चना न केवल शरीर को ताकत प्रदान करता है, बल्कि यह भोजन में रुचि भी बढ़ाता है। सूखे भुने चने वात और कुष्ठ रोगों को समाप्त करने में सहायक होते हैं। वहीं, उबले हुए चने कोमल और रुचिकर होते हैं, जो पित्त, कमजोरी, और कफ को कम करने में मदद करते हैं।
चना का सेवन और उसके फायदे
चना शरीर को सक्रिय रखता है और रक्त में ऊर्जा का संचार करता है। यह यकृत और प्लीहा के लिए फायदेमंद है, और शरीर की ताकत को बढ़ाता है। इसके नियमित सेवन से पेशाब में सुधार होता है। पानी में भिगोकर चबाने से चने का सेवन और भी लाभकारी होता है।
चने की रोटी बनाने की विधि
चने की रोटी बेहद स्वादिष्ट होती है। छिलके सहित चने को पीसकर आटा बनाकर रोटी तैयार की जा सकती है। यदि इसमें थोड़ा गेहूं का आटा मिलाया जाए, तो इसे मिस्सी रोटी कहा जाता है। इसे पानी से गूंथकर 3 घंटे बाद फिर से गूंथकर रोटी बनाएं।
यह रोटी त्वचा संबंधी समस्याओं जैसे खुजली और एक्जिमा में भी लाभकारी है। सब्जी का रस मिलाने से इसके गुण और भी बढ़ जाते हैं।
चने की रोटी के अद्भुत फायदे
जुकाम: 50 ग्राम भुने चनों को कपड़े में बांधकर हल्का गर्म करके सूंघने से बंद नाक खुल जाती है।
खूनी बवासीर: गर्म चने खाने से खूनी बवासीर में राहत मिलती है।
पौरुष शक्ति: सेंके हुए चने और बादाम के साथ दूध पीने से पौरुष शक्ति में वृद्धि होती है।
कब्ज: रात को भिगोए चनों का सेवन कब्ज को दूर करता है।
रूसी: चने के बेसन का उपयोग सिर की रूसी को समाप्त करने में मदद करता है।
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