कानपुर, 06 सितंबर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद में मेट्रो परियोजना के कॉरिडोर-दो (सीएसए – बर्रा-आठ) के अंतर्गत निर्माण कार्य तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है। इस कॉरिडोर के लिए सीएसए यूनिवर्सिटी परिसर में निर्माणाधीन मेट्रो डिपो में ट्रैक निर्माण का कार्य तेजी से किया जा रहा है। अगले कुछ महीनों में इस कॉरिडोर के लिए ट्रेनों का आगमन शुरू होने की संभावना है। कॉरिडोर-दो के लिए कुल 10 ट्रेनें प्रस्तावित हैं, जिनमें प्रत्येक में तीन कोच होंगे। यह जानकारी शनिवार को यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने दी।
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (यूपीएमआरसी) के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने कार्यों की तेज प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि, कानपुर में कॉरिडोर-एक के बैलेंस सेक्शन और कॉरिडोर-दो डिपो, दोनों ही स्थानों पर ट्रैक बिछाने का कार्य संतोषजनक गति से आगे बढ़ रहा है। बारादेवी से नौबस्ता तक एलिवेटेड सेक्शन में ट्रैक के साथ-साथ सिग्नलिंग, टेलिकॉम और इलेक्ट्रिकल सिस्टम्स का काम भी निरंतर प्रगति पर है। कॉरिडोर-दो डिपो में ट्रैक बिछाने के साथ-साथ थर्ड रेल सिस्टम इंस्टॉलेशन का कार्य भी किया जा रहा है। हम अपने लक्ष्यों की ओर सकारात्मकता के साथ अग्रसर हैं।
ट्रैक निर्माण का कार्य तीव्र गति से जारी, छह लाइनें बनकर तैयार
प्रबंध निदेशक ने बताया कि सीएसए यूनिवर्सिटी परिसर में बन रहे कॉरिडोर-2 डिपो में कुल 15 ट्रैकों की योजना है, जिनमें से अब तक 6 ट्रैकों का निर्माण किया जा चुका है। इन 15 लाइनों का विभिन्न कार्यों में विभाजन किया गया है; 4 लाइनों का प्रयोग वर्कशॉप के लिए, 4 का स्टेबलिंग, 4 का शंटिंग, 1 का कोच अनलोडिंग, 1 का पिट व्हील और 1 का टेस्ट ट्रैक के रूप में प्रयोग किया जाना है। कोच अनलोडिंग के लिए निर्धारित 1 और स्टेबलिंग यानी ट्रेनों को खड़ी करने के लिए निर्धारित 4 में से 3 लाइनों का निर्माण पूरा किया जा चुका है। इसके अलावा शंटिंग के लिए भी निर्धारित 4 में से 2 लाइनें बनाई जा चुकी हैं।
पांच टर्नआउट/स्विच का भी हुआ निर्माण
उन्होंने बताया कि छह लाइनों के साथ पांच टर्नआउट/स्विच भी निर्मित किए जा चुके हैं, जिनकी मदद से ट्रेनों को एक लाइन से दूसरी लाइन पर स्थानांतरित किया जा सकेगा। टर्नआउट ट्रैक निर्माण का महत्वपूर्ण घटक है, इनकी वजह से ट्रेनों की शंटिंग, ओवरटेकिंग और स्टेबलिंग जैसी गतिविधियां सुगमता से की जा सकेंगी। मेट्रो डिपो में बैलास्टेड ट्रैक (गिट्टी-सहित) और बैलास्ट-लेस, दोनों तरह के ट्रैक बिछाये जा रहे हैं। हालांकि, यहां अधिकांश कार्यों के लिए बैलास्टेड ट्रैक का ही प्रयोग होना है।
(Udaipur Kiran) / मो0 महमूद
You may also like
Gem Astrology : पैसों की तंगी से छुटकारा ,इस चमत्कारी रत्न को पहनते ही घर आएगा खूब पैसा, आज ही आजमाएं
IND vs WI 2025: 'वेस्टइंडीज के गेंदबाजों की पिटाई मत करना' – ब्रायन लारा ने यशस्वी जायसवाल से किया अनुरोध, देखें वायरल वीडियो
Health And Weight Loss: क्या आप 60 की उम्र में भी 30 जैसी फिटनेस पाना चाहती हैं? तो इन 3 बातों का ध्यान रखें
रविवार को भूलकर भी ना खरीदें ये 5 चीजें ,कहीं रूठ न जाएं सूर्य देव और हो जाए बर्बादी
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए में सीटों का बँटवारा, महागठबंधन के लिए क्या हैं संकेत?