Zerodha के को-फाउंडर निखिल कामथ ने Goldi Solar में 137.5 करोड़ रुपए का निवेश किया है, जो कंपनी की उत्पादन क्षमता बढ़ाने और इसे ग्लोबल रिन्यूएबल एनर्जी मैन्युफैक्चरिंग के रूप में मजबूत बनाने में मदद करेगा। कामथ का मानना है कि अब भारत में रिन्यूएबल एनर्जी का समय है और देश की कंपनियों को ग्लोबल स्तर पर ले जाने का सुनहरा मौका है।
Goldi Solar ने पिछले एक साल में अपनी सोलर PV मॉड्यूल उत्पादन क्षमता 3 GW से 14.7 GW तक बढ़ा दी है। इसके साथ ही कंपनी सूरत, गुजरात में सोलर सेल बनाने का काम भी तेजी से कर रही है। कंपनी अब ऐसेहाई-फंक्शनैलिटी मॉड्यूल्स और सेल लाने की तैयारी में है, जो भारत की बढ़ती क्लीन एनर्जी मांग को पूरा कर सकें।
रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में ग्लोबल स्तर की कंपनियां बनाने का बड़ा मौका
निखिल कामथ ने कहा कि भारत में रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में ग्लोबल स्तर की कंपनियां बनाने का भी बड़ा मौका है। यह जरूरी है कि हम इन कंपनियों का सपोर्ट करें ताकि देश की क्लीन एनर्जी ट्रांजिशन तेजी से हो सके।
2030 तक 280 GW सोलर पावर का लक्ष्य
भारत में सोलर पावर की मांग तेजी से बढ़ रही है और इसी बीच गोल्डी सोलर में निवेश हुआ है। सरकार ने 2030 तक 280 GW सोलर पावर का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा विदेशी मॉड्यूल पर आयात शुल्क और लोकल निर्माता को मिलने वाले प्रोत्साहन (PLI योजना) से इस सेक्टर को तेजी मिलने की उम्मीद है।
2011 में ईश्वरभाई ढोलाकिया ने की थी गोल्डी सोलर की स्थापना
गोल्डी सोलर की स्थापना 2011 में ईश्वरभाई ढोलाकिया ने की थी। कंपनी का दावा है कि वह भारत की सबसे बड़ी सोलर मॉड्यूल मैन्युफैक्चरर है। इसके पास 14 साल का एक्सपीरियंस है और सूरत, गुजरात में अत्याधुनिक उत्पादन सुविधाएं मौजूद हैं। केवल 11–12 महीनों में गोल्डी सोलर ने अपनी मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी 3 GW से बढ़ाकर 14.7 GW कर दी है। इससे यह साबित होता है कि कंपनी तेजी से अपने उत्पादन को बढ़ा रही है।
अब गोल्डी सोलर बड़े पैमाने पर सोलर सेल मैन्युफैक्चरिंग की दिशा में भी कदम बढ़ा रही है। इसका उद्देश्य घरेलू बाजार और निर्यात दोनों में जरूरतों को पूरा करना है। कंपनी के अनुसार, गोल्डी सोलर का मिशन भारत के डिकार्बोनाइजेशन और 2070 से पहले नेट-जीरो उत्सर्जन हासिल करने के लक्ष्य के साथ मेल खाता है। इससे देश का भविष्य मजबूत और टिकाऊ बनेगा।
डिस्क्लेमर: जो सुझाव या राय एक्सपर्ट देते हैं, वो उनकी अपनी सोच है. ये इकोनॉमिक टाइम्स हिंदी की राय नहीं होती.
Goldi Solar ने पिछले एक साल में अपनी सोलर PV मॉड्यूल उत्पादन क्षमता 3 GW से 14.7 GW तक बढ़ा दी है। इसके साथ ही कंपनी सूरत, गुजरात में सोलर सेल बनाने का काम भी तेजी से कर रही है। कंपनी अब ऐसेहाई-फंक्शनैलिटी मॉड्यूल्स और सेल लाने की तैयारी में है, जो भारत की बढ़ती क्लीन एनर्जी मांग को पूरा कर सकें।
रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में ग्लोबल स्तर की कंपनियां बनाने का बड़ा मौका
निखिल कामथ ने कहा कि भारत में रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में ग्लोबल स्तर की कंपनियां बनाने का भी बड़ा मौका है। यह जरूरी है कि हम इन कंपनियों का सपोर्ट करें ताकि देश की क्लीन एनर्जी ट्रांजिशन तेजी से हो सके।
2030 तक 280 GW सोलर पावर का लक्ष्य
भारत में सोलर पावर की मांग तेजी से बढ़ रही है और इसी बीच गोल्डी सोलर में निवेश हुआ है। सरकार ने 2030 तक 280 GW सोलर पावर का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा विदेशी मॉड्यूल पर आयात शुल्क और लोकल निर्माता को मिलने वाले प्रोत्साहन (PLI योजना) से इस सेक्टर को तेजी मिलने की उम्मीद है।
2011 में ईश्वरभाई ढोलाकिया ने की थी गोल्डी सोलर की स्थापना
गोल्डी सोलर की स्थापना 2011 में ईश्वरभाई ढोलाकिया ने की थी। कंपनी का दावा है कि वह भारत की सबसे बड़ी सोलर मॉड्यूल मैन्युफैक्चरर है। इसके पास 14 साल का एक्सपीरियंस है और सूरत, गुजरात में अत्याधुनिक उत्पादन सुविधाएं मौजूद हैं। केवल 11–12 महीनों में गोल्डी सोलर ने अपनी मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी 3 GW से बढ़ाकर 14.7 GW कर दी है। इससे यह साबित होता है कि कंपनी तेजी से अपने उत्पादन को बढ़ा रही है।
अब गोल्डी सोलर बड़े पैमाने पर सोलर सेल मैन्युफैक्चरिंग की दिशा में भी कदम बढ़ा रही है। इसका उद्देश्य घरेलू बाजार और निर्यात दोनों में जरूरतों को पूरा करना है। कंपनी के अनुसार, गोल्डी सोलर का मिशन भारत के डिकार्बोनाइजेशन और 2070 से पहले नेट-जीरो उत्सर्जन हासिल करने के लक्ष्य के साथ मेल खाता है। इससे देश का भविष्य मजबूत और टिकाऊ बनेगा।
डिस्क्लेमर: जो सुझाव या राय एक्सपर्ट देते हैं, वो उनकी अपनी सोच है. ये इकोनॉमिक टाइम्स हिंदी की राय नहीं होती.
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