खनिज क्षेत्र में राजस्थान सबसे प्रगतिशील राज्य के रूप में उभर रहा है। देश और दुनिया में दुर्लभ खनिजों (क्रिटिकल मिनरल्स) की बढ़ती मांग को देखते हुए केंद्र सरकार खनिज अन्वेषण कार्य को प्राथमिकता दे रही है। इसके लिए अब खनिज अन्वेषण में लगी केंद्र और राज्य सरकार की संस्थाओं के साथ-साथ निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों की भी खनिज अन्वेषण कार्य में भागीदारी तय की जा रही है।
खनिज क्षेत्र में राजस्थान सबसे प्रगतिशील राज्य
केंद्रीय खान सचिव वीएल कांता राव ने बताया कि एनएमईटी द्वारा देश में 35 निजी अन्वेषण एजेंसियों का पंजीकरण किया गया है। 20 एजेंसियों ने राजस्थान सहित अन्य राज्यों में अन्वेषण कार्य भी शुरू कर दिया है। उन्होंने राजस्थान को खनिज क्षेत्र में सबसे प्रगतिशील राज्य बताया और कहा कि इसने प्रमुख खनिजों के सबसे अधिक ब्लॉकों की नीलामी की है।
भागीदारी तय की जाएगी
कांताराव ने जयपुर में आरआईसी में प्रमुख सचिव खान टी. रविकांत और अधिकारियों के साथ खनिज संघों के प्रतिनिधियों, अधिमान्य बोलीदाताओं और केंद्र व राज्य सरकार के विभागों व संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। प्रमुख सचिव टी. रविकांत ने बताया कि राजस्थान में खनिज क्षेत्र की खोज, परिसीमन, नीलामी और संचालन के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। बैठक में खान निदेशक दीपक तंवर सहित केन्द्र और राज्य के अधिकारी मौजूद थे।
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