टोंक जिले के समरावता गांव में विधानसभा उपचुनाव के दौरान हुई हिंसा के मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) ने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है। जिसमें एरिया मजिस्ट्रेट और मालपुरा उपखंड अधिकारी पर आरोप लगाए गए हैं। साथ ही एनसीएसटी द्वारा गठित कमेटी ने पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठाए हैं। गौरतलब है कि राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष निरुपम चमका की अध्यक्षता वाली कमेटी ने 2 अप्रैल 2025 को यह रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी थी।
कमेटी ने प्रशासन और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश करने के साथ ही सरकार से 30 दिन के अंदर जवाब मांगा है। मालपुरा उपखंड अधिकारी (एसडीएम) को थप्पड़ मारने को अनुचित माना गया है। लेकिन एसडीएम पर जबरन मतदान कराने का भी आरोप लगाया गया है। बता दें कि 13 नवंबर 2024 को देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर उपचुनाव मतदान के दौरान नरेश मीना ने एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था। नरेश मीना ने मालपुरा उपखंड अधिकारी पर जबरन मतदान करवाने का आरोप लगाया था।
जिसके बाद पुलिस ने नरेश मीना को हिरासत में ले लिया था। जिससे मीना के समर्थक भड़क गए और नरेश मीना को पुलिस की हिरासत से छुड़ा लिया। इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया। ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव करने का भी आरोप लगाया। इस घटना में कई वाहनों में आग लगा दी गई थी। अगले दिन पुलिस ने नरेश मीना को गिरफ्तार कर लिया और ग्रामीणों के खिलाफ कार्रवाई की।
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