नई दिल्ली: पुरुषों के बीच पैंट या जीन्स की पिछली जेब में पर्स रखना एक आम बात है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आदत आपको गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करवा सकती है? हाल ही में, हैदराबाद में एक 30 वर्षीय व्यक्ति ने इस समस्या का सामना किया। उसने शुरुआत में इसे मामूली समझा, लेकिन दर्द बढ़ता गया। उसे तीन महीने तक दाहिने नितंब से लेकर पैर तक तेज दर्द का सामना करना पड़ा। अंततः डॉक्टरों ने उसे 'फैट वॉलेट सिंड्रोम' का पता लगाया।
फैट वॉलेट सिंड्रोम क्या है?
फैट वॉलेट सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति को खड़े होने या चलने में कठिनाई होती है, जबकि बैठने पर दर्द अधिक होता है। उसकी जांच में पता चला कि दाहिनी साइटिक नर्व को गंभीर नुकसान हुआ था। डॉक्टरों ने पाया कि यह समस्या उसके भारी पर्स के कारण हुई थी, जो वह लंबे समय तक अपनी जेब में रखता था।
इस सिंड्रोम के कारण
डॉ. पी.एन. रेनजेन, न्यूरोलॉजिस्ट, बताते हैं कि पुरुष अक्सर अपने बटुए में कई चीजें रखते हैं, जिससे वह भारी हो जाता है। यह स्थिति फैट वॉलेट सिंड्रोम का कारण बन सकती है, जो साइटिक तंत्रिकाओं से संबंधित है। यह समस्या तब होती है जब पिरिफोर्मिस मांसपेशी साइटिका नस को दबाती है, जिससे दर्द और सूजन हो सकती है।
कैसे बचें और इलाज
डॉ. रेनजेन सलाह देते हैं कि बैठते या गाड़ी चलाते समय पर्स को पिछली जेब में न रखें। इसके बजाय, इसे सामने की जेब में रखें। यदि पर्स रखना आवश्यक हो, तो उसका वजन कम करें। इलाज के लिए एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं और मसल स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज की सलाह दी जाती है।
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