बागपत जिले के बड़ौत में एक आशा कार्यकर्ता की रविवार रात को सिर पर हथौड़े से वार करके हत्या कर दी गई। उसका शव पूर्वी यमुना नहर के निकट एक निर्माणाधीन मकान में अर्धनग्न अवस्था में बोरे में बंद पाया गया। परिवार के सदस्यों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म की आशंका जताई है।
मौसेरे भाई पर हत्या का आरोप
उसके पति ने अपने मौसेरे भाई भूपेंद्र के खिलाफ मामला दर्ज कराया है, जिसे पुलिस ने शामली से गिरफ्तार कर लिया है। भूपेंद्र ने हत्या की बात स्वीकार की है।
आशा कार्यकर्ता शनिवार दोपहर लगभग 3 बजे पशुओं के लिए खल खरीदने के लिए बड़ौत की एक दुकान पर गई थी। वहां के सीसीटीवी फुटेज में उसे खल खरीदते हुए देखा गया। दुकानदार को उसने बताया कि वह अपने पति के मौसेरे भाई से 3500 रुपये लेने जा रही है।
परिवार की चिंता और पुलिस की कार्रवाई
जब वह रात 11 बजे तक घर नहीं लौटी, तो उसके परिवार ने बड़ौत कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई। पति के संदेह के आधार पर पुलिस ने भूपेंद्र के निर्माणाधीन मकान की ओर जांच की।
मकान का दरवाजा बाहर से बंद था। पुलिस ने जेसीबी की मदद से दरवाजा तोड़कर अंदर प्रवेश किया, जहां बोरे में अर्धनग्न अवस्था में आशा कार्यकर्ता का शव मिला। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट और दुष्कर्म की जांच
परिवार ने आरोप लगाया कि उसके साथ दुष्कर्म के बाद गोली मारकर हत्या की गई है। हालांकि, पोस्टमार्टम में सिर में गोली के बजाय भारी वस्तु से तीन वार करने की पुष्टि हुई। दुष्कर्म की पुष्टि न होने पर सैंपल फोरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं।
हत्या का कारण
एएसपी नरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि भूपेंद्र ने स्वीकार किया कि उसकी और आशा कार्यकर्ता के बीच 2003 से बातचीत चल रही थी। उसने आशा कार्यकर्ता को मिलने के लिए बुलाया था।
जब आशा कार्यकर्ता ने उससे एक लाख रुपये मांगे, तो उसने मना कर दिया। इस पर दोनों के बीच झगड़ा हुआ और आशा कार्यकर्ता ने उसे थप्पड़ मारा, जिससे गुस्से में आकर भूपेंद्र ने हथौड़ा उठाकर कई वार किए।
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