नई दिल्ली: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत-पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष में इस्लामाबाद का साथ देने वाले तुर्की और अजरबैजान को भारतीय पर्यटकों ने बड़ा झटका दिया है। आंकड़ें बताते हैं कि मई से अगस्त के बीच अजरबैजान जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या 56 प्रतिशत तक गिर रही है। जबकि तुर्की में यह 33.3 प्रतिशत रही। यह गिरावट दोनों देशों के लिए बड़ा झटका है क्योंकि तुर्की और अजरबैजान भारतीय पर्यटकों के बीच काफी तेजी से लोकप्रिय हो रहे थे।
हाल के वर्षों में देखा जाए तो अजरबैजान और तुर्की भारतीय यात्रियों के लिए पसंसदीदा पर्यटन स्थल बन रहे थे। दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें भी बढ़ी थीं। इस्तांबुल, तुर्की का एक प्रमुख हवाई अड्डा, अन्य देशों की यात्रा के लिए भी एक महत्वपूर्ण केंद्र था। लेकिन मई में हुए सैन्य संघर्ष के दौरान तुर्की और अजरबैजान के पाकिस्तान के प्रति खुले समर्थन ने भारत में नाराजगी पैदा की।
भारत में उठी थी तुर्की-अजरबैजान के बहिष्कार की मांग
पाकिस्तान का समर्थन किए जाने के बाद भारत में इन दोनों देशों के बहिष्कार की मांग ने जोर पकड़ा। इस असर मई के महीने में ही देखने को मिला था। कई लोगों ने अपनी बुकिंग भी कैंसिल करा दी। इसके साथ ही कई नामी कंपनियों ने तुर्की और अजरबैजान के लिए फ्लाइट की सुविधा और होटल भी देना बंद कर दिया था। MakeMyTrip और EaseMyTrip जैसी कंपनियों ने भी "ऑपरेशन सिंदूर" के बाद इन देशों की गैर-जरूरी यात्रा न करने की सलाह दी।
अजरबैजान पर्यटन बोर्ड ने भारत को अजरबैजान के पर्यटन क्षेत्र के लिए प्रमुख बाजार बताया था और भारत उसके शीर्ष पांच पर्यटन स्रोत बाजारों में एक था।
8 महीनों में 22 प्रतिशत गिरावट
अजरबैजान पर्यटन बोर्ड द्वारा हाल में ही जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, जनवरी-अप्रैल में भारत से आने वाले पर्यटकों की संख्या में 33 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी, लेकिन मई-अगस्त के दौरान यह लगभग 56 प्रतिशत गिर गई। मई-अगस्त की अंतराल में, अजरबैजान में भारतीय पर्यटकों की संख्या लगभग 44,000 रह गई, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह लगभग एक लाख थी। इस तरह, 2025 के पहले आठ महीनों में अजरबैजान आने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या पिछले साल की तुलना में 22 प्रतिशत घटकर 1.25 लाख रह गई।
तुर्की जाने वाले भारतीय की संख्या एक तिहाई घटी
तुर्की के संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि मई-अगस्त की अवधि में तुर्की जाने वाले भारतीयों की संख्या एक तिहाई घटकर लगभग 90,400 रह गई, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह लगभग 1.36 लाख थी। 2025 के पहले चार महीनों में, लगभग 83,300 भारतीयों ने तुर्की का दौरा किया, जो पिछले साल के 84,500 आगंतुकों से थोड़ा ही कम था।
जनवरी-अगस्त की पूरी अवधि के लिए, तुर्की जाने वाले भारतीय नागरिकों की संख्या पिछले साल की तुलना में 21 प्रतिशत घटकर 1.74 लाख हो गई। इसके विपरीत, पिछले साल जनवरी-अगस्त में, तुर्की जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या 2023 के इसी अवधि की तुलना में 28.5 प्रतिशत बढ़ी थी।
हाल के वर्षों में देखा जाए तो अजरबैजान और तुर्की भारतीय यात्रियों के लिए पसंसदीदा पर्यटन स्थल बन रहे थे। दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें भी बढ़ी थीं। इस्तांबुल, तुर्की का एक प्रमुख हवाई अड्डा, अन्य देशों की यात्रा के लिए भी एक महत्वपूर्ण केंद्र था। लेकिन मई में हुए सैन्य संघर्ष के दौरान तुर्की और अजरबैजान के पाकिस्तान के प्रति खुले समर्थन ने भारत में नाराजगी पैदा की।
भारत में उठी थी तुर्की-अजरबैजान के बहिष्कार की मांग
पाकिस्तान का समर्थन किए जाने के बाद भारत में इन दोनों देशों के बहिष्कार की मांग ने जोर पकड़ा। इस असर मई के महीने में ही देखने को मिला था। कई लोगों ने अपनी बुकिंग भी कैंसिल करा दी। इसके साथ ही कई नामी कंपनियों ने तुर्की और अजरबैजान के लिए फ्लाइट की सुविधा और होटल भी देना बंद कर दिया था। MakeMyTrip और EaseMyTrip जैसी कंपनियों ने भी "ऑपरेशन सिंदूर" के बाद इन देशों की गैर-जरूरी यात्रा न करने की सलाह दी।
अजरबैजान पर्यटन बोर्ड ने भारत को अजरबैजान के पर्यटन क्षेत्र के लिए प्रमुख बाजार बताया था और भारत उसके शीर्ष पांच पर्यटन स्रोत बाजारों में एक था।
8 महीनों में 22 प्रतिशत गिरावट
अजरबैजान पर्यटन बोर्ड द्वारा हाल में ही जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, जनवरी-अप्रैल में भारत से आने वाले पर्यटकों की संख्या में 33 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी, लेकिन मई-अगस्त के दौरान यह लगभग 56 प्रतिशत गिर गई। मई-अगस्त की अंतराल में, अजरबैजान में भारतीय पर्यटकों की संख्या लगभग 44,000 रह गई, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह लगभग एक लाख थी। इस तरह, 2025 के पहले आठ महीनों में अजरबैजान आने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या पिछले साल की तुलना में 22 प्रतिशत घटकर 1.25 लाख रह गई।
तुर्की जाने वाले भारतीय की संख्या एक तिहाई घटी
तुर्की के संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि मई-अगस्त की अवधि में तुर्की जाने वाले भारतीयों की संख्या एक तिहाई घटकर लगभग 90,400 रह गई, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह लगभग 1.36 लाख थी। 2025 के पहले चार महीनों में, लगभग 83,300 भारतीयों ने तुर्की का दौरा किया, जो पिछले साल के 84,500 आगंतुकों से थोड़ा ही कम था।
जनवरी-अगस्त की पूरी अवधि के लिए, तुर्की जाने वाले भारतीय नागरिकों की संख्या पिछले साल की तुलना में 21 प्रतिशत घटकर 1.74 लाख हो गई। इसके विपरीत, पिछले साल जनवरी-अगस्त में, तुर्की जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या 2023 के इसी अवधि की तुलना में 28.5 प्रतिशत बढ़ी थी।
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