद दिल्ली में ब्लास्ट हुआ और डॉक्टर अदील का पाक आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से कनेक्शन सामने आया है। खुफिया एजेंसी पता लगा रही हैं कि अदील जैश से कैसे जुड़ा? आतंकी मुजम्मिल, डॉक्टर शाहीन और डॉक्टर उमर से नजदीकी कैसे हुई। सब का नेटवर्क कैसा था? कैसे जानते थे?
दरअसल, डॉक्टर अदील कश्मीर के कुलगाम जिले के वानपुरा का निवासी है। श्रीनगर मेडिकल कॉलेज से MBBS की पढ़ाई की। अनंतनाग के सरकारी मेडिकल कॉलेज (GMC) में रेजिडेंट डॉक्टर की नौकरी की। 2024 में अस्पताल से इस्तीफा देकर सहारनपुर आ गया। यहां कई अस्पतालों में काम करने लगा। बाद में फेमस मेडिकेयर अस्पताल में पांच लाख रुपए महीने की सैलरी पर नौकरी करने लगा। हाल में 4 अक्टूबर को अदील ने जम्मू-कश्मीर में शादी की।
सहारनपुर के डॉक्टर बाबर, डॉक्टर असलम सैफी समेत चार मुस्लिम डॉक्टरों को शादी का कार्ड दिया। शादी के बाद एक नवंबर को सहारनपुर लौटा। हनीमून पर जाने की तैयारी के बीच 6 नवंबर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के अनुसार, डॉ. अदील का भाई भी डॉक्टर है। उसकी पत्नी रुकैया भी डॉक्टर है।
शादी में शामिल हुए दो साथी डॉक्टर बाबर और डॉक्टर असलम
सहारनपुर में छह नवंबर को फेमस हास्पिटल से डॉक्टर अदील की गिरफ्तारी के बाद छुट्टी पर भेजे गए डॉक्टर बाबर और डॉक्टर असलम बुधवार को ड्यूटी पर लौट आए। दोनों का कहना है कि अस्पताल में स्टाफ होने की हैसियत से सिर्फ डॉक्टर अदील की शादी में गए थे। अदील की आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का कोई पता नहीं था। दावा किया कि हमारा किसी आतंकी नेटवर्क या गतिविधि से संबंध नहीं है।
डॉ. बाबर ने कहा कि वह 3 साल से फेमस अस्पताल में कार्यरत हैं। डॉक्टर अदील यहां अस्पताल में कुछ माह पहले ही नौकरी पर आया था। हमें शादी का निमंत्रण मिला था। हम कश्मीर पहुंचे थे। बताया कि बताया कि डॉ. अदील अक्सर कश्मीरी भाषा में बातचीत करता था। लेकिन उसके व्यवहार से कभी शक नहीं हुआ। गिरफ्तारी वाले दिन डॉ. अदील ने मां की बीमारी की बात बताकर गांव जाने की जिक्र किया था।
दरअसल, फरीदाबाद मॉड्यूल में सबसे पहले डॉक्टर अदील की सहारनपुर से अरेस्टिंग हुई। उससे पूछताछ के बाद डॉक्टर मुजम्मिल शकील पर कार्रवाई की गई थी। सूत्रों के मुताबिक खुफिया एजेंसियों ने सहारनपुर में नौकरी करने करने वाले कश्मीर के डॉक्टर अदील के करीबी डॉक्टरों से पूछताछ की है। बैंक खातों और मोबाइल की कॉल डिटेल खंगाल रही हैं। जिस घर को अदील ने किराए पर ले रखा था इसके आसपास के मोबाइल टावर के रिकॉर्ड को टीम खंगाल रही हैं। देख रही है कि एक साथ दस या उससे अधिक मोबाइल कहां कहां एक्टिव रहते थे?
वो मोबाइल किसके थे? उनके किन नंबरों पर बात होती थी? कितनी देर होती थी? भारत के किन शहरों में रहने वाले लोगों से बात होती थी। क्या उन नंबरों से पाकिस्तान समेत दूसरे देश में बात होती थी? अगर पाकिस्तान वगैरा बात होती थी तब पाकिस्तान के लोगों की प्रोफाइल क्या हैं? उनकी कार्यशैली क्या है? खुफिया एजेंसी तबसे और सक्रिय हो गई हैं, जब से फरीदाबाद से विस्फोटक बरामद होने के बाद दिल्ली में ब्लास्ट हुआ और डॉक्टर अदील का पाक आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से कनेक्शन सामने आया है। खुफिया एजेंसी पता लगा रही हैं कि अदील जैश से कैसे जुड़ा? आतंकी मुजम्मिल, डॉक्टर शाहीन और डॉक्टर उमर से नजदीकी कैसे हुई। सब का नेटवर्क कैसा था? कैसे जानते थे?
दरअसल, डॉक्टर अदील कश्मीर के कुलगाम जिले के वानपुरा का निवासी है। श्रीनगर मेडिकल कॉलेज से MBBS की पढ़ाई की। अनंतनाग के सरकारी मेडिकल कॉलेज (GMC) में रेजिडेंट डॉक्टर की नौकरी की। 2024 में अस्पताल से इस्तीफा देकर सहारनपुर आ गया। यहां कई अस्पतालों में काम करने लगा। बाद में फेमस मेडिकेयर अस्पताल में पांच लाख रुपए महीने की सैलरी पर नौकरी करने लगा। हाल में 4 अक्टूबर को अदील ने जम्मू-कश्मीर में शादी की।
सहारनपुर के डॉक्टर बाबर, डॉक्टर असलम सैफी समेत चार मुस्लिम डॉक्टरों को शादी का कार्ड दिया। शादी के बाद एक नवंबर को सहारनपुर लौटा। हनीमून पर जाने की तैयारी के बीच 6 नवंबर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के अनुसार, डॉ. अदील का भाई भी डॉक्टर है। उसकी पत्नी रुकैया भी डॉक्टर है।
शादी में शामिल हुए दो साथी डॉक्टर बाबर और डॉक्टर असलम
सहारनपुर में छह नवंबर को फेमस हास्पिटल से डॉक्टर अदील की गिरफ्तारी के बाद छुट्टी पर भेजे गए डॉक्टर बाबर और डॉक्टर असलम बुधवार को ड्यूटी पर लौट आए। दोनों का कहना है कि अस्पताल में स्टाफ होने की हैसियत से सिर्फ डॉक्टर अदील की शादी में गए थे। अदील की आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का कोई पता नहीं था। दावा किया कि हमारा किसी आतंकी नेटवर्क या गतिविधि से संबंध नहीं है।
डॉ. बाबर ने कहा कि वह 3 साल से फेमस अस्पताल में कार्यरत हैं। डॉक्टर अदील यहां अस्पताल में कुछ माह पहले ही नौकरी पर आया था। हमें शादी का निमंत्रण मिला था। हम कश्मीर पहुंचे थे। बताया कि बताया कि डॉ. अदील अक्सर कश्मीरी भाषा में बातचीत करता था। लेकिन उसके व्यवहार से कभी शक नहीं हुआ। गिरफ्तारी वाले दिन डॉ. अदील ने मां की बीमारी की बात बताकर गांव जाने की जिक्र किया था।
You may also like

'वंदे मातरम' न बोलने वाले लोग सच्चे भारतीय नहीं, सतर्क रहने की जरूरत: सीएम हिमंत बिस्वा सरमा

ईडन गार्डन्स में चला भारतीय कप्तान Shubman Gill का बल्ला, तो कोहली और गावस्कर के ये बड़े रिकॉर्ड हो जाएंगे चकनाचूर

पीएम मोदी ने इमकोंग एल. इमचेन के निधन पर जताया दुख, कहा- नागालैंड में भाजपा को मजबूत करने में दिया योगदान

स्ट्रेस इटिंग से आपकी सेहत को कैसे नुक़सान पहुंचता है, जानिए इससे बचने के तरीके़

डेफलिंपिक्स 2025: जेरलिन जयराचगन टोक्यो में भारत की ध्वजवाहक होंगी




