आपने केले का सेवन कई बार किया होगा, यह फल साल भर उपलब्ध रहता है। केले में फाइबर की भरपूर मात्रा होती है, जो आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करती है। जिम जाने वाले लोग अक्सर कसरत के बाद केले का सेवन करते हैं, क्योंकि यह ऊर्जा बढ़ाने में सहायक होता है। इसके अलावा, केला का शेक भी बहुत लोकप्रिय है।
केले का टेढ़ा आकार क्यों होता है?
आपने केले को कई बार देखा होगा, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इसका आकार टेढ़ा क्यों होता है? क्या आपने कभी सीधे केले देखे हैं? अगर नहीं, तो हम आपको इसके पीछे का कारण बताएंगे।
जब केला अपने पेड़ पर उगता है, तो यह गुच्छों में होता है। स्थानीय भाषा में इसे 'खानी' कहा जाता है, और यह जमीन की ओर लटकता है। जब आप इसे देखते हैं, तो यह सीधा नजर आता है। लेकिन विज्ञान में एक प्रक्रिया है जिसे नेगेटिव जियोट्रोपिजम कहा जाता है। यह प्रक्रिया फल और पत्तियों को सूरज की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। इसी कारण केले का आकार धीरे-धीरे टेढ़ा या हल्का C आकार का हो जाता है।
नेगेटिव जियोट्रोपिजम का प्रभाव
पहले केले के पेड़ बरसाती वनों में उगते थे, लेकिन वहां की पैदावार संतोषजनक नहीं थी। इसका मुख्य कारण था कि बरसाती वनों में केले को पर्याप्त धूप नहीं मिल पाती थी। इसलिए किसान ऊपरी क्षेत्रों में गए और वहां केले के पेड़ उगाए। लेकिन नेगेटिव जियोट्रोपिजम का प्रभाव यहां भी देखने को मिला, जिससे केले का आकार टेढ़ा हो गया। यही कारण है कि आजकल आप केले को टेढ़े आकार में देखते हैं।
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