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पेयजल संकट पर सियासत गरमाई! देवी सिंह भाटी इस दिन से देंगे धरना, इससे पहले वसुंधरा राजे भी कर चुकी हैं सवाल खड़े

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बीकानेर व ग्रामीण क्षेत्रों में नहर बंदी के दौरान पैदा हुए पेयजल संकट और लोगों को टैंकरों से महंगा पानी खरीदने को मजबूर होने की समस्या को लेकर वरिष्ठ भाजपा नेता देवी सिंह भाटी आगे आए हैं। भाटी ने सोमवार को प्रेस वार्ता कर सिंचाई व जलदाय विभाग के अधिकारियों की आलोचना की। उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों पर लोगों के बीच जाकर उनकी समस्याओं को समझने व उनका समाधान नहीं करने का आरोप भी लगाया। भाटी ने चेतावनी दी कि यदि जिला प्रशासन ने हालात नहीं सुधारे तो वे 8 मई से जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने धरना शुरू करेंगे। 

देवी सिंह भाटी ने कहा कि नहर बंदी से पहले जलदाय विभाग व जिला प्रशासन के अधिकारियों ने पेयजल आपूर्ति के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं किए। नतीजतन अब नहर बंदी के दौरान शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में लोग पानी के लिए त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। इसके बाद भी अधिकारी कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। जनप्रतिनिधि लोगों की समस्याएं नहीं सुनते और अधिकारी फील्ड में नहीं जाते। बंद कमरे में बैठकर सिर्फ निर्देश जारी कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल टंकियां खाली पड़ी हैं। पर्याप्त बिजली आपूर्ति नहीं होने से ट्यूबवेल पूरे समय नहीं चल पा रहे हैं। खाजूवाला में खारा पानी आ रहा है। जलदाय विभाग कागजों पर ही टैंकरों से पानी की आपूर्ति कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि नहर बंदी के दौरान पेयजल की व्यवस्था करने में जिला प्रशासन विफल साबित हो रहा है। शहर की प्यास बुझाने वाले शोभासर व बीचवाल जलाशयों में बहुत कम पानी बचा है।

मनमर्जी से वसूले जा रहे चार्ज
भाटी ने आरोप लगाया कि नहर बंदी के दौरान टैंकर मालिक भी मनमाने रेट वसूल रहे हैं। लोगों को मजबूरन पानी के टैंकरों के लिए 800 से 1000 रुपए देने पड़ रहे हैं। जबकि बीडीए व नगर निगम के पास पेयजल टैंकरों के वितरण के लिए 50-50 लाख रुपए के ठेके हैं। उन्होंने कलेक्टर से टैंकरों के रेट तय करने की मांग की है। जिला प्रशासन की लापरवाही के कारण राज्य सरकार की बदनामी हो रही है।

पहले भी वसुंधरा राजे ने उठाई थी आवाज
राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने भी पेयजल संकट पर आवाज उठाई थी। दरअसल, अप्रैल महीने में जब उन्हें पेयजल संकट की शिकायत मिली तो उन्होंने तुरंत अधिकारियों को फटकार लगाई और चेतावनी भी दी। सख्त लहजे में उन्होंने कहा, 'पीएम मोदी ने जल जीवन मिशन के लिए 42 हजार करोड़ रुपये दिए हैं। इसकी पाई-पाई का हिसाब दें।'

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