हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति जिले की एक बेटी ने इतिहास रच दिया है। इरीना ठाकुर को ऑस्ट्रेलिया में भारत का डिप्टी हाई कमिश्नर नियुक्त किया गया है। वह कैनबरा में भारतीय उच्चायोग में यह बड़ी जिम्मेदारी संभालेंगी। इरीना की इस उपलब्धि ने न केवल उनके गांव शांशा को गौरवान्वित किया है, बल्कि पूरे हिमाचल और देश का नाम भी रोशन किया है।
सिविल सेवा से शुरू हुआ सफरइरीना ठाकुर ने साल 2012 में सिविल सेवा परीक्षा पास कर भारतीय विदेश सेवा (IFS) में कदम रखा था। इसके बाद उन्होंने विदेश मंत्रालय में कई अहम भूमिकाएं निभाईं। श्रीलंका के कोलंबो में भारतीय उच्चायोग में बतौर प्रथम सचिव उन्होंने भारत-श्रीलंका संबंधों को और मजबूत करने में योगदान दिया। विदेश नीति, कूटनीति, पासपोर्ट और वीजा सेवाओं में उनकी गहरी समझ और अनुभव ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया।
लाहौल-स्पीति के लिए गर्व का पललाहौल-स्पीति की विधायक अनुराधा राणा ने इरीना की इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा, “यह हमारे जनजातीय जिले के लिए गर्व का क्षण है। इरीना ने न सिर्फ अपने क्षेत्र का, बल्कि पूरे हिमाचल का नाम ऊंचा किया है।” वहीं, पूर्व विधायक रवि ठाकुर ने भी इसे ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा, “लाहौल की बेटियां पहले भी कई बार इतिहास रच चुकी हैं, लेकिन इरीना की यह उपलब्धि खास है। यह भारत सरकार की महिला सशक्तिकरण की दिशा में प्रतिबद्धता को भी दिखाती है।”
युवाओं के लिए प्रेरणाएक जनजातीय क्षेत्र से निकलकर इतनी बड़ी जिम्मेदारी हासिल करना आसान नहीं है। इरीना की यह उपलब्धि युवा पीढ़ी, खासकर लड़कियों के लिए एक मिसाल है। उनकी मेहनत और लगन यह साबित करती है कि कोई भी सपना असंभव नहीं है। इरीना की इस नियुक्ति से न केवल लाहौल-स्पीति बल्कि पूरे देश की महिलाओं को प्रेरणा मिलेगी कि वे भी अपने सपनों को हकीकत में बदल सकती हैं।
You may also like
पति-बच्चों को छोड़ जिस प्रेमी संग भागी,` उसने जो हाल किया वो जानने लायक है
किडनी फेल होने के बाद सिर्फ रात` में ही दिखते हैं ये बदलाव; 90% लोग कर देते हैं नज़रअंदाज़
दिवाली पर स्वदेशी उत्पादों को अपनाने का संकल्प लें शहरवासी : सुरेंद्र मैथानी
राष्ट्रपति ने मप्र के दो एनएसएस स्वयंसेवक आयुषी सिन्हा एवं सौमित दुबे को किया पुरस्कृत
उत्तराखंड में राज्यपाल ने अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक को दी मंजूरी, जुलाई 2026 से मदरसा बोर्ड होगा समाप्त