क्रिकेट न्यूज डेस्क।। 15 नवंबर सचिन तेंदुलकर और उनके प्रशंसकों के लिए बेहद खास दिन है। इसी दिन 1989 में उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच खेलकर अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर की शुरुआत की थी। पहले टेस्ट मैच में सचिन सिर्फ़ एक बार बल्लेबाजी कर पाए थे, जहाँ उन्होंने 15 रन बनाए थे। लेकिन यहाँ हम आपको भारत-पाकिस्तान सीरीज़ के चौथे टेस्ट में घटी एक घटना के बारे में बताने जा रहे हैं, जब खेलते हुए सचिन तेंदुलकर की नाक टूट गई थी।
चार टेस्ट मैचों की सीरीज़ के पहले तीन मैच ड्रॉ रहे थे। आखिरी मैच 9 दिसंबर को सियालकोट में शुरू हुआ था। सचिन के लिए सिर्फ़ 16 साल की उम्र में पाकिस्तान के घातक गेंदबाज़ों का सामना करना बेहद मुश्किल चुनौती थी। उन दिनों वसीम अकरम, इमरान खान और वकार यूनिस पाकिस्तान के पेस अटैक का हिस्सा थे। दरअसल, सीरीज़ के चौथे मैच के दौरान वकार यूनिस की एक बाउंसर गेंद सचिन तेंदुलकर की नाक पर लगी थी।
खून बहने के बाद भी नहीं लौटे पवेलियन
यह सियालकोट टेस्ट की आखिरी पारी की बात है। पहली पारी में टीम इंडिया ने 74 रनों की बढ़त ली थी और जब भारत दूसरी बार बल्लेबाजी करने उतरा तो टीम ने 38 रन पर 4 विकेट गंवा दिए थे। जब भारतीय टीम मुश्किल में थी, तब 16 साल के सचिन छठे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए। सचिन अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे, लेकिन जैसे ही वकार यूनिस की गेंद उनकी नाक पर लगी, सचिन की नाक से खून बहने लगा।
उस घटना के सालों बाद, सचिन ने खुलासा किया कि अगर वह मेडिकल चेकअप के लिए पवेलियन लौट जाते, तो पाकिस्तान मैच पर हावी हो जाता। उस समय जावेद मियांदाद ने भी उनसे कहा था, "तुम्हारी नाक टूट गई है, तुम्हें अस्पताल जाना होगा।" सचिन ने कहा कि पाकिस्तानी टीम मैच खत्म करना चाहती थी, इसलिए जावेद मियांदाद उन्हें चिढ़ाने और उनका ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे थे। सचिन ने उस पारी में 134 गेंदों पर 57 रनों की अहम पारी खेली थी।
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