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अंडरवाटर ड्रोन से लेकर परमाणु मिसाइलों तक, चीन की विक्ट्री परेड में दिखे ये नए हथियार

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AFP via Getty Images

चीन की विक्ट्री डे परेड में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के संबोधन के बाद चीन की सैन्य ताक़त दिखाई गई. इसमें परमाणु क्षमता वाली इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलें भी शामिल थीं.

परेड से पहले चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन एक साथ नज़र आए.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस मौक़े पर चीन को बधाई दी और तंज़ कसते हुए अमेरिका के ख़िलाफ़ 'साज़िश' रचने का आरोप लगाया.

शी जिनपिंग ने चीन की अब तक की सबसे बड़ी सैन्य परेड की मेज़बानी की. यह आयोजन दूसरे विश्व युद्ध के अंत में जापान के चीन में आत्मसमर्पण की 80वीं वर्षगांठ पर हुआ.

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इस परेड को चीन की सैन्य शक्ति के प्रदर्शन की तरह भी देखा जा रहा है. परेड के दौरान चीन ने कई नए हथियारों का प्रदर्शन किया.

चीनी सोशल मीडिया पर नई परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलें (आईसीबीएम) डीएफ़-61 और डीएफ़-5सी ट्रेंड कर रही हैं. साथ ही स्टील्थ फ़ाइटर जेट जे-20, 99बी टैंक और लेज़र हथियारों की नई टेक्नोलॉजी की भी काफ़ी चर्चा है.

आज की परेड में कुछ नई टुकड़ियां भी शामिल थीं, जिन्होंने पहली बार मार्च किया. इनमें ऐरोस्पेस फ़ोर्स, साइबरस्पेस फ़ोर्स और इन्फ़ॉर्मेशन सपोर्ट फ़ोर्स शामिल थीं.

आइए एक नज़र उन हथियारों पर डालते हैं जिन्हें विक्ट्री डे परेड में दिखाया गया.

आईसीबीएम डीएफ़-61 image AFP via Getty Images डीएफ़-61 इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलें 3 सितंबर 2025 को बीजिंग में आयोजित सैन्य परेड में देखी गईं.
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बीबीसी की एशिया डिजिटल रिपोर्टर टेसा वॉन्ग इस परेड में मौजूद थीं.

उन्होंने कहा, "हमने हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल्स, वाईजे-21 एंटी-शिप क्रूज़ मिसाइल और जेएल-3 सबमरीन से छोड़ी जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइल डोंगफ़ेंग-61 भी देखी है."

उन्होंने बताया, "मैं रक्षा विशेषज्ञ अलेक्ज़ेंडर नील के साथ बैठी हूं. उन्होंने कई तरह की शॉर्ट और मिड-रेंज मिसाइलें, मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम और मानवरहित कॉम्बैट एरियल व्हीकल्स (जिन्हें स्टील्थ ड्रोन भी कहा जाता है) की पहचान की है."

अलेक्ज़ेंडर नील ने बीबीसी से कहा कि डोंगफ़ेंग-61 मिसाइल चीन के उत्तरी साइलो फ़ील्ड्स (ज़मीन के अंदर) से दागे जाने के लिए डिज़ाइन की गई है, जिनका इस्तेमाल अमेरिका के भीतरी इलाक़ों को निशाना बनाने में किया जा सकता है.

थिंक-टैंक सेंटर फ़ॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज़ के अनुसार डोंगफ़ेंग-5 एक साइलो-आधारित मिसाइल है, जो पूरे अमेरिका और पश्चिमी यूरोप तक बड़े परमाणु हथियारों से हमला करने में सक्षम है.

डीएफ़-61 की ख़ासियत image AFP via Getty Images

डोंगफ़ेंग-61 को हाइपरसोनिक हथियार पहुंचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है.

रक्षा विश्लेषक अलेक्ज़ेंडर नील के अनुसार, इसे और दिलचस्प बनाता है इसका रोड-बाउंड होना.

रोड-बाउंड मिसाइलें वे होती हैं जिन्हें सड़क मार्ग से ट्रकों पर लादकर एक स्थान से दूसरे पर ले जाया जा सकता है.

ट्रांसपोर्ट-इरेक्टर-लॉन्चर (टीईएल) के साथ जोड़े जाने पर इन्हें आसानी से छिपाया जा सकता है. ज़रूरत पड़ने पर इनमें ईंधन भरकर तुरंत तैनात किया जा सकता है.

इस मिसाइल को अलग-अलग स्थानों से भी दागा जा सकता है. इसका मतलब है कि दुश्मन इसके तैनात होने का सटीक अनुमान नहीं लगा पाता है.

नील ने बताया कि यह आईसीबीएम लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम है और एक ही मिसाइल 12 तक वारहेड ले जा सकती है.

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रोबोटिक डॉग और ड्रोन image AFP via Getty Images विक्ट्री डे परेड में ड्रोन

जो नया सैन्य उपकरण परेड में दिखे, उनमें सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों को इंटरसेप्ट करने वाला एचक्यू-19 हाई एल्टीट्यूड इंटरसेप्टर और अंडरवॉटर व्हीकल्स शामिल हैं.

ड्रोन तकनीक भी बड़ी संख्या में मौजूद रही. इसमें टैंकों पर लगाए गए ड्रोन प्लेटफ़ॉर्म, एंटी-ड्रोन स्वॉर्म सिस्टम, ऑटोमेटेड ड्रोन और 'रोबोटिक डॉग' शामिल हैं.

चार पैरों वाले रोबोटों की एक टुकड़ी ने सबका ध्यान खींचा. चीन की सेना में यह अपेक्षाकृत नया और आकर्षक हथियार माना जा रहा है.

चीनी सरकारी मीडिया के अनुसार ये मशीनें टोह लेने, रसद पहुँचाने और यहाँ तक कि दुश्मन पर सटीक हमले करने में सक्षम हैं.

पिछले साल कंबोडिया के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास में भी चीन ने "रोबोट डॉग्स" दिखाए थे.

लेकिन बाद में इन्हें "फ़ॉक्स" के रूप में दोबारा पेश किया गया. इसे "रणनीतिक बदलाव" बताया गया. यह जानकारी पिछले साल चीनी सरकारी मीडिया सीसीटीवी ने दी थी.

सरकारी मीडिया का कहना है कि इनकी युद्धक क्षमता और मारक क्षमता बेहतर हुई है और ये कैमरों से लैस हैं ताकि लक्ष्यों पर और ज़्यादा सटीक हमले कर सकें.

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image AFP via Getty Images एचक्यू-19 एयर डिफ़ेंस सिस्टम अंडरवॉटर ड्रोन image AFP via Getty Images पानी के अंदर चलने वाला मानवरहित ड्रोन एचएसयू 100

परेड में एजेएक्स-002 एक्स्ट्रा लार्ज अनक्रूड अंडरवॉटर व्हीकल्स (एक्सएलयूवीज़) को भी दिखाया गया.

यह 18 मीटर लंबा एक विशाल अंडरवॉटर ड्रोन है, जो परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है.

ये विशालकाय पनडुब्बी जैसे ड्रोन 18 से 20 मीटर की गहराई तक पानी में जा सकते हैं.

इन्हें दुश्मन की नौसेना या पनडुब्बियों पर हमले के दौरान कमांड-एंड-कंट्रोल और टोही मिशनों में इस्तेमाल किया जा सकता है.

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नया लेज़र हथियार image AFP via Getty Images बख़्तरबंद गाड़ी पर लदा ये चीन का नया लेज़र वेपन है.

चीन के एक और बहुप्रतीक्षित हथियार को इस परेड में प्रदर्शित किया गया. इसका नाम है एलवाई-1 लेज़र वेपन.

इसे आठ पहियों वाले एचज़ेड-155 बख़्तरबंद ट्रक पर लगाया गया है.

रक्षा विश्लेषक अलेक्ज़ेंडर नील के अनुसार, यह लेज़र हथियार बेहद शक्तिशाली माना जा रहा है.

इसकी ख़ासियत यह है कि यह इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को निष्क्रिय कर सकता है या जला सकता है, यहाँ तक कि पायलटों को अंधा भी कर सकता है.

पश्चिम देशों के लिए क्यों चिंता की बात image AFP via Getty Images

चीन ने आज विशाल अंडरवॉटर टॉरपीडो से लेकर ऐसे अत्याधुनिक लेज़र हथियारों का प्रदर्शन किया जो ड्रोन को गिरा सकते हैं.

अब अमेरिका समेत दुनिया भर के रक्षा अधिकारी इनका हथियारों का विश्लेषण करेंगे.

पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने एक व्यापक सैन्य आधुनिकीकरण कार्यक्रम शुरू किया है, जिसके तहत वह अमेरिका की बराबरी कर रही है और कुछ क्षेत्रों में उसे पीछे भी छोड़ चुकी है.

ध्वनि की गति से पाँच गुना तेज़ उड़ने में सक्षम हाइपरसोनिक मिसाइलें ऐसे ही हथियारों में से एक हैं.

लंदन स्थित थिंक टैंक आरयूएसआई में मिसाइलों के प्रमुख विशेषज्ञ डॉ. सिद्धार्थ कौशल ने वाईजे-17 (हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल) और वाईजे-19 (हाइपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल) को विशेष रूप से रेखांकित किया है.

चीन आर्टिफ़ीशियल इंटेलिजेंस और स्वचालित हथियारों में भी बड़े पैमाने पर निवेश कर रहा है. इसका एक उदाहरण एजेएक्स-002 है.

हालाँकि, चीन का परमाणु भंडार, जिसमें सैकड़ों मिसाइलें शामिल हैं, अब भी रूस और अमेरिका से काफ़ी पीछे है.

लेकिन इसकी संख्या तेज़ी से बढ़ रही है और चीन अपने वारहेड पहुँचाने के लिए नए तरीक़े भी खोज रहा है.

शी जिनपिंग और ट्रंप ने क्या कहा image Anadolu via Getty Images

हज़ारों सैनिकों की परेड को संबोधित करते हुए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इसे एक "नई यात्रा, नया युग" बताया.

उन्होंने कहा कि दुनिया को 'जंगल राज की ओर नहीं लौटना चाहिए.'

उधर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस मौके पर चीन को द्वितीय विश्वयुद्ध में चीन के लिए अमेरिकी सैनिकों की कुर्बानी की याद दिलाई और साथ ही इस परेड में पुतिन, उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन की मौजूदगी पर तंज़ कसा है.

ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा, "कृपया मेरी ओर से व्लादिमीर पुतिन और किम जोंग उन को गर्मजोशी से शुभकामनाएं दें. ये दोनों अमेरिका के ख़िलाफ़ साज़िश कर रहे हैं."

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