Next Story
Newszop

कोर्ट में जाने के बाद भी चालान नहीं भरते तो क्या होगा?

Send Push

अगर आप भारत में ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करते हैं तो आपके खिलाफ चालान जारी किया जाता है. इस चालान को आपको कानूनी तौर पर 60 दिनों के अंदर भरना होता है. अगर ये टाइम बीत जाता है और चालान का पेमेंट नहीं किया जाता है, तो ये मामला वर्चुअल कोर्ट में चला जाता है. लेकिन अब सवाल ये उठता है कि वर्चुअल कोर्ट में चालान जाने के बाद भी नहीं भरा गया तो क्या होता है? चलिए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.

चालान वर्चुअल कोर्ट में ट्रांसफर हो जाता है

जब आप किसी चालान ई -चालान को तय समय के अंदर नहीं भरते हैं तो वो अपने आप ही वर्चुअल कोर्ट में ट्रांसफर हो जाता है. आप इसके जरिए घर बैठे भी चालान भर सकते हैं और फाइन जमा कर सकते हैं या फिर आप केस को चुनौती भी दे सकते हैं. वहीं, अगर आप वर्चुअल कोर्ट में भी चालान को 90 दिनों तक नहीं भरते हैं तो मामला एक कदम आगे बढ़ जाता है वो स्थानीय अदालत में भेज दिया जाता है.

चालान स्थानीय अदालत में भेज दिया जाता है

जब चालान का मामला फिजिकल कोर्ट में पहुंचता है, तो अदालत उस व्यक्ति के नाम समन जारी करती है. इसका मतलब है कि आपको एक तय तारीख को कोर्ट में पेश होना पड़ेगा. अगर व्यक्ति इस समन को नजरअंदाज करता है और कोर्ट में पेश नहीं होता है तो अदालत उसे गैर- जमानती तक का वारंट तक जारी कर सकती है.

वाहन की जब्ती या RTO से ब्लैकलिस्टिंग

अगर चालान लगातार अनदेखा किया जाता है, तो संबंधित आरटीओ (RTO) उस वाहन को ब्लैकलिस्ट कर सकता है. इससे वाहन का बीमा रिन्यू कराना, बिक्री करना या किसी और राज्य में रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर कराना मुश्किल हो जाता है. इसके अलावा, ट्रैफिक पुलिस कभी भी वाहन को रोककर जब्त कर सकती है.

समाधान क्या है?

चालान मिलने के बाद 60 दिन के अंदर पेमेंट करें. अगर मामला वर्चुअल कोर्ट में चला गया है तो वेबसाइट या ऐप के जरिए ऑनलाइन भुगतान कर सकते हैं. समय रहते जुर्माना भरना ही सबसे आसान, सुरक्षित और सस्ता ऑप्शन है.

Loving Newspoint? Download the app now