देश में डेंगू की पहली वैक्सीन अगले साल आ सकती है। वैक्सीन के तीसरे और अंतिम चरण का क्लीनिकल ट्रायल एम्स जोधपुर में चल रहा है, जो अगले महीने तक पूरा हो जाएगा। ट्रायल के तहत एम्स में 18 साल से अधिक उम्र के वयस्कों को डेंगू का निशुल्क टीका लगाया जा रहा है। राजस्थान में डेंगू वैक्सीन का ट्रायल सिर्फ जोधपुर एम्स में चल रहा है। एम्स जोधपुर समेत देश के 18 अन्य शहरों में भी डेंगू वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है।
तीसरे चरण में कुल 10,335 वयस्कों को टीका लगाया जाएगा। टीका लगवाने वाले लोगों का दो साल तक फॉलोअप किया जाएगा। डेंगू वैक्सीन का पहला और दूसरा चरण सफल रहा है।डेंगू वायरस के चार स्ट्रेन होते हैं और चारों अलग-अलग होते हैं। अगर एक स्ट्रेन से डेंगू होता है तो वह दूसरे स्ट्रेन के प्रति प्रतिरोधक नहीं होता, इसलिए डेंगू वैक्सीन में चारों स्ट्रेन का इस्तेमाल किया गया है। डेंगू के अलावा जापानी कंपनी की क्यूडेंगा वैक्सीन भी अगले साल लॉन्च करने की तैयारी है।
स्वदेशी वैक्सीन, प्रक्रिया पर पेटेंट प्रदान किया गया
ICMR और पैनेसिया बायोटेक ने स्वदेशी डेंगू वैक्सीन डेंजियल विकसित की है। मूल रूप से SNIH, USA द्वारा विकसित एक टेट्रावैलेंट डेंगू वैक्सीन, इसे तीन भारतीय कंपनियों को हस्तांतरित किया गया था। पैनेसिया बायोटेक के परिणाम बेहतर थे। कंपनी ने इस स्ट्रेन पर काम किया और अपना खुद का एक पूर्ण विकसित वैक्सीन फॉर्मूलेशन विकसित किया। इसने कंपनी को एक प्रक्रिया पेटेंट भी दिलाया है। नैदानिक परीक्षणों को मुख्य रूप से ICMR और आंशिक रूप से पैनेसिया बायोटेक द्वारा वित्त पोषित किया गया है, किसी भी बाहरी एजेंसी से कोई वित्तीय सहायता नहीं मिली है।
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