राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) में चल रहा अंदरूनी विवाद अब भाजपा के भीतर सार्वजनिक राजनीतिक टकराव का रूप ले चुका है। भाजपा विधायक और तदर्थ समिति के संयोजक जयदीप बिहानी और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के बेटे और आरसीए तदर्थ समिति के सदस्य धनंजय सिंह खींवसर के बीच जुबानी जंग ने पूरे मामले को गरमा दिया है।
'मंत्री पुत्र' तंज पर धनंजय का करारा जवाब
शुक्रवार को विधायक जयदीप बिहानी की टिप्पणी, 'मंत्री पुत्र', 'सरपंच पति' इस देश की बड़ी समस्याएं हैं। इस पर धनंजय सिंह ने सीधा जवाब देते हुए कहा कि क्या डॉक्टर के बेटे को 'डॉक्टर-पुत्र' कहा जाता है? या व्यापारी के बेटे को 'व्यापारी-पुत्र' कहा जाता है? फिर 'मंत्री पुत्र' का राग क्यों अलापा जा रहा है? उन्होंने इसे समाज की अपरिपक्व सोच का प्रतीक बताते हुए कहा कि आलोचना होनी चाहिए, लेकिन तथ्यों के आधार पर और शालीनता के साथ।
'मेरी पहचान मेरे कर्म से है, स्टीकर से नहीं'
बिहानी द्वारा अपने बेटे पर विधायक का स्टीकर लगाकर घूमने के कटाक्ष का जवाब देते हुए धनंजय सिंह ने कहा कि मुझे अपने पिता पर गर्व है, लेकिन मेरी गाड़ी पर न तो 'मंत्री पुत्र' लिखा है और न ही 'विधायक'। मेरी पहचान मेरी मेहनत और कर्म से है, विरासत से नहीं। उन्होंने कहा कि क्रिकेट जैसे गंभीर विषय से ध्यान भटकाने के लिए व्यक्तिगत टिप्पणियां की जा रही हैं। अगर उद्देश्य आरसीए में सुधार है तो बहस मुद्दे पर होनी चाहिए, व्यक्तिगत कटाक्ष पर नहीं।
'मैं पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता हूं'
धनंजय ने कहा कि वे भाजपा के समर्पित और सक्रिय कार्यकर्ता हैं, जिन्होंने कांग्रेस सरकार के दौरान भी क्रिकेट में बदलाव लाने का प्रयास किया था। मैं आपसे छोटा हूं, लेकिन पार्टी में अधिक निरंतरता और समर्पण के साथ काम करता रहा हूं। कांग्रेस काल में मैंने वैभव गहलोत जैसे नेताओं से भिड़कर व्यवस्था को चुनौती दी थी।
एक दिन पहले बिहानी ने क्या कहा था?
आरसीए की तदर्थ समिति के संयोजक एवं भाजपा विधायक जयदीप बिहानी ने शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के बेटे धनंजय सिंह व तदर्थ समिति के कुछ सदस्यों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मंत्री पुत्र व सरपंच पति बड़ी समस्या हैं। मैं भी विधायक हूं, लेकिन मेरा बेटा विधायक का स्टीकर लगाकर नहीं घूमता, न ही किसी कार्यालय में फोन करता है। जनता में गजेंद्र सिंह खींवसर का प्रभाव है, उनके बेटे का नहीं। धनंजय सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए बिहानी ने कहा कि मैंने तालिबानी तरीके से काम नहीं किया है, बल्कि धनंजय ने पाकिस्तानी हुक्मरान की तरह काम किया है। उन्होंने दावा किया कि आरसीए की 35 सदस्यीय एजीएम में 32 सदस्य हैं, जिनमें से 18 का समर्थन उन्हें प्राप्त है। बिहानी ने कहा कि बहुमत उनके साथ है और नियमों के विरुद्ध काम करने वाले जिला संघों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
भ्रष्टाचार के आरोपों पर सफाई
बिहानी ने अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पिछले एक साल में बीसीसीआई ने आरसीए को करीब 57.5 करोड़ रुपए का अनुदान दिया। अगर हम काम नहीं करते तो क्या बीसीसीआई हमें इतनी बड़ी रकम देती? उन्होंने कहा कि यह रकम क्रिकेटरों, अंपायरों, पेंशन व अन्य मदों में खर्च की गई है। धनंजय सिंह गुट के आरोपों को निराधार बताते हुए बिहानी ने कहा कि एडहॉक कमेटी का गठन सिर्फ चुनाव कराने के लिए नहीं किया गया। आरसीए एक्ट, खेल एक्ट व कानूनी राय के अनुसार यह कमेटी निर्वाचित कमेटी की तरह काम कर सकती है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर धनंजय गुट को आपत्ति थी तो पिछले तीन महीने से ही क्यों? जब कमेटी राजस्थान में क्रिकेट का आयोजन कर रही थी तब यह मुद्दा क्यों नहीं उठा?
मुख्य विवाद की जड़ क्या है?
बता दें, आरसीए की एडहॉक कमेटी का गठन क्रिकेट के संचालन व चुनाव कराने के लिए किया गया था। लेकिन धनंजय सिंह खींवसर समेत कुछ सदस्य कमेटी की वैधता व निर्णयों पर सवाल उठा रहे हैं। वहीं, जयदीप बिहानी गुट का दावा है कि समिति पूरे अधिकार के साथ काम कर सकती है।
You may also like
फेफड़ों की सेहत के संकेत: ध्यान देने योग्य लक्षण
'ऑपरेशन सिंदूर' आउटरीच टीम ने लंदन में अंबेडकर म्यूजियम का किया दौरा
बुमराह को इंग्लिस ने चखाया मज़ा, एक ओवर में ठोके 20 रन, उड़ गए मुंबई के होश; VIDEO
रायपुर में देवांगन महाकुंभ 2025 का भव्य आयोजन, सीएम विष्णु देव साय ने की शिरकत
अखरोट के सेवन के नुकसान: जानें क्या हो सकते हैं दुष्प्रभाव