अमरोहा। रजबपुर के नईम ने खुद को रोहित चौधरी बता कर हिंदु युवती को प्रेमजाल में फंसा लिया। कहा कि वह दारोगा है। दोनों ने शादी भी कर ली, लेकिन जब युवती ने स्वजन से मिलाने का दबाव बनाया तो वह भाग गया।
पीड़िता ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जबकि उसके विरुद्ध दुष्कर्म का एक मुकदमा पहले से दर्ज था। अब अदालत ने नईम को मतांतरण के आरोप से तो बरी कर दिया है, लेकिन दुष्कर्म के मामले में 20 साल कैद की सजा सुनाई है। रजबपुर थाना क्षेत्र के गांव अंबरपुर निवासी नईम की मुलाकात 2021 में गजरौला थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी हिंदु युवती से हुई थी। नईम ने अपना नाम रोहित चौधरी बताया था।
कहा था कि वह अमरोहा क्राइम ब्रांच में दारोगा है। उसके बाद नईम ने युवती को प्रेमजाल में फंसा कर शादी का झांसा दिया तथा शारीरिक संबंध बना लिए थे। युवती के दबाव देने पर 18 मार्च 2022 को उसने एक मंदिर में शादी कर ली तथा गजरौला में किराए के मकान में रहने लगा।
युवती ने शादी में परिवार वालों को बुलाने के लिए कहा था तो नईम ने माता-पिता की मौत होने की बात कह कर टाल दिया था। दोनों पति-पत्नी के रूप में रहते, लेकिन नईम कम ही उसके पास आता था। शादी के बाद धर्म छिपाकर नईम युवती के साथ संबंध बनाता रहा तथा विरोध करने पर मारपीट करता था। अप्रैल 2022 में नईम ने अपना क्राइम ब्रांच में प्रमोशन होने की बात कह कर युवती से दो लाख रुपये ले लिए।
30 अप्रैल 2022 को नईम घर आया तो युवती ने उसके घर चलने के लिए कहा। नईम ने टैक्सी लाने का बहाना बनाया तथा वहां से चला गया। युवती ने फोन किया तो नईम ने वापस लौटने से मना कर दिया था। इसके बाद पीडिता ने गजरौला थाने में नईम के विरुद्ध धोखाधड़ी, दुष्कर्म व उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पुलिस ने नईम को जेल भेज दिया था।
हालांकि इस मामले में नईम को जमानत मिल गई थी, लेकिन आदमपुर थाने से जुड़े एक दुष्कर्म व पोक्सो एक्ट के मामले में उसे 10 साल कैद की सजा सुनाई जा चुकी थी। जिसके चलते वह जेल में ही था।
अब इस मुकदमे की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश (एफटीसी प्रथम) की अदालत में चल रही थी। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता संजीव चौधरी ने बताया कि गुरुवार को अदालत ने सुनवाई करते हुए नईम को मतांतरण के आरोप में बरी कर दिया है, जबकि दुष्कर्म, मारपीट, धमकी और धोखाधड़ी के मामले में दोषी मानते हुए 20 साल कैद की सजा सुनाई है। उस पर 86500 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
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