शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित होता है। इस दिन शनि देव की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। मान्यता है कि जब शनिदेव किसी व्यक्ति से प्रसन्न होते हैं, तो उनकी सभी समस्याएं हल हो जाती हैं और इच्छाएं पूरी होती हैं। जिन पर शनिदेव की कृपा होती है, उनके जीवन के कई कष्ट दूर हो जाते हैं। शनि देव को कर्मों का फल देने वाला माना जाता है। जो लोग अच्छे कार्य करते हैं, उन पर शनिदेव की कृपा सदैव बनी रहती है।
शनि देव का दंड
हालांकि, जो लोग बुरे कार्य करते हैं, उन्हें शनिदेव दंडित करते हैं। यदि शनिदेव किसी व्यक्ति से नाराज हो जाएं या उनकी जन्म राशि के अनुसार साढ़ेसाती या शनि की ढैया का प्रभाव हो, तो ऐसे व्यक्तियों के जीवन में समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं। ऐसे लोगों को विशेष रूप से शनिवार के दिन पूजा करनी चाहिए। कुछ विशेष उपाय करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और साढ़ेसाती तथा ढैय्या से मुक्ति मिलती है।
शनिवार को करें ये 5 उपाय काले तिल का दान
शनिवार को शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए काले तिल का दान करना चाहिए। यह माना जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन काले तिल का दान करता है, उस पर शनिदेव की कृपा बनी रहती है। आप इस दिन जरूरतमंदों को काले तिल का दान कर सकते हैं।
पीपल वृक्ष की पूजा
शनिवार को पीपल के पेड़ की पूजा अवश्य करें। पीपल की परिक्रमा करने के बाद उसमें कच्चा सूत बांधें। इसके साथ ही, पीपल के पत्तों की माला बनाकर शनिदेव को अर्पित करें। इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं और आपकी इच्छाएं पूरी होती हैं।
शनिदेव का प्रभावशाली मंत्र
शनिवार को पूजा करते समय शनिदेव का मंत्र ‘ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः’ का जाप अवश्य करें। इससे साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव कम होता है।
हनुमान जी की पूजा
कहा जाता है कि जो लोग हनुमान जी की पूजा करते हैं, उन्हें शनिदेव परेशान नहीं करते। इसलिए शनिवार को शनिदेव के साथ हनुमान जी की पूजा करना लाभकारी होता है। आप हनुमान चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं, जिससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं और जीवन की समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
नीलम रत्न की माला या अंगूठी पहन कर करें पूजा

यदि आप शनिदेव की पूजा कर रहे हैं, तो नीलम रत्न की माला या अंगूठी पहनकर पूजा करें। इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं। ध्यान रखें कि कोई भी रत्न बिना ज्योतिषी की सलाह के नहीं पहनना चाहिए।
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