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बिहार की तर्ज पर अब राजस्थान में भी वोटर लिस्ट का विशेष गहन पुनरीक्षण, फुटेज में देंखे हर मतदाता की दोबारा होगी जांच

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राजस्थान में चुनावी तैयारी अब एक नए चरण में प्रवेश कर चुकी है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने राज्य में विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) करवाने की घोषणा की है। यह प्रक्रिया बिहार मॉडल के तहत की जाएगी, जिसमें मतदाता सूची की हर एंट्री की गहराई से जांच होगी और प्रत्येक मतदाता का पुनः सत्यापन किया जाएगा।

चुनाव आयोग के इस फैसले का उद्देश्य मतदाता सूची को अधिक सटीक और पारदर्शी बनाना है। इसके तहत राजस्थान की सभी 199 विधानसभा सीटों के प्रत्येक बूथ की मतदाता सूची की बारीकी से समीक्षा की जाएगी।

मतदाता सूची फ्रीज, अब शुरू होगा घर-घर सर्वे
सूत्रों के अनुसार, आयोग ने सोमवार रात 12 बजे से मतदाता सूची को फ्रीज कर दिया है। इसका अर्थ यह है कि अब तक सूची में जो नाम शामिल या हटाए गए हैं, वही आधार बनेंगे, और आगामी दिनों में केवल संशोधन एवं सत्यापन का कार्य होगा।

अब बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क करेंगे। वे मतदाता सूची के सत्यापन के लिए फॉर्म-6, फॉर्म-7 और फॉर्म-8 वितरित करेंगे। नागरिकों से आग्रह किया गया है कि वे अपने नाम, पते और पहचान संबंधी सभी विवरण ध्यानपूर्वक जांचें और किसी त्रुटि की स्थिति में तुरंत सुधार हेतु आवेदन करें।

हर वोटर की होगी वेरिफिकेशन प्रक्रिया
इस गहन पुनरीक्षण के दौरान हर वोटर की पहचान, पते और पात्रता की पुष्टि की जाएगी। यदि किसी व्यक्ति का नाम सूची में गलती से जुड़ा हुआ पाया गया या कोई दोहरा नामांकन मिला, तो उसे हटाया जाएगा। वहीं जिन नए मतदाताओं की उम्र 18 वर्ष पूरी हो चुकी है, उन्हें सूची में शामिल किया जाएगा।

चुनाव आयोग ने बताया कि यह कदम लोकतांत्रिक प्रक्रिया को और मजबूत करेगा तथा "एक व्यक्ति – एक वोट" की नीति को सटीकता से लागू करने में मददगार साबित होगा।

राजनीतिक दलों की निगरानी भी होगी शामिल
गहन पुनरीक्षण के दौरान राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जाएगा ताकि प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे। बूथ लेवल पर पार्टियों के एजेंट BLO के साथ मिलकर जांच में सहयोग कर सकेंगे।

मतदाताओं से अपील
मुख्य चुनाव आयुक्त ने राज्य के नागरिकों से अपील की है कि वे मतदाता सूची की जांच में सक्रिय भागीदारी करें। उन्होंने कहा, "हर नागरिक का नाम सही तरीके से सूची में दर्ज होना न केवल उसका अधिकार है, बल्कि लोकतंत्र की मजबूती का भी प्रतीक है।"

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