- खरसाली से कल रवाना होगी मां यमुना की डोली
- 4300 से अधिक घोड़ा-खच्चर संचालक यात्रा मार्ग पर देंगे सेवा
देहरादून। उत्तराखंड की चारधाम यात्रा बुधवार को शुरू होने वाली है। विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम और गंगोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर बुधवार को तीर्थ यात्रियों के लिए खोल दिए जाएंगे। गंगोत्री धाम के कपाट सुबह 10:30 बजे और यमुनोत्री के कपाट 11:57 बजे खुलेंगे। शीतकाल के छह माह तक मुखबा गांव में निवास करने के बाद मंगलवार को मां गंगा की उत्सव डोली गंगोत्री धाम के लिए रवाना हो गई।
डोली को पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ सवा मन कलेऊ, स्थानीय पकवान देकर मुखबा के ग्रामीणों ने आज 11:57 बजे विदा किया। बुधवार को अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर शुभ मुहूर्त में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ ठीक 10:30 बजे विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। मां गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव में सुबह से ही मां गंगा की विदाई की तैयारियां शुरू हो गई थीं। सुबह विशेष पूजा-अर्चना और आरती के बाद मां गंगा की उत्सव डोली को सजाया गया। इसके बाद तय मुहूर्त के अनुसार 11:57 बजे मां गंगा की उत्सव डोली को मंदिर से बाहर लाया गया। जहां से हजारों श्रद्धालुओं के साथ मां गंगा की उत्सव डोली आर्मी बैंड की धुन पर स्थानीय वाद्य यंत्रों व सोमेश्वर देवता की डोली के साथ मुखबा से गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई।
गंगा की डोली यात्रा में मुखबा के साथ धराली, हर्षिल, बगोरी, झाला समेत उपला टकनौर के ग्रामीण तथा कई तीर्थयात्री शामिल हुए। डोली साढ़े 12 बजे मार्कण्डेय पुरी स्थित दुर्गा मंदिर में पहुंचने के बाद मां गंगा के साथ भक्तों ने अल्प विश्राम किया। मुखबा के प्राचीन पैदल यात्रा पथ से होते हुए डोली शाम को भैरों घाटी पहुंचेगी। यहां भंडारे के साथ रात्रि जागरण की व्यवस्था की गई है। यहां पूरी रात भजन कीर्तन किया जाएगा। मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि बुधवार को तड़के भैरों घाटी से डोली यात्रा गंगोत्री के लिए रवाना होगी, जहां विधिवत पूजा-अर्चना और वैदिक मंत्रोचारण के साथ 10:30 बजे गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।
इस मौके पर गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष धर्मानंद सेमवाल, उपाध्यक्ष अरुण सेमवाल, प्रेम प्रकाश सेमवाल, राजेश सेमवाल, रविंद्र सेमवाल, सुधांशु सेमवाल, संजय सेमवाल, एसडीएम शालिनी नेगी, सीओ जनक सिंह पंवार आदि मौजूद रहे।चारधाम यात्रा के पहले धाम यमुनोत्री के लिए मां यमुना की डोली शनिदेव की अगुवाई में बुधवार को अपने शीतकालीन प्रवास खरसाली से सुबह 8 बजे यमुनोत्री धाम के लिए प्रस्थान करेगी, जो 10 बजे यमुनोत्री मंदिर पहुंचेगी। फिर विधिवत पूजा-अर्चना एवं हवन के बाद 11:55 बजे यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।
इसके साथ ही प्रदेश में बुधवार को चारधाम यात्रा विधिवत शुरू हो जायेगी। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही बुधवार से पवित्र चारधाम यात्रा शुरू होने जा रही है। चारधाम यात्रा उत्तराखंड की आर्थिकी में भी महत्वपूर्ण योगदान देती है। यात्रा से होटल-लॉज संचालक, परिवहन कारोबारियों से लेकर घोड़े-खच्चर संचालकों तक की आजीविका चलती है। इसी क्रम में केदारनाथ और यमुनोत्री पैदल मार्ग पर इस बार 4300 से अधिक घोड़े-खच्चर संचालक अपनी सेवा देंगे।
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