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राजस्थान में सफर होगा अब पहले से ज्यादा सुरक्षित! बसों और टैक्सियों में लगेगा GPS और पैनिक बटन, एक क्लिक दूरी पर होगी मदद

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राजस्थान परिवहन विभाग ने यात्रियों की सुरक्षा और सुविधाओं को बेहतर बनाने के उद्देश्य से सोमवार को तीन नई सेवाएँ शुरू की हैं। ये सेवाएँ हैं: हाइपोथेकेशन रिमूवल मॉड्यूल, लाइव लोकेशन ट्रैकिंग और पैनिक बटन। वर्तमान में, राज्य में ई-दिशानिर्देशन प्रणाली भी लागू है। इन सभी यातायात प्रणालियों से सड़क पर निर्धारित गति से अधिक तेज़ चलने वाले वाहनों का स्वचालित चालान कट जाएगा। इसके साथ ही, सार्वजनिक परिवहन में पैनिक बटन दबाते ही पुलिस सहायता पहुँच जाएगी। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बसों और टैक्सियों में ट्रैकिंग डिवाइस लगाए जाएँगे। इस संबंध में, राज्य परिवहन सचिव ने बताया कि सार्वजनिक सेवा वाहनों में लाइव लोकेशन ट्रैक करने के लिए जीपीएस डिवाइस लगाए जाएँगे, जिसके माध्यम से कमांड एंड कंट्रोल सेंटर वाहनों की वर्तमान लोकेशन को ट्रैक कर सकेगा।

राज्य सड़क परिवहन निगम की 892 बसों में उपलब्ध होंगी ये हाई-टेक सुविधाएँ

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राजस्थान राज्य परिवहन निगम की 892 बसों में AIS-140 मानक VLT डिवाइस और पैनिक बटन लगाकर VLTS प्रणाली शुरू कर दी गई है। प्रशासनिक स्तर पर निगरानी के लिए डैशबोर्ड से वाहन की गति, ठहराव, मार्ग और डिवाइस की कार्यप्रणाली की जानकारी सही समय पर उपलब्ध होगी।

यात्रियों के लिए आपात स्थिति में विशेष सुविधा

आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली के माध्यम से कार्यरत पैनिक बटन, आपात स्थिति में राज्य ईआरएसएस 112 के माध्यम से यात्रियों को तत्काल सहायता प्रदान करेगा। पूरे राज्य में लगभग 2.5 लाख सार्वजनिक सेवा वाहनों में ऐसे उपकरण और पैनिक बटन लगाने की योजना है।

नकली हाइपोथेकेशन निष्कासन पर रोक लगेगी

अब हाइपोथेकेशन निष्कासन मॉड्यूल के माध्यम से अवैध हाइपोथेकेशन निष्कासन पर रोक लगेगी और वाहन स्वामी घर बैठे इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। इसके अलावा, वाहन ऋण चुकाने के बाद बैंक से एनओसी प्राप्त करने और हाइपोथेकेशन हटाने की प्रक्रिया पहले से अधिक सरल हो जाएगी। राज्य के परिवहन एवं उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने सोमवार को हाइपोथेकेशन निष्कासन मॉड्यूल और वाहन लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम का शुभारंभ किया।

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