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विवाहिता के कम मार्क्स आए तो उठाया खौफनाक कदम, 4 साल पहले बसाया घर पलभर में उजड़ गया

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सीकर: राजस्थान के सीकर जिले से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। यहां केवल परीक्षा में कम नंबर आने की वजह से एक बीए सेकेंड ईयर की छात्रा ने मालगाड़ी के आगे कूदकर अपनी जान दे दी। घटना श्रीमाधोपुर इलाके की है, जहां 22 साल की अंजू सैनी ने शनिवार रात एक खौफनाक कदम उठाकर पूरे इलाके को सदमे में डाल दिया। इधर, सीकर जिले से आए चौंकाने वाला घटनाक्रम को जानकार हर कोई हैरान है।



नंबर कम आए... जिंदगी ही खत्म कर ली!

मीडिया रिपोर्ट्स में पुलिस के अनुसार, अंजू नामक विवाहिता छात्रा श्रीमाधोपुर में बीए सेकेंड ईयर की छात्रा थी। हाल ही में आए परीक्षा परिणाम में अंजू के नंबर अपेक्षा से कम थे, जिससे वह काफी तनाव में थी। पुलिस ने जांच में पाया कि शनिवार रात करीब 8 बजे अंजू बिना किसी को कुछ बताए घर से निकली और पंचावली अंडरपास के पास रेलवे ट्रैक पर पहुंच गई। जहां उसने तेज रफ्तार मालगाड़ी के आगे छलांग लगाकर अपनी जान दे दी।



4 साल पहले हुई थी शादी, मायके में रहकर कर रही थी पढ़ाई

जानकारी के मुताबिक, अंजू की शादी चार साल पहले पड़ोस के गांव के निवासी राजेश से हुई थी। वह इस वक्त मायके में रहकर अपनी पढ़ाई पूरी कर रही थी। परिवार को उसकी इस आत्मघाती कदम की भनक तक नहीं लगी। अंजू पढ़ाई में बेहतर करना चाहती थी, लेकिन परीक्षा में अपेक्षित परिणाम न मिलने से वह बुरी तरह टूट गई।



पुलिस पहुंची मौके पर, शव का कराया पोस्टमार्टम

जैसे ही सूचना मिली, श्रीमाधोपुर थाने के एएसआई श्रीराम यादव टीम के साथ मौके पर पहुंचे। शव को कब्जे में लेकर सरकारी अस्पताल की मॉर्च्युरी में भिजवाया गया। रविवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर हर एंगल से जांच पड़ताल करने की बात पर भी जोर दिया हैं।



परीक्षा का दबाव या समाज की चुप्पी?

एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं—क्या आज की शिक्षा प्रणाली इतनी बेरहम हो चुकी है कि युवा नंबरों के आगे अपनी जिंदगी हार रहे हैं? राजस्थान में कोटा के बाद अब सीकर शिक्षा का बड़ा केंद्र बन रहा है। लेकिन इसके साथ ही यहां से डिप्रेशन, आत्महत्या और मानसिक तनाव जैसी घटनाएं भी तेजी से सामने आ रही हैं। अंजू की आत्महत्या ने एक बार फिर से इस गंभीर समस्या को उजागर कर दिया है।



माता-पिता से अपील- रिजल्ट से बड़ा है जीवन!

इस घटना ने समाज को झकझोर कर रख दिया है। क्या कुछ नंबर जिंदगी से ज्यादा मायने रखते हैं? अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों को यह समझाएं कि परीक्षा का परिणाम ही सब कुछ नहीं होता। बच्चों पर अनावश्यक दबाव डालना, या उनसे अतिरिक्त अपेक्षाएं रखना, कई बार ऐसे खौफनाक कदम की वजह बन जाता है।



ऐसा ख्याल आए तो हेल्पलाइन की मदद लें

मन में सुसाइड का ख्याल आए तो मनोचिकित्सक से बात करके आप अपनी समस्या का हल खोज सकते हैं। इसके लिए हेल्पलाइन नंबर 14416 है, जहां आप 24X7 संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा और भी कई हेल्पलाइन नंबर्स हैं जहां आप संपर्क कर सकते हैं। सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्रालय की हेल्पलाइन- 1800-599-0019 (13 भाषाओं में है) इंस्टीट्यूट ऑफ़ ह्यमून बिहेवियर एंड एलाइड साइंसेज-9868396824, 9868396841, 011-22574820 हितगुज हेल्पलाइन, मुंबई- 022- 24131212 नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंस-080 - 26995000
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