धमतरी, 11 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . मौसम में बदलावा का असर तैयार हो रही धान फसल पर पड़ रहा है. लगभग सप्ताहभर से मौसम में खराब बना हुआ है. धमतरी जिले में के किसान भूरा माहो व अन्य बीमारियों से चिंतित हो गए हैं. किसानों को फसल के नुकसान होने का डर सता रहा है.
मौसम में अचानक आए बदलाव का व्यापक असर तैयार हो रही दलहल-तिलहन की फसल पर पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि अचानक मौसम आए बदलाव के कारण धान के साथ ही साथ तिलहन की फसल को नुकसान पहुंचेगा. धमतरी जिले के अधिकांश किसान खरीफ फसल के साथ ही साथ मेड़ पर तिल की खेती भी करते हैं. मौसम खराब हो जाने से किसानों की परेशानी बढ़ गई है. किसान चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं. धमतरी शहर से लगे हुए गांव श्यामतराई, डोंड़की, शंकरदाह, मुजगहन, लोहरसी, पोटियाडीह, परसतराई, भटगांव, सोरम, नवागांव, रावां, इर्रा, कुर्रा, कोर्रा, डाही, हंकारा सहित अन्य गांव में किसान खेत और मेड़ में बड़े पैमाने पर धान की फसल के साथ तिलहन की फसल लेते हैं. जिन किसानों की फसल खेत में तैयार है वे बदल मौसम से सहमें हुए हैं. जाे किसान धान फसल की छिटपुट बीमारी से परेशान थे वे बदले मौसम से तरह-तरह की कीट व्याधियों की आशंका जता रहे हैं.
किसान प्रहलाद साहू, लेखराम पटेल ने कहा कि तनाछेदक, माहो से धान फसल बर्बाद हो रही है. अभी तक दो बार दवा का छिड़काव कर चुके हैं, इससे कुछ राहत मिली है. बदले मौसम के कारण धान फसल के उत्पादन पर असर पड़ने की आशंका है. किसान डेरहाराम गौतम हंकारा के ओमप्रकाश साहू, डाही के बसंत मरकाम ने कहा कि तैयार हो रही तिल बारिश को बर्दाश्त नहीं कर पाती. फूल बारिश से झड़ जाते हैं. धान के साथ तिल की फसल भी खराब होगी. धान फसल को बचाने के लिए दवा का छिड़काव किया गया. अचानक मौसम बदलने से खेत में डाली गई दवा बह गई. हर साल खेती की लागत बढ़ती जा रही है. इन दिनों रूक-रूककर हो रही वर्षा ने धान की तैयार हो रही फसल को नुकसान पहुंचाया है. किसान क्लब ग्राम देमार के अध्यक्ष दिनेश कुमार साहू ने कहा कि अत्यधिक दवा के छिड़काव से फसल को नुकसान पहुंचता है.
मौसम बदलाव के कारण भी फसल को नुकसान पहुंचा है. इसका प्रशासन आंकलन करे और किसानों को मुआवजा प्रदान करे. इस संबंध में कृषि विज्ञान केंद्र संबलपुर के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डा शक्ति वर्मा ने कहा कि मौसम में बदलाव से फसलों में कीट प्रकोप होना सामान्य बात है. इन दिनों पेनिकल माइट भूरा माहो की शिकायतें आ रही है इसके बचाव के लिए मनमाफिक तरीके से दवा का छिड़काव ना करें. कृषि विशेषज्ञों से राय लेकर ही खेतों में दवा का छिड़काव करें. धान फसल में पेनिकल माईट (मकड़ी) के लक्षण दिखाई देने पर 50 प्रतिशत सांद्रता वाला डाइऐंथूरान 120 ग्राम व प्रोपीकोनाजोल 200 मिली को मिलाकर प्रति एकड़ छिड़काव करें. इसी तरह से किसान अपने खेतों की क्रास चेंकिग करें. खेत की चारों दिशाओं से खेत के अंदर जाएं और धान की जड़ों को देखें. बीमारी का लक्षण दिखे तो कृषि विशेषज्ञों से राय लेकर खेतों में दवा का छिड़काव करें.
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा
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